CG Elecion : उत्तर की गलियों में अजीत की चर्चा, बिगाड़ ना दे हार जीत का खेल

CG Elecion : उत्तर की गलियों में अजीत की चर्चा, बिगाड़ ना दे हार जीत का खेल
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चुनावी शोर गुल थमने के बाद यहां के चौराहों के बीच जाकर प्रत्याशी समर्थक लोगों का मन टटोलने के साथ चुनावी समीकरण जानने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तर विधानसभा इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के लिए चर्चा में है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। कांग्रेस-भाजपा (Congress and BJP) प्रत्याशियों (candidates)के जीत के दावों के बीच उत्तर की गलियों में अजीत (Ajit) की चर्चा जोरों पर है। क्षेत्र के लोगों का मानना है कि त्रिकोणीय मुकाबले में हार- जीत का खेल बिगड़ सकता है। चुनावी शोर गुल थमने के बाद यहां के चौराहों के बीच जाकर प्रत्याशी समर्थक लोगों का मन टटोलने के साथ चुनावी समीकरण जानने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तर विधानसभा इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के लिए चर्चा में है। कांग्रेस से कुलदीप जुनेजा (Kuldeep Juneja ) भाजपा से पुरंदर मिश्रा चुनावी समर में हैं, वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अजीत कुकरेजा (Ajit Kukreja)विधायक पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। सत्रह को होने वाले मतदान के मद्देनजर बुधवार की शाम से चुनावी शोरगुल थम गया। इसके बाद मतदाताओं के प्रभावित करने गली-मोहल्ले में बनाए गए अस्थायी चुनावी कार्यालयों में भी गहमागहमी एक तरह समाप्त हो गई।

प्रत्याशी और उनके समर्थक अब प्रत्यक्ष रूप से लोगों के पास जाकर उन्हें अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता पॉश कालोनियों के साथ निचली बस्ती में रहते हैं। नूरानी चौक, राजातालाब जैसे संवेदनशील इलाके भी उत्तर विधानसभा से संबंधित हैं। हरिभूमि की टीम ने इस विधानसभा के कुछ इलाकों में जाकर मतदाताओं का मन टटोला। कांग्रेस-भाजपा के साथ बड़ी संख्या में लोग निर्दलीय दावेदार से भी प्रभावित नजर आए। पिछले कार्यकाल में हुए अच्छे कार्यों के बीच युवा जोश की चर्चा भी होती रही। रिहायशी कालोनियों में सन्नाटा पसरा रहा, मगर गली-मोहल्लों में रात सरगर्मियां नजर आती रहीं और मतदाताओं पर भी प्रत्याशियों को रिझाने की चर्चा होती रही।

किसने कितने बांटे

हरिभूमि टीम जब उत्तर के इलाके में पहुंची तो लोग चर्चा में मशगूल थे। कालोनियों में चुनावी माहौल कम ही रहा, मगर निचली बस्तियों में चुनावी प्रचार के साथ लेनदेन अदी - पौवा जैसे मामलों की चर्चा रही। लोग कहते रहे कि मुकाबला त्रिकोणीय है। नतीजे भी चौंकाने वाले आ सकते हैं। लोग तय नहीं कर पा रहे हैं कि अजीत कुकरेजा किसे नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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