CG Election : प्रचार का बदला तरीका, अब डिजिटल प्लेटफार्म पर जोर

CG Election :  प्रचार का बदला तरीका, अब डिजिटल प्लेटफार्म पर जोर
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राज्य में चुनाव के पहले चरण की 20 विधानसभा क्षेत्रों में अब तक एक दर्जन प्रत्याशियों नामांकन पत्र दाखिल प्रथम चरण में बस्तर संभा 12 निर्वाचन क्षेत्रों स राजनांदगांव, मोहला मान अंबागढ़ चौकी, खैरा छुईखदान - गंडई तथा कबी- जिलों के आठ विधानसभा में नामांकन की प्रक्रिया जारी है।पढ़िए पूरी खबर ...
  • विस चुनाव के पहले चरण का नामांकन प्रक्रिया खत्म, प्रचार के लिए मिलेंगे 15 दिन

सुरेंद्र शुक्ला - रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव( Chhattisgarh assembly elections )में पहले चरण की 20 सीटों के लिए। नामांकन दाखिले (nomination filing)का दौर पितृ पक्ष के समापन के साथ ही शुरू हो चुकी है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पार्टी के नेता प्रचार में जुटेंगे। यहां पर 5 नवंबर को प्रचार में रोक लग जाएगी। ऐसे में केवल 15 दिन का समय प्रत्याशियों के पास शेष है। ऐसे में सभी मतदाताओं तक पहुंचने कांग्रेस (Congress)और भाजपा ने अपने प्रचार के तरीके में बदलाव किया है। दोनों में अपने वार रूम तैयार कर लिए है जहां से डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए प्रचार पर जोर दिया जा रहा है। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने पहले चरण के प्रत्याशियों की सूची लगभग घोषित कर दी है। चुनाव कार्यक्रम जारी होने के बाद राज्य में चुनाव का माहौल तैयार हो चुका है।

राज्य में चुनाव के पहले चरण की 20 विधानसभा क्षेत्रों में अब तक एक दर्जन प्रत्याशियों नामांकन पत्र दाखिल प्रथम चरण में बस्तर संभा 12 निर्वाचन क्षेत्रों स राजनांदगांव, मोहला मान अंबागढ़ चौकी, खैरा छुईखदान - गंडई तथा कबी- जिलों के आठ विधानसभा में नामांकन की प्रक्रिया जारी है। प्रदेश चरणों में हो रहे चुनाव के पहले चरण क सीटों के लिए 20 अक्टूबर तक नामांकन पत्र भरे जा सकते हैं। इन क्षेत्रों में 21 अक्टूबर को नामांकन पत्र जांच की जाएगी तथा 23 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपना वापस ले सकेंगे। प्रथम चरण के लिए सात नवंबर को म होगा। मतदान के दो दिन पूर्व चुनाव प्रचार थम जाएगी में सभी प्रत्याशी मतदाताओं तक पहुंचने प्रचार माध्यमं सहारा ले रहे हैं।

बदल गए चुनाव प्रचार के तरीके

पहले के दिनों में चुनाव प्रचार में रिक्शे से बंधे लाउड स्पीकर से पार्टी और प्रत्याशी के समर्थन में बैठकों से लेकर रैलियों की जानकारी देने के अलावा वादों और दावों की घोषणा भी की जाती थी। दीवार लेखन का चलन अभी भी है लेकिन ये केवल चुनाव की घोषणा से पहले तक ही होता है। चुनावी प्रचार इस बार होर्डिंग और अखबारों में विज्ञापन जैसे पुराने तौर तरीके काफी पीछे रह गए हैं। मतदाताओं को लुभाने का नया तरीका अपनाया जा रहा है। डिजिटल मार्केटिंग अब चुनाव में सफलता का मंत्र बन रही है। अधिक से अधिक मतदाताओं तक जुड़ने के लिए राजनीतिक दल और उम्मीदवार इन दिनों डिजिटल मार्केटिंग का रास्ता अपना रहे हैं।

प्रथम चरण में यहां होगा मतदान

प्रथम चरण में कोटा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, चित्रकोट, जगदलपुर, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, केशकाल, कांकेर, भानुप्रतापुर, अंतागढ़, मोहला - मानपुर, खुज्जी, डोंगरगांव, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, खैरागढ़, कवर्धा और पंडरिया विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान होगा।

कांग्रेस और भाजपा का वार रूम तैयार

रचनात्मक राजनीतिक डिजिटल अभियान प्रबंधन का लक्ष्य टारगेटेड, व्यक्तिगत और अत्यधिक प्रभावी अभियान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और डेटा का लाभ उठाना है। स्मार्टफोन और इंटरनेट की व्यापक उपलब्धता के साथ, वर्तमान समय में डिजिटल प्रचार भारत में राजनीतिक अभियानों का एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है। राजनीतिक दलों ने मतदाताओं तक पहुंचने और अपने राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग, एसएमएस और मोबाइल ऐप का उपयोग करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा ने अपने वार रूम तैयार किए हैं।

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