Breaking : छत्तीसगढ़ में यूरिया घोटाला उजागर, रिकॉर्ड में इतना बेच डाला, जितनी जमीन ही नहीं

कोरबा। यूरिया बिक्री में सहकारी समितियों द्वारा की जा रही अनियमितताएं वाली खबरों पर कलेक्टर किरण कौशल ने संज्ञान लेते हुए जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उपसंचालक कृषि ने उप-पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला कोरबा को पत्र लिखकर अनियमितता करने वाले दो सहकारी समितियों के प्रबंधकों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।
उपसंचालक कृषि ने बताया कि दो सहकारी समितियों में यूरिया बिक्री में अनियमितता पाया गया हैं। उन्होने बताया कि एमएफएमएस उर्वरक पोर्टल पर जिले के यूरिया खरीददारो किसानों की इंट्री की जाती है। उर्वरक पोर्टल पर जिले के टॉप 20 यूरिया खरीददारों किसानों के रिकॉर्ड की जांच की गई। किसानों द्वारा जिन संस्थानों से यूरिया की खरीदी की गयी, उनकी भी जांच की गई। जांच में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति उतरदा और दूरपा द्वारा यूरिया बिक्री में अनियमितताएं पाई गईं।
उक्त संबंध में प्रभारी प्रबंधक उतरदा घनश्याम जयसवाल और समिति प्रबंधक दुरपा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। कारण बताओ नोटिस का जवाब प्रबंधकों द्वारा प्रस्तुत किया गया। जवाब संतोषजनक नही पाया गया। उपसंचालक कृषि ने बताया कि जवाब संतोषजनक ना पाए जाने पर दोनों समितियों के लाइसेंस निरस्त किये जाने की कार्यवाई की जानी थी, लेकिन खरीफ सीजन में कृषकों को उर्वरक आपूर्ति हेतु असुविधा ना हो इसको ध्यान में रखते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण नहीं किया गया है।
उपसंचालक कृषि ने बताया कि अनियमितता पाये जाने पर दोनों समितियों के प्रभारी प्रबंधकों के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला कोरबा से की गई है।
उर्वरक पंजीयन अधिकारी ने बताया कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति उतरदा द्वारा कृषक लकेश्वर मरकाम उतरदा को 242 बोरी, टिकैत राम यादव उतरदा को 340 बोरी, जगमोहन कंवर को 200 बोरी, संतोष कुमार रात्रे जोरहाडबरी को 200 बोरी तथा विश्वजीत पेंद्रो ओझियाइन को 200 बोरी यूरिया बिक्री की गई थी। खरीदी करने वाले किसानों के पास उनके द्वारा खरीदी गई यूरिया की मात्रा के अनुपात में खेतीहर भूमि नहीं पाई गई है।
इसी प्रकार आदिमजाति सेवा सहकारी समिति दुरपा (कनबेरी) द्वारा किसान मंगल सिंह कनबेरी को 202 बोरी, बलदेव सिंह कंवर को 200 बोरी, दिलहरन सिंह कंवर को 202 बोरी तथा दिलबहार सिंह कंवर कनबेरी को 203 बोरी यूरिया की बिक्री की गई थी। इन किसानों के पास भी उनके द्वारा ली गई यूरिया की मात्रा के अनुपात में खेतीहर भूमि नहीं पाई गई।
उपसंचालक कृषि ने बताया कि दोनों समितियों के प्रबंधकों का कृत्य उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 द्वारा निर्धारित नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। साथ ही सिविल सेवा आचरण 1965 के नियम 3 के तहत कदाचार की श्रेणी में आता है।
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