20 साल में पहली बार नहीं बढ़ेगा बजट का आकार, विभागों को भी पिछले साल जितना पैसा

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 1 मार्च को अपने कार्यकाल का तीसरा बजट प्रस्तुत करेंगे। कोरोना संकट में राजस्व आय में कमी के चलते छत्तीसगढ़ में 20 साल बाद बजट का आकार नहीं बढ़ेगा। वर्ष 2021-22 के बजट का आकार पिछले साल के बराबर लगभग 1 लाख 2 हजार करोड़ रहने का अनुमान है। सरकार के राजस्व आय में कमी और केंद्र से 15 हजार करोड़ की राशि नहीं मिलने के कारण नई योजनाएं नए बजट में शामिल नहीं की जा रही हैं। विभागों को पिछले साल के अनुसार ही आवंटन दिए जाने की संभावना है। भविष्य में केंद्रीय राशि मिलने को देखते हुए अधोसंरचना विकास, शिक्षा, आदिम जाति विभाग, नक्सलवाद, चिकित्सा के क्षेत्र में बजट के आकार को बढ़ाने का प्रयास किए जा रहे हैं।
कोरोनाकाल का वर्तमान बजट का काफी असर दिखाई पड़ेगा। नई योजनाओं को शामिल नहीं किए जाने के कारण विभागों को बड़ी राशि नहीं मिल पाएगी। विभागीय योजनाओं के अभिसरण से बच्चों के कुपोषण को लेकर नई योजना लाने पर विचार किया जा रहा है। बजट में शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, कृषि, गृह, स्वास्थ्य, पीएचई, महिला एवं बाल विकास, नगरीय निकाय विभाग को भी पिछले साल के बराबर राशि आवंटित की जाएगी। बजट में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के कारण इन विभागों को राशि मिलने की संभावना अधिकारी बताते हैं। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार ने अब तक 41 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। आबकारी, पंजीयन और अन्य विभागों से आय बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि नहीं
कांग्रेस के जन घोषणापत्र के अनुरूप सामाजिक सरोकारों के तहत पेंशन में वृद्धि किए जाने की घोषणा की गई थी, पर नए बजट में विधवा, वृद्धावस्था, इंदिरा, दिव्यांग पेंशन में कोई वृद्धि की संभावना नहीं दिख रही है। दिव्यांगों के लिए कुछ नए प्रावधान किए जाने की संभावना है।
उद्योगों को रियायत
नए बजट में वन्य उत्पादों का समर्थन मूल्य बढ़ने की संभावना है। उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों को दी गई जमीन फ्री होल्ड करने सहित अन्य रियायतें दिए जाने की संभावना है। सरकार की ओर से उद्योग नीति के अनुरूप अनुसूचित क्षेत्रों में उद्योगों बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।
एक लाख करोड़ के पार पहुंचा बजट
छत्तीसगढ़ के चालू वित्तीय वर्ष का बजट एक लाख करोड़ के पार पहुंच चुका है। वर्ष 2020-21 का मुख्य बजट एक लाख दो हजार 907 करोड़ रुपए का था। सरकार ने 3807 करोड़ का पहला अनुपूरक बजट पेश किया था। इसके बाद 2387 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट दिसंबर में लाया गया। तीसरा अनुपूरक बजट 505 करोड़ का लाया गया। तीनों अनुपूरक को शामिल करने के बाद बजट का कुल आकार एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए हो चुका है।
केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की राशि खर्च
कोरोना संकटकाल में 14वें वित्त आयोग सहित केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की एक बड़ी राशि खर्च की गई है। अधिकारियों के अनुसार यह राशि केंद्र के परिपत्र के आधार की गई है। पंचायतों में इसके कारण विकास एवं निर्माण कार्य ठप पड़े हुए हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा रुका हुआ है। छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के माध्यम से ही कार्य चल रहे हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से भी क्वारेंटाइन सेंटर के लिए करोड़ों की राशि खर्च की गई थी।
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