कोरोना टीकाकरण को लेकर केन्द्र और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के मध्य टकराव

वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन के बीच को-वैक्सीन के उपयोग के मामले में केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। ट्रायल पूरा होने के बाद ही को-वैक्सीन की सप्लाई करने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पत्र का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के जवाब दिया है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और छत्तीसगढ़ में इसके बेहतर कवरेज के लिए ध्यान दिया जाना चाहिए। जवाब के बाद श्री सिंहदेव ने दोहराया है कि जब तक को-वैक्सीन का तीसरा ट्रायल पूरा नहीं होता उपयोग नहीं होगा।
इस बीच बड़ी खबर यह है कि छत्तीसगढ़ को अब तक को-वैक्सीन की 1 लाख 86 हजार डोज मिली हैं। इनकी एक्सपायरी डेट इसी साल जून में है। यानी इन्हें कुछ महीने और उपयोग नहीं किया गया तो यह बेकार हो जाएंगी। इसे लेकर ही केंद्र और छत्तीसगढ़ के बीच टकराव है। प्रदेश में दो खेप में को-वैक्सीन की सप्लाई की गई है मगर यहां टीकाकरण अभियान कोविशिल्ड के भरोेसे पूरा किया जा रहा है।
को-वैक्सीन के तीन फेस का ट्रायल पूरा नहीं होने का तर्क देकर उसे डंप किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दो पत्रों के माध्यम से ट्रायल पूरा नहीं होने तक सप्लाई नहीं करने और वैक्सीन में एक्सपायरी डेट नहीं होने का जिक्र करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र भेजा था।
हर्षवर्धन का जवाब-पूरी तरह सुरक्षित है को-वैक्सीन
केंद्रीय मंत्री ने इसका जवाब दिया है कि उठाए गए तथ्यों का परीक्षण कराया गया है। दोनों वैक्सीन को सुरक्षा के मद्देनजर निर्धारित नियमों और जांच को पूरा करने के बाद इसका उपयोग करने के लिए औषधि नियंत्रक महानिदेशक ने मंजूरी दी है। वर्तमान में देशभर में टीकाकरण के लिए दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने इस मामले को सनसनीखेज बनाने के बजाय वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पर ध्यान देने का जिक्र किया है। इधर स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने अपने पत्र में को-वैक्सीन की तस्वीर शेयर कर उसमें एक्सपायरी डेट होने का जिक्र भी किया है।
9.5 फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख भी किया है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का टीका लगाने का काम धीमा चल रहा है। उन्होंने जिक्र किया कि प्रदेश के 69.87 स्वास्थ्य कर्मियों तथा 9.55 फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। प्रदेश में फ्रंटलाइन वर्करों की संख्या 2 लाख 9 हजार 512 है। उन्होंने टीकाकरण में लोगोें को होने वाली हिचकिचाहट को दूर करने में मदद करने कहा है।
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