बारिश से बेपरवाह संगठनों का दूसरे दिन भी हल्ला बोल, पुलिस ने रोका

बारिश से बेपरवाह संगठनों का दूसरे दिन भी हल्ला बोल, पुलिस ने रोका
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राजधानी में मंगलवार को भी बूढ़ापारा धरनास्थल पर एक साथ 3 संगठनों ने अलग-अलग पंडालों में अपनी लंबित मांगों को लेकर धरना दिया। बारिश के बावजूद दिवंगत पंचायत शिक्षकों के आश्रितों ने अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाएं घंटों धरना-प्रदर्शन में डटी रहीं।

राजधानी में मंगलवार को भी बूढ़ापारा धरनास्थल पर एक साथ 3 संगठनों ने अलग-अलग पंडालों में अपनी लंबित मांगों को लेकर धरना दिया। बारिश के बावजूद दिवंगत पंचायत शिक्षकों के आश्रितों ने अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाएं घंटों धरना-प्रदर्शन में डटी रहीं।

वहीं सहकारिता कर्मचारियों ने धान खरीदी में सूखत एवं अतिरिक्त राशि खर्च देेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। धरनास्थल पर बड़ी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने जिला प्रशासन ने पुलिस बल की तैनाती की। इसके चलते सहकारिता कर्मचारियों में नाराजगी देखी गई। इधर मूर्तिकारों ने 7 सूत्रीय मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की।

अनुकंपा नियुक्ति की मांग, बेमियादी धरना

दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के बैनर तले प्रदेशभर से जुटे आश्रित परिजनों ने 2 सूत्रीय मांग को लेकर राजधानी के बूढ़ापारा स्थित धरनास्थल से रैली निकाली। बारिश में भीगते हुए अपनी मांगों को लेकर एकजुट हुई महिलाओं ने एक स्वर से 22 मई 2021 को दिए गए आदेश के अनुसार दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति में 10 फीसदी की बाध्यता को हटाते हुए नियुक्ति की मांग की।

साथ ही बीएड, डीएड एवं टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षकों के परिजनों को उनकी योग्यता के अनुसार तृतीय और चतुर्थ श्रेणी एवं सहायक शिक्षकों के पद और प्रयाेगशाला शिक्षक के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति की मांग की। अनुकंपा पीड़ित परिवारों ने राज्य शासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए धरनास्थल पर नारेबाजी भी की।

सहकारिता कर्मचारियों ने दिखाया दम, निकाली रैली

प्रदेश की सहकारी समितियों एवं सहकारी बैंकों में कार्यरत सभी संवर्ग के कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। धान खरीदी में सूखत एवं अतिरिक्त राशि के मुद्दे को लेकर बूढ़ापारा धरनास्थल सभा का आयोजन किया गया। सभा में कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर एकजुट होकर राज्य शासन तक अपनी बात पहुंचाने का आव्हान किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने कर्मचारियों की मांगाें का समर्थन करते हुए राज्य सरकार से मांगें पूरी करने आवाज बुलंद की।

प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पहुंचे कर्मचारियों ने धरनास्थल से बैनर-पोस्टर हाथ में लेकर रैली निकाली । विधानसभा घेराव के लिए निकले प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस दाैरान बारिश से भीगती महिला पुलिस कर्मचारी छतरी का सहारा लेकर प्रदर्शकारियों को आगे बढ़ने से राेकने मुस्तैद दिखीं। स्मार्ट सिटी दफ्तर के सामने विधानसभा जा रहे कर्मचारियों को पुलिस ने आगे जाने से रोक दिया।

मूर्तिकारों का धरना

छत्तीसगढ़ मूर्तिकार-चित्रकार संघ के आव्हान पर मूर्तिकारों ने अपनी 7 सूत्रीय मांग को लेकर राजधानी में धरना दिया। संघ के अध्यक्ष यशवंत चक्रधारी, उपाध्यक्ष राजेश बेरिया, सचिव प्रकाश साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर 7 सूत्रीय मांगें पूरी करने का आग्रह किया।

प्रमुख मांगों में मूर्तिकार एवं चित्रकाराें के लिए पृथक वेलफेयर बोर्ड का निर्माण करने और कला से संबंधित कार्याें की निविदा में सिर्फ कलाकारों काे ही आमंत्रित करने और दूसरे राज्याें से आए मूर्तियों एवं कलाकृति के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।

लामबंद मूर्तिकार एवं चित्रकारों का कहना है कि कलाकारों को सामाजिक सुरक्षा दी जाए। राज्य के सभी जिला एवं ब्लाक स्तर पर स्थानीय कलाकारों के लिए निशुल्क जमीन आवंटित करने की मांग शामिल है। मूर्तिकार-चित्रकार संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि गणेश चतुर्थी एवं दुर्गाेत्सव पर्व के लिए शासन जल्द से जल्द गाइडलाइन जारी करे।


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