स्वागत के लिए लड़ पड़े भाजपाई : भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत करने की मची होड़, दो गुटों में हुई जमकर मारपीट

दुर्ग। छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं के बीच जमकर मारपीट हुई। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत के दुर्ग प्रवास कार्यक्रम के दौरान दो दिग्गजों के बीच मारपीट हुई। कुम्हारी में स्वागत कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष को अपनी-अपनी गाड़ी में बिठाने को लेकर विवाद हुआ।
दरअसल यहां के दो दिग्गज भाजपा नेता प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को अपनी-अपनी गाड़ी में बिठाने के नाम पर लड़ने लगे। प्रदेश अध्यक्ष उनकी गाड़ी में तो नहीं बैठे, लेकिन दोनों नेताओं के बीच जमकर लात-घुसें चले। इस मामले में पुलिस को काउंटर एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।
भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत के प्रथम दुर्ग जिला आगमन पर कुम्हारी से लेकर दुर्ग तक जगह-जगह उनके स्वागत की तैयारियां की गई थी। रवि भगत मंगलवार दोपहर 1 बजे के करीब रायपुर से दुर्ग के लिए निकले थे। कुम्हारी टोल प्लाजा क्रॉस करने के बाद भाजयुमो कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उनका जमकर स्वागत किया।
अपनी-अपनी गाड़ी में बैठाने, लड़ पड़े नेता
इस दौरान भाजयुमो से कुम्हारी के प्रभारी आशीष शुक्ला और भाजपा नेता राकेश पांडेय के पुत्र गौरव पांडेय भी स्वागत करने पहुंचे थे। दोनों ने रवि भगत को अपनी-अपनी गाड़ी में बैठने की बात कही। इस बात को लेकर दोनों नेताओं के बीच विवाद होने लगा। इसे देखते हुए भाजयुमों प्रदेश अध्यक्ष ने दोनों की गाड़ियों में बैठने से मना किया और आगे चलने लगे।
प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही हुई गाली-गलौच
वहीं, दोनों नेता प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही एक दूसरे को गाली-गलौज करने। देखते ही देखते दोनों गुटों भिड़ंत हो गई और अध्यक्ष के सामने ही दोनों पक्षों में लात-घूसे चलने लगे। किसी तरह यह मामला शांत हुआ इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का काफिला आगे बढ़ गया। कुम्हारी पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों के खिलाफ मारपीट की धाराओं के साथ काउंटर अपराध दर्ज किया है।
सुपेला में भी हुआ विवाद
भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत छत्तीसगढ़िया कलेवर में सुपेला चौक में किया। यहां राउत नाचा किया गया और प्रदेश अध्यक्ष को बैल गाड़ी में बैठा कर उनका स्वागत किया गया। इस अनोखे स्वागत की रवि भगत ने काफी प्रशंसा की। वहीं, जिस समय रवि भागत का सुपेला में स्वागत किया जा रहा था उस दौरान सुपेला मंडल के भाजपा नेताओं ने आपस में झगड़ा शुरू कर दिया। इस झगड़े को किसी तरह शांत कराया गया। दोनों नेताओं को समझाया गया कि ऐसे मौके पर विवाद बढ़ेगा तो पार्टी की किरकिरी होगी। इसके बाद इस मामले को थाने नहीं जाने दिया गया और वहीं इस मामले को ख़तम कर दिया गया।
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