हिंदी माध्यम के छात्रों को बड़ी राहत : आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल घोषित विद्यालयों में पहले से चल रहे हिंदी माध्यम के स्कूल जारी रहेंगे

हिंदी माध्यम के छात्रों को बड़ी राहत : आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल घोषित विद्यालयों में पहले से चल रहे हिंदी माध्यम के स्कूल जारी रहेंगे
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वैसे तो जहां-जहां के स्कूलों को आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालय घोषित किया गया, वहां-वहां से विरोध के स्वर फूटे थे। लेकिन इस विरोध को जिम्मेदार अफसरान समझने को तैयार ही नहीं थे। लेकिन प्रदेश के सुदूर वनांचल से उठी आवाज एक कलेक्टर ने न सिर्फ सुनी बल्कि इस जेनुइन समस्या के समाधान की दिशा में ईमानदारी से प्रयास भी किया। उनका प्रयास रंग लाया और प्रदेशभर के हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने वाले हजारों विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को राहत मिली है... ऐसा क्या हुआ है, पढ़िए...

एनिशपुरी गोस्वामी-अंबागढ़ चौकी। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना में प्रदेश सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। लोक शिक्षण संचालनालय नवा रायपुर से 20 जून को प्रदेश के सभी कलेक्टर्स और जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम जारी आदेश के मुताबिक अब जिन स्कूलों को आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल बनाया गया है, वहां पूर्व से संचालित हिंदी माध्यम के स्कूल भी यथावत जारी रहेंगे। यानी आत्मानंद स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की भर्ती तो होगी, साथ ही पहले से वहां हिंदी माध्यम में अध्ययनरत छात्र भी उसी स्कूल में अपनी शिक्षा जारी रख सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि जहां-जहां भी आत्मानंद अग्रेजी माध्यम सकूलों की घोषणा की गई, वहां-वहां से इस बाबत विरोध के स्वर उठ रहे थे। सवाल यह था कि वहां पहले से हिंदी माध्यम की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र कहां जाएं। क्योंकि वहां पढ़ने वाले सभी छात्रों का अंग्रेजी माध्यम स्कूल में एडमीशन तो हो नहीं रहा था।

उल्लेखनीय है कि अंबागढ़ चौकी में स्थित कन्या शाला को भी आत्मानंद विद्यालय में तब्दील कर दिया गया है। इस फैसले से नाराज नगरवासियों ने लंबा आंदोलन चलाया, और फिर नगर पंचायत उपाध्यक्ष रितेश मेश्राम, पूर्व विधायक भोलाराम साहू के साथ नगरवासियों का प्रयास रंग लाया। ये सभी मिलकर राजनांदगांव कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा को अपनी बात समझााने में कामयाब रहे। तब राजनांदगांव कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने लोक शिक्षण संचालनालय से शासन स्तर पर चर्चा की, तब जाकर संचालनालय में बैठे अफसरों को यह मूल समस्या समझ में आ गई। इसके बाद संचालनालय ने नई व्यवस्था बनाते हुए आत्मानंद विद्यालयों में दो पालियों में स्कूल लगाने की बात कही है। पहली पाली में अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई होगी, वहीं दूसरी पाली में वहां के नियमित हिंदी माध्यम के विद्यार्थी अपनी शिक्षा ग्रहण करेंगे। अब यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है। अब आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों के साथ-साथ हिंदी पाठ्यक्रम भी पूरे प्रदेश में जारी रहेंगे। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम के चलते हिंदी मीडियम के सकूल विलुप्त नहीं होंगे।





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