प्रायोगिक परीक्षाओं के बाद सरकारी स्कूल भी सूने, सीबीएसई प्रक्टिकल आज से शुरू

प्रदेश में प्रायोगिक परीक्षाएं पूर्ण होने के बाद अधिकतर सरकारी स्कूलों में भी सन्नाटे की स्थिति निर्मित हो गई है। यहां भी ऑनलाइन मोड में ही कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश के कुछ स्कूलों में कोरोना संक्रमण के मामले मिलने के बाद से पालकों में भय व्याप्त है।
इसके चलते वे बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाह रहे हैं। निजी स्कूलों में पहले ही छात्रों की संख्या कम थी। स्कूल खोलने की अनुमति दिए जाने के साथ ही अधिकतर निजी और शासकीय विद्यालयों ने प्रायोगिक कार्य पूर्ण करा लिए थे।
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने स्कूलों को 10 फरवरी से 10 मार्च तक का समय प्रायोगिक कार्य पूर्ण कराने के लिए दिया है। स्कूलों ने प्रायोगिक परीक्षाएं पूर्ण कर छात्रों के अंक माशिम को भेजने की तैयारी कर ली है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले में 10 से 20 फीसदी स्कूल ही ऐसे हैं जहां प्रायोगिक परीक्षाएं अब तक पूरी नहीं हुई हैं।
स्पेशल कक्षाएं भी ऑनलाइन
सरकारी स्कूलाें में कोर्स पूर्ण होने के बाद कमजोर छात्रों के लिए स्पेशल कक्षाएं संचालित की जाती रही हैं, लेकिन इस वर्ष इसका भी स्वरूप बदला हुआ है। स्पेशल कक्षाएं भी ऑनलाइन मोड में ही ली जा रही हैं। इसके अलावा व्हॉट्सएप ग्रुप के जरिए भी कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिन छात्रों को ऑनलाइन मोड में दिक्कतें आ रही हैं वे ही स्कूल जाकर पाठ्यक्रम संबंधित अपनी समस्याओं का समाधान हासिल कर रहे हैं।
एक ग्रुप में सिर्फ 12 छात्र
वहीं सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा सोमवार से शुरू हो रही है। सभी सीबीएसई स्कूलों में परीक्षा को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। सीबीएसई की ओर से पर्यवेक्षक की सूची स्कूलों को भेज दी गई है। स्कूल 1 मार्च से लेकर 11 जून तक अपनी सुविधानुसार पर्यवेक्षक बुलाकर परीक्षा संपन्न कराएंगे।
परीक्षा को लेकर सीबीएसई द्वारा विशेष गाइडलाइन भी स्कूलों को भेजी गई है। कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा छोटे-छोटे समूह में ली जाएगी। एक ग्रुप में अधिकतम 12 छात्र ही शामिल होंगे। जिन स्कूलों में दो लैब हैं वहां दो ग्रुप एक साथ और एक समय में परीक्षा दे सकते हैं।
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