सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह : मित्तल हॉस्पिटल ने किया जांच शिविर का आयोजन, महिलाओं से अपील- लोक-लाज में न पड़ें, जांच कराएं

रायपुर। जनवरी महीने को पूरे वर्ल्ड में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता महीना के रूप में मनाया जाता है। इसलिए मित्तल हॉस्पिटल ने निशुल्क गर्भाशय कैंसर जांच शिविर का आयोजन किया। इस दिन करीब 84 महिलाओं ने इस शिविर में अपनी जांच करवाई। उनकी जांच करने के बाद उन्हें सहीं सलाह दी गई और 32 महिलाओं की निशुल्क जांच भी की गई। इनमें से 4 महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के शुरुआती लक्षण देखने को मिले उन लोगों की बायोप्सी की गई और रिपोर्ट के आधार पर आगे का ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसके साथ ही महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से किस प्रकार बचाया जा सकता है इस बारे में जानकारी दी गई।
मित्तल कैंसर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ सुमन मित्तल ने बताया पूरे विश्व में कैंसर मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं। यह कैंसर ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलता है। विदेशों में जागरुकता और अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से जांच के बाद इसका इलाज आसान हो जाता है, लेकिन भारत में यह बीमारी लगातार पांव पसार रही है। देश में सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित 50 हजार मरीजों की मौत हो जाती है। इसकी सबसे बड़ी वजह देश में जागरुकता की कमी है। शुरुआती लक्षण में महिलाएं लोक-लाज के डर से इस बीमारी की जांच नहीं कराती है।
डॉ जसवंत जैन ने बताया किसी तरह के लक्षण महसूस होते ही बायोप्सी जांच करानी चाहिए। शुरुआती क्षणों में इस बीमारी का पता लगने पर इसे आसानी से सर्जरी या फिर ग्रसित भाग को जलाकर निकाल दिया जाता है। लापरवाही के कारण यह बीमारी फैल जाती है। इस स्थिति में रेडियोथेरेपी ही एक मात्र इलाज है। डॉ पुनीत सेठ सर ने बताया क्या है सर्वाइकल कैंसर -एचपीवी वायरस के संक्रमण से यह बीमारी फैलती है। इस बीमारी को पूरी तरह फैलने में 8 से 10 वर्ष तक लगता है। अगर इसके बावजूद लापरवाही बरती जाए तो यह बीमारी शरीर के दूसरे अंगों को भी अपनी चपेट में ले लेती है, जो जानलेवा साबित होता है।
लक्षण
अनियमित माहवारी, 50 से 60 वर्ष के उम्र की महिलाओं में लगातार खून का निकलना सर्वाइकल कैंसर का मुख्य लक्षण है। डॉक्टर देवव्रत और डॉक्टर स्नेहा जैन ने बताया कि- हर साल जनवरी को सर्वाइकल हेल्थ अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। 2018 में, सर्वाइकल कैंसर के कुल मामलों में एक चौथाई भारत का योगदान था। सर्वाइकल कैंसर यूटरस के मुंह का कैंसर है। ये यूटरस में सेल्स की अनियमित वृद्धि होने के कारण होती है। सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से होता है।
वैक्सीन है जरूरी
ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) से बचाव करना सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए जरूरी है और सर्वाइकल वैक्सीन लगवाने से इस वायरस को रोका जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर का इंजेक्शन 10 साल की उम्र की लड़की से लेकर 45 साल की उम्र तक की हर महिला को लगवाना चाहिए। इस वैक्सीन के आपको तीन डोज दिए जाते हैं, पहला वैक्सीन लगवाने के बाद आपको अगले महीने दूसरा वैक्सीन लगवाना होता है और तीसरा वैक्सीन आपको 6 महीने के बाद लगाया जाता है। अगर उम्र 10 से 15 साल के बीच हो तो सिर्फ 2 इंजेक्शन दिए जाते हैं।
बचाव
शादी से पहले 9 से 26 वर्ष की उम्र की युवतियों को बाई वायलेट या टेट्रा वायलेट का दो डोज जरूर लेना चाहिए। माहवारी के समय हाईजीन की साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए।
पैप स्मीयर जांच बहुत जरूरी
25 वर्ष के उम्र के ऊपर की महिलाओं को पैप स्मीयर की जांच आवश्य करानी चाहिए। एचपीवी और डीएनए जांच भी करा सकते हैं। जिससे समय रहते सर्वाइकल कैंसर का पता लग जाए और सहीं समय पर इसका इलाज शुरू हो।
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