10वीं-12वीं में फिर सिलेबस कटौती के मूड में माशिमं, बीते सत्र 30 फीसदी घटा था पाठ्यक्रम

10वीं-12वीं में फिर सिलेबस कटौती के मूड में माशिमं, बीते सत्र 30 फीसदी घटा था पाठ्यक्रम
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माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली दसवीं-बारहवीं की परीक्षाओं में लगातार दूसरे वर्ष कटौती की जा सकती है। यदि अगस्त तक स्कूल नहीं खुले, तो माशिम बीते शैक्षणिक सत्र में की गई सिलेबस कटौती इस वर्ष भी जारी रख सकता है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 में दसवीं और बारहवीं के छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में ही हुई थी। कोरोना से उपजी परिस्थितियों को देखते हुए माशिम ने बोर्ड कक्षाओं के पाठ्यक्रम में 30 से 40 फीसदी हिस्सा हटा दिया है। एक सिंतबर को माशिम ने यह आदेश जारी किया था।

रायपुर. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली दसवीं-बारहवीं की परीक्षाओं में लगातार दूसरे वर्ष कटौती की जा सकती है। यदि अगस्त तक स्कूल नहीं खुले, तो माशिम बीते शैक्षणिक सत्र में की गई सिलेबस कटौती इस वर्ष भी जारी रख सकता है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 में दसवीं और बारहवीं के छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में ही हुई थी। कोरोना से उपजी परिस्थितियों को देखते हुए माशिम ने बोर्ड कक्षाओं के पाठ्यक्रम में 30 से 40 फीसदी हिस्सा हटा दिया है। एक सिंतबर को माशिम ने यह आदेश जारी किया था।

इसके बाद स्कूलों में घटे हुए पाठ्यक्रम के आधार पर ही पढ़ाई करवाई गई। असाइनमेंट तथा परीक्षा में सवाल भी संशोधित पाठ्यक्रम से ही दिए गए। प्रतियोगी परीक्षाओं तथा आगे की कक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण विषयों को सिलेबस में जगह दी गई थी। ऐसे टॉपिक जो अपेक्षाकृत कम महत्व के थे तथा अगली कक्षाओं के आधार में जिससे विशेष फर्क नहीं पड़ता, उसे हटाया गया था। सभी विषयों में यह कटौती की गई थी। हालांकि कुछ में इसकी मात्रा कम तथा कुछ में अधिक थी।

बीते सत्र के पाठ्यक्रम को बनाया आधार

लगभग सभी निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई प्रारंभ की जा चुकी है। कुछ सरकारी स्कूलों में भी अध्ययन-अध्यापन शुरू किए जाने की तैयारी है। स्कूल पाठ्यक्रम को लेकर असमंजस में हैं। वे यह निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं कि पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाए अथवा बीते सत्र में 30 फीसदी कटौती के बाद माशिम द्वारा जारी किए गए पाठ्यक्रम का अध्यापन कराया जाए। ऐसे में कई स्कूल घटे हुए पाठ्यक्रम को आधार बनाकर ही पढ़ाई करा रहे हैं, ताकि माशिम द्वारा इस वर्ष भी सिलेबस घटाए जाने पर पढ़ाया गया व्यर्थ ना हो। वहीं कई स्कूल जल्द से जल्द गाइडलाइन जारी करने की मांग कर रहे हैं।

फैसला जल्द

शीघ्र ही इस विषय में फैसला लिया जाएगा। यदि हालात बीते वर्ष की ही तरह रहते हैं और तय वक्त पर स्कूल नहीं खुलते हैं, तो हम पाठ्यक्रम घटाएंगे।

- प्रो. वीके गोयल, सचिव, माशिम

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