वन्यजीवों को बचाने गांवों में मुहिम, घर-घर पदचिन्हों की कराई जा रही पहचान

वन्यजीवों को बचाने गांवों में मुहिम, घर-घर पदचिन्हों की कराई जा रही पहचान
X
वनों की सुरक्षा के लिए गठित समिति के सदस्यों के माध्यम से वन विभाग के अफसर अब वन्यजीवों की सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग प्रजाति के वन्यजीवों के बारे में जानकारी देने के साथ उनके पगमार्क बताने और स्टूल (मल) के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

रायपुर. वनों की सुरक्षा के लिए गठित समिति के सदस्यों के माध्यम से वन विभाग के अफसर अब वन्यजीवों की सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग प्रजाति के वन्यजीवों के बारे में जानकारी देने के साथ उनके पगमार्क बताने और स्टूल (मल) के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

इस तरह की कवायद करने की मुख्य वजह किस क्षेत्र में किस प्रजाति के वन्यजीवों की संख्या ज्यादा है, इस बात की जानकारी जुटाने के साथ वन्यजीवों की गणना करने में वन अफसरों को मदद मिलेगी। साथ ही लोगों को वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन की प्रेरणा मिलेगी। इसे ध्यान में रखते हुए वन मुख्यालय वनक्षेत्र से सटे ग्रामीणों को वन्यजीवों की सुरक्षा करने प्रेरित कर रहा है। राज्य के अलग-अलग वनक्षेत्रों में आए दिन शिकार की घटनाएं सामने आ रही हैं। वन्यजीवों का शिकार रोकना वन अफसरों के साथ फील्ड में काम कर रहे वनकर्मियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए वन अफसर स्थानीय ग्रामीणों की मदद ले रहे हैं। इसी वजह से स्थानीय स्तर पर गठित वन सुरक्षा समिति के सदस्यों को वन्यजीवों की पगमार्क के साथ स्टूल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पगमार्क के आधार पर वन सुरक्षा समिति से जुड़े सदस्य क्षेत्र में विचरण कर रहे वन्यजीवों के बारे में वन अफसरों को जानकारी देंगे।

शिकार रोकने में मिलेगी मदद

पगमार्क शेड्यूल-1 के साथ अन्य संरक्षित प्रजाति के वन्यजीवों के होने की पुष्टि के बाद वन अफसर उस क्षेत्र में गश्त तेज कर वन्यजीवों की सुरक्षा करेंगे। साथ ही उस वन्यजीव की मॉनिटरिंग करने में वनकर्मियों को मदद मिलेगी। इस तरह से वन्यजीवों की सुरक्षा आसानी से की जा सकेगी। इससे शिकार पर भी लगाम लगेगी।

संदिग्धों की देंगे जानकारी

वन अफसरों के मुताबिक जंगल क्षेत्र में संदिग्ध अवस्था में घूमने वाले लोगों के बारे में वन सुरक्षा समिति से जुड़े लोग ग्रामीणों की मदद से जानकारी एकत्रित कर इसकी जानकारी संबंधित अफसर को देंगे। साथ ही वन सुरक्षा समिति के सदस्य संदिग्ध रूप से घूमने वाले लोगों से पूछताछ कर जंगल में आने की वजह पूछेंगे। संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर वन सुरक्षा समिति के सदस्य संदिग्ध की पूरी जानकारी अपने क्षेत्र के वन अफसर को देंगे।

Tags

Next Story