बजट सत्र : उद्योग मंत्री लखमा सदन में मौजूद, फिर भी दूसरे मंत्री के जवाब देने पर विपक्ष नाराज, उठाया व्यवस्था का प्रश्न

बजट सत्र : उद्योग मंत्री लखमा सदन में मौजूद, फिर भी दूसरे मंत्री के जवाब देने पर विपक्ष नाराज, उठाया व्यवस्था का प्रश्न
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विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने शून्यकाल के दौरान व्यवथा का प्रश्न उठाया। मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायको की रोका टोकी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा की मौजूदगी में दूसरे मंत्री के जवाब दिये जाने पर विधानसभा उपाध्यक्ष से व्यवस्था का आग्रह किया। पढ़िए पूरी खबर…

रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष के तेवर देखते ही बन रहे हैं। बीजेपी विधायकों ने व्यवस्था पर प्रश्न उठाया। बृजमोहन अग्रवाल ने आसंदी से शून्यकाल के दौरान कहा कि आपकी व्यवस्था आनी चाहिए कि जो विभागीय मंत्री मौजूद हैं क्या उनकी उपस्थिति में दूसरा मंत्री जवाब दे सकता है। विधायक शिवरतन शर्मा और अजय चंद्राकर ने भी इसका समर्थन किया। सत्तापक्ष की तरफ से मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कल से आसंदी के ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जा रहा है।

संसदीय इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ

बृजमोहन ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान मंत्री विधायक डिस्टर्बेंस करते हैं। विपक्ष के अधिकारो का हनन हो रहा है। संसदीय इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है। बृजमोहन अग्रवाल ने शून्यकाल में कहा कि रविंद्र चौबे ने कल कहा था की विपक्ष सदन में जानवरों जैसा आवाज निकाल रहे हैं। क्या इस सदन में जो बैठे उन्हें रैबिश का इंजेक्शन लगता है। यह खाली हमारा अपमान नही है।

अध्यक्ष को डांटा गया है इसलिए चेयर पर नहीं

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की अध्यक्ष को डांटा गया है इसलिए वह अपनी चेयर पर नहीं बैठ रहे हैं। अमरजीत भगत ने कहा लगातार विपक्ष के विधायक आसंदी पर उंगली उठा रहे, उन्हे चुनौती दी जा रही है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सदन के वरिष्ठ सदस्य ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया है। छग विधानसभा की पूरी गरिमा का सब स्वागत करते हैं, दुर्भाग्य है कि यहां की गरिमा को सुनियोजित तरीके से गिराया जा रहा है। सदन को वरिष्ठ मंत्रियों ने प्रश्नकाल के दौरान बाधित करने का काम किया। विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा पूर्ववर्ती व्यवस्था को देखकर व्यवस्था दूंगा।

सदन में केवल 4 लोगों ने ठेका ले रखा है क्या ?

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कल मुख्यमंत्री ने अपने उत्तर में असंसदीय भाषा का उपयोग किया है, तो उसे विलोपित किया जाए। बृहस्पति सिंह ने कहा कि आदिवासियों का अपमान करने वाले लोग हैं विपक्ष के विधायक। सदन में केवल 4 लोगों ने ठेका ले रखा है क्या ?

शब्दों की गरिमा और समय की मर्यादा रखनी चाहिए

दोनो पक्षों में हुए हंगामे के बीच मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा18 साल हम भी प्रतिपक्ष में रहे हैं। दोनों पक्षों की जवाबदारी है, शब्दों की मर्यादा क्या केवल हमारे लिए है, यह सभी की जवाबदारी है। हर प्रश्न केवल आप करेंगे। हम हर सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। शब्दों की गरिमा और समय की मर्यादा आपको भी रखनी चाहिए। केवल आरोप लगाकर और नारेबाजी करने से आप प्रतिपक्ष को जीवित रखना चाहते हैं तो यह गलत है।

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