लॅाक डाउन में बिल्डिंग मटेरियल का 90 फीसदी कारोबार लॅाक, अब तक तीन हजार करोड़ का फटका

लॅाक डाउन में बिल्डिंग मटेरियल का 90 फीसदी कारोबार लॅाक, अब तक तीन हजार करोड़ का फटका
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कोरोना की दूसरी लहर के कारण लगे लॉकडाउन से बिल्डिंग मटेरियल का 90 फीसदी कारोबार लॉक हो गया है। प्रदेश में रोज दस हजार ट्रक रेत के साथ इतने ही ट्रक गिट्टी और ईंट का कारोबार होता है। यह कारोबार करीब 50 करोड़ का है। इसी के साथ सीमेंट और सरिया का करीब 60 करोड़ का कारोबार रोज होता है। अन्य सामानों का काराेबार भी करीब 20 करोड़ का हो जाता है।

कोरोना की दूसरी लहर के कारण लगे लॉकडाउन से बिल्डिंग मटेरियल का 90 फीसदी कारोबार लॉक हो गया है। प्रदेश में रोज दस हजार ट्रक रेत के साथ इतने ही ट्रक गिट्टी और ईंट का कारोबार होता है। यह कारोबार करीब 50 करोड़ का है। इसी के साथ सीमेंट और सरिया का करीब 60 करोड़ का कारोबार रोज होता है। अन्य सामानों का काराेबार भी करीब 20 करोड़ का हो जाता है। ऐसे में रोज सवा साै करोड़ का कारोबार होता है, इसमें से 20 से 25 करोड़ का ही काम हो रहा है। माहभर में तीन हजार करोड़ का कारोबार अब तक प्रभावित हो चुका है।

काेरोना की दूसरी लहर के कारण प्रदेश के ज्यादातर जिलों में लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन का आगाज पिछले माह से हुआ है। लॉकडाउन के कारण सभी सेक्टर पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गए हैं। ऐसा कोई सेक्टर नहीं बचा है, जहां इसका असर न हो। प्रदेश की रेत, गिट्टी, मुरुम खदानों के साथ ईंट भट्ठों में काम बंद हो गया है। इसी के साथ सीमेंट और सरिया की सप्लाई भी नहीं हो रही है।

रेत, गिट्टी, ईंंट का 50 करोड़ का धंधा

बिल्डिंग मटेरियल के कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं, प्रदेश में 802 रेत खदानों के साथ दो हजार गिट्टी खदानें, एक हजार से ज्यादा लाल ईंट बनाने वाले भट्ठे एवं फ्लाई एश ईंट बनाने वाले भी करीब एक हजार हैं। इनके ट्रांसपोर्ट के कारोबार में अकेले छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ की तीन हजार ट्रकें लगी रहती हैं। रेत के साथ गिट्टी और ईंट का रोज का करीब दस-दस हजार ट्रकों का काम होता है। रेत और गिट्टी एक ट्रक औसत दस हजार और ईंट करीब 25 हजार की पड़ती है। ऐसे में इन तीनों का मिलाकर ही एक दिन में 45 करोड़ का कारोबार होता है। इसके साथ ही मुरुम का भी करीब पांच करोड़ का काम होता है। कारोबारी कहते हैं, इस समय मुश्किल से रोज हजार ट्रकों का ही परिवहन हो पा रहा है।

सीमेंट और सरिया 60 करोड़

सीमेंट और सरिया का कारोबार करने वालों की मानें तो एक दिन में इसका 60 करोड़ का कारोबार हो जाता है। सीमेंट का कारोबार बड़ा है। प्रदेश में रोज करीब 30 हजार टन सीमेंट बिकता है। इसकी खपत ज्यादातर सरकारी कामों और रीयल एस्टेट में होती है। इस समय यह खपत 20 से 25 फीसदी तक ही हो रही है। सरिया की खपत भी नहीं के बराबर हो रही है। ज्यादातर साइट पर मजदूर न होने के कारण काम प्रभावित हो रहा है।

खदानों की समयसीमा बढ़ाई जाए

रेत खदानों को मानसून के कारण 10 जून से चार माह के लिए बंद कर दिया जाएगा। प्रदेश सरकार से मांग है कि लाॅकडाउन के कारण काम प्रभावित हुआ है। ऐसे में इस बार रेत खदानों को जून से बंद न करके उत्खनन अवधि को आगे बढ़ाया जाए, ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।


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