राजधानी के थोक बाजार में पहले जैसी रौनक नहीं, धंधा 70 फीसदी मंदा

राजधानी में बाजार तो अनलॉक हो गया है पर थोक काराबोर में अब तक पहले जैसी रौनक नहीं लौटी है। डूमरतराई के बाजार में एक तो बाहर के राज्यों के खरीदार नहीं आ रहे हैं इसी के साथ रायपुर और अन्य जिलों के खरीदार भी कम हैं। ऐसे में जिस बाजार में रोज दस करोड़ तक का कारोबार हो जाता था वहां रोज तीन करोड़ के आसपास ही कारोबार हो रहा है। कारोबारी जरूरत के हिसाब से ही माल मंगा रहे हैं। एक बात अच्छी है कि कहीं से किसी माल का लेकर परेशानी नहीं है। हर सामान दूसरे राज्यों से आसानी से आ रहा है।
कोरोना के कहर की वजह से पिछले 10 अप्रैल से लगे लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट मिलते-मिलते अब रायपुर के साथ करीब डेढ़ दर्जन जिलों में बहुत से सेक्टरों को अनलॉक कर दिया गया है। अनलाॅक होने के कारण चिल्हर में तो अच्छा कारोबार हो रहा है लेकिन थोक कारोबार अब तक मंदा चल रहा है। इसके पीछे का कारण यह है कि लॉकडाउन के चलते चिल्हर कारोबारियों ने भी भारी स्टॉक लेकर रख लिया। अब ये कारोबारी अपना पुराना स्टॉक ही समाप्त करने में लगे हैं। यही वजह है कि लोकल कारोबारियों की थोक बाजार में बहुत कम खरीदारी हो रही है।
रविवार जैसे हालात
थोक कारोबारियों का कहना है कि थोक बाजार में पहले जिस तरह से दिनभर रौनक रहती थी वैसी स्थिति इस समय नहीं है। इसके पीछे एक और बड़ा कारण यह है कि यहां से बहुत ज्यादा माल ओडिशा, झारखंड और बिहार जाता है लेकिन इन राज्यों में लॉकडाउन के कारण वहां के कारोबारी खरीदारी करने यहां नहीं आ पा रहे हैं। इसी के साथ प्रदेश के कई जिलों में अब तक लॉकडाउन लगा हुआ है वहां भी कम माल जा रहा है। एक और बड़ा असर इसका है कि बाजारों के खुलने का समय कम हो गया है। इस वजह से चिल्हर कारोबारियों का धंधा भी मंदा हो गया है। कारोबारी कहते हैं उनको थोक बाजार में रोज रविवार जैसे हालात नजर आते हैं।
कारोबार आधा भी नहीं
थाेक बाजार में दूसरे राज्यों के साथ प्रदेश के कई जिलों से चिल्हर कारोबारियों के न आने के कारण व्यापार बहुत कम हो गया है। जब तक पूरा लॉकडाउन नहीं हटेगा, बाजार में पहले जैसी रौनक नहीं लौटेगी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS