Cement Price : ग्राहकों की गांधीगिरी से सीमेंट कंपनियां बैकफुट पर घटाने पड़े 20 रुपए दाम

रायपुर। सीमेंट कंपनियों (cement companies)की मनमर्जी के कारण सीमेंट के दाम आसमान पर चले गए, तो ग्राहकों ने भी गांधीगिरी (Gandhigiri)दिखाते हुए हाथ खड़े कर दिए और सीमेंट खरीदना ही बंद कर दिया। ऐसा होने से कंपनियों को अंततः झुकना पड़ा और जहां ब्रांडेड कंपनियों ने दाम में दस रुपए कम किए हैं, वहीं छोटी कपंनियों ने कीमत में 20 रुपए की कमी की है। इधर सरिया (Iron rods)के दाम भी हजार रुपए कम हो गए हैं। अब लोकल सरिया 63 के स्थान पर 62 हजार रुपए टन हो गया है। प्रदेश में मानसून के कारण निर्माण कार्यों पर लगभग विराम लगने के बाद भी एक बार फिर से सीमेंट कंपनियां बेलगाम हो गई हैं।
इस समय इतिहास में पहली बार सीमेंट की कीमत साढ़े तीन सौ रुपए से पार होकर चिल्हर में 370 रुपए हो गई थी। कंपनियों ने इस माह के पहले ही दिन से 35 रुपए कीमत बढ़ा दी। पिछले माह के अंत में ही 20 रुपए कीमत बढ़ाई गई थी। दस दिनों में कीमत में 55 रुपए का इजाफा कर दिया गया। कीमत में 30 रुपए का और इजाफा करने की तैयारी थी। इसको 8 सितंबर से बढ़ाने का फैसला किया गया था, लेकिन कीमत में इजाफा करने के बजाय कीमत कम करनी पड़ गई है।
सीमेंट थोक में ही 330 रुपए तक
मानसून में डिमांड न होने के बाद भी हमेशा की तरह सीमेंट कंपनियां अपना हर माह का कोटा पूरा करने के लिए लगातार कीमत बढ़ाने की बात करके माल खपाने का काम करती हैं। इस समय ज्यादातर सीमेंट कंपनियों के सीमेंट की कीमत प्लांट से 290 से 330 रुपए है। जहां तक चिल्हर का सवाल है, तो चिल्हर में अलग-अलग कंपनियों के सीमेंट की कीमत अलग-अलग है। हल्के सीमेंट की कीमत भी 300 से 320 रुपए हो गई है। अच्छी कंपनी का सीमेंट 350 से 360 रुपए में मिल रहा है। दूरी ज्यादा होने पर भाड़ा भी ज्यादा देना पड़ रहा है।
सरिया के दाम भी हजार रुपए घटे
सरिया की कीमत को भी कम करने पर उत्पादकों को मजबूर होना पड़ा है। जो सरिया इस माह के प्रारंभ में 63 हजार रुपए टन हो गया था, वह अब 62 हजार रुपए हो गया है। वैसे सरिया इस साल के प्रारंभ में 64 हजार रुपए टन था, वह पिछले माह 49 हजार 500 तक पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद से इसकी कीमत में लगातार इजाफा किया जा रहा है। सरिया 52 से 54 फिर 56 और 58 हजार होने के बाद पहले 63 हजार रुपए टन हो गया, लेकिन डिमांड न होने के कारण कीमत में हजार रुपए की कमी की गई है।
बाजार में सन्नाटा
कीमतों में लगातार इजाफा होने के बाद अचानक ग्राहकों ने भी हाथ खड़े कर दिए और कोई भी सीमेंट नहीं खरीद रहा है। ग्राहकों को यह लग रहा है कि कंपनियों की यह मनमर्जी ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं है। बिल्डिंग मटेरियल का काम करने वालों का कहना है, बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा पसर गया है। दो-चार ग्राहक ही मजबूरी में आ रहे हैं, जिनको जरूरी काम करना है, वरना कोई भी सीमेंट खरीदने तैयार नहीं है । ऐसा होने से बिल्डिंग मटेरियल का काम करने वालों ने डीलरों से माल उठाना बंद कर दिया और डीलरों ने कंपनियों से माल लेना बंद कर दिया, तो कंपनियों को सर अपना फैसला बदलकर कीमत बढ़ाने के स्थान पर कीमत कम करनी पड़ी है। आने वाले समय में बाजार का हाल यही रहा तो कीमत में और कमी आएगी।
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