अजीत जोगी पर बायोपिक जल्द, सागौन बंगला से रविवार को होगा ऐलान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के जीवन पर आधारित बॉयोपिक Ajit Jogi (An Inspiration) उनके पुत्र अमित जोगी के मार्गदर्शन में बनने जा रहा है। इस फ़िल्म के निर्देशक देवेंद्र जांगड़े है, जिन्होंने हाल ही में जोहार छत्तीसगढ़ फ़िल्म का भी निर्देशन किया था। इस फ़िल्म के निर्माता अरविन्द कुर्रे और संगीतकार हेम लाल चतुर्वेदी हैं। सिविल लाइन स्थित सगौन बंगले में कल रविवार को फिल्म की घोषणा की जाएगी।
अजीत जोगी का निधन 29 मई 2020 दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। छत्तीसगढ़ की राजनीति के धुरंधरों में गिने जाते रहे अजीत जोगी को सपनों का सौदागर भी कहा जाता था। अजीत जोगी ने खुद अपने आप को 'सपनों का सौदागार' बताया था। साल 2000 में जब अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उन्होंने कहा था, ''हां, मैं सपनों का सौदागर हूं। मैं सपने बेचता हूं'', लेकिन 2003 में हुए विधानसभा चुनावों में अजीत जोगी को हार का सामना करना पड़ा। फिर 2008 में और 2013 में भी वो 'सपने' नहीं बेच पाए। अजीत जोगी के राजनीतिक सफर की बात करें तो उन्होंने शुरुआती दिनों में काफी चुनौतियों का सामना किया।
अजीत जोगी 1986 से 1998 के बीच दो बार राज्य सभा के सांसद चुने गए। 1998 में वे रायगढ़ से सांसद चुने गए। 1998 से 2000 के बीच वे कांग्रेस के प्रवक्ताे भी रहे। छत्तीसगढ़ राज्य़ बनने के बाद वे 2000 से 2003 के बीच राज्यग के पहले मुख्येमंत्री रहे। 2004 से 2008 के बीच वे 14वीं लोकसभा के सांसद रहे। 2008 में वे मरवाही विधानसभा सीट से चुन कर विधानसभा पहुंचे और 2009 के लोकसभा चुनावों में चुने जाने के बाद जोगी ने लोकसभा सदस्य छत्तीसगढ़ के महासामुंद निर्वाचन क्षेत्र के रूप में काम किया। हालांकि जोगी 2014 के लोकसभा चुनावों में अपनी सीट बरकरार रखने में असफल रहे और बीजेपी के चंदू लाल साहू से 133 मतों से हार गए।
2014 में छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ में उपचुनाव होना था। कांग्रेस की ओर से मंतूराम पंवार प्रत्याशी थे, उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया। वापस लेने के आखिरी दिन मंतूराम ने पार्टी को बिना बताए नाम वापस ले लिया। 2015 के आखिर में एक ऑडियो टेप सामने आया जिसमें खरीद-फरोख्त की बातें थीं। आरोप लगे कि टेप में अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता की आवाज थी। ये बातचीत मंतूराम पंवार के नाम वापस लेने के बारे में थी। इस टेपकांड के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ की प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बेटे अमित जोगी को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। इसके साथ ही अजीत जोगी को भी पार्टी से निकालने की सिफारिश कर दी गई।
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