रात्रिगश्त पर निकली पुलिस दल की नजर पड़ी धुएं पर और ख़ाक होने से बच गए सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के करोड़ों रुपये

रात्रिगश्त पर निकली पुलिस दल की नजर पड़ी धुएं पर और ख़ाक होने से बच गए सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के करोड़ों रुपये
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रात्रिगश्त पर निकली पुलिस दल को सेंट्रल बैंक से धुआं निकलता नजर आया। करीब जाकर देखा तो बैंक के अंदर आग की लपटें उठ रही थीं, जो बढ़ती जा रही थी। पुलिस के प्रयास एवं लोगों की सूझबूझ से घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार बैंक में लगी आग पर काबू पाया जा सका। पढ़िए पुलिस की सजगता और जनता के सहयोग की अनोखी मिसाल..

सीतापुर। प्राप्त जानकारी अनुसार देर रात 1 बजे रात्रिगश्त पर निकली पुलिस दल को सेंट्रल बैंक से धुआं निकलता नजर आया। उन्हें लगा कि पटाखे की वजह से धुआं उठ रहा है, किंतु उन्होंने जब करीब जाकर देखा तो सारा माजरा समझ मे आया। बैंक के अंदर आग की लपटें उठ रही थी जो बढ़ते जा रही थी। गश्तीदल ने तत्काल इसकी सूचना थाना प्रभारी को दी और सारा माजरा उन्हें बताया। मामले की गम्भीरता देख थाना प्रभारी रूपेश नारंग थाने से अतिरिक्त जवान लेकर मौके पर पहुँचे और आसपास के लोगो के सहयोग से आग पर काबू पाने का प्रयास करने लगे इस बीच अंबिकापुर से फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी बुला ली गई थी। पुलिस के अथक प्रयास एवं लोगो की सूझबूझ से घँटों की मशक्कत के बाद आखिरकार बैंक में लगी आग पर काबू पाया जा सका।

बैंक में आगजनी की सूचना के बाद अंबिकापुर से निकली फायर ब्रिगेड की गाड़ी 3 बजे भोर में मौके पर पहुँची। तब तक काफी हद तक आग पर काबू पा लिया गया था। आग सुलगने की जो थोड़ी बहुत जो संभावना थी उसे फायर ब्रिगेड ने दूर कर दिया। देर रात बैंक में हुई आगजनी के संबंध में जब शाखा प्रबंधक किशोर कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि शार्ट सर्किट की वजह से बैंक में आग लगी थी।जिसकी चपेट में आने से प्रबंधक के केबिन में रखे कुछ दस्तावेज जले है। इसके अलावा कंप्यूटर सेट,सीसी टीवी कैमरा और ऐसी क्षतिग्रस्त हुआ है अन्य दस्तावेज सुरक्षित है।

वहीं आगजनी के दौरान मौके पर मौजूद थाना प्रभारी रूपेश नारंग ने बताया कि गश्ती दल से जानकारी मिलते ही दलबल सहित मौके पर पहुँचा और बिना समय गंवाए लोगों के सहयोग से आगजनी पर काबू पाने में जुट गये। समय रहते अगर इस पर काबू नहीं पाया गया होता तो बैंक के अलावा बाजू में एटीएम मशीन और कपड़े की दुकान भी इसकी चपेट में आ जाते। जिसके बाद आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता। समय रहते आग पर काबू पाने से बड़ा नुकसान होने से बच गया।

सवाल बाकी हैं- नगरवासियों ने आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने कई बार नगर पंचायत को फायर ब्रिगेड की गाड़ी व्यवस्था करने की माँग की लेकिन आज तक उसे पूरा नही किया जा सका।अगर नगर पंचायत में फायर ब्रिगेड की वाहन होती तो देर रात हुई आगजनी की घटना पर समय रहते काबू पाया जा सकता था और होने वाले नुकसान से बचा जा सकता था। दो दशक से ज्यादा हो गए नगर पंचायत का गठन हुए। किंतु आगजनी की घटना से बचने फायर ब्रिगेड की कमी आज भी नगर पंचायत में बनी हुई है। इससे पहले भी नगर में बड़ी बड़ी आगजनी की घटनाएं हुई थी। जिसपर या तो पुलिस और जनता के सहयोग से काबू पाया गया या फिर बाहर से फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुलानी पड़ीनगरवासियों ने रात में फायर ब्रिगेड की कमी महसूस करते हुए अपनी पुरानी माँग दोहराई है और नगर पंचायत से इस कमी को दूर करने की माँग की है।




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