CG Election : ऐतिहासिक रहा छत्तीसगढ़ का चुनाव, बसपा और जोगी परिवार विधानसभा से बाहर

CG Election : ऐतिहासिक रहा छत्तीसगढ़ का चुनाव, बसपा और जोगी परिवार विधानसभा से बाहर
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छत्तीसगढ़ में राज्य गठन के बाद सन 2000 बनी तत्कालीन कांग्रेस नेता अजीत जोगी (Congress leader Ajit Jogi) के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ था। इस समय से छत्तीसगढ़ की राजनीति में जोगी परिवार का बोलबाला रहा। 2003 के चुनाव में जोगी सरकार की हार के बाद भी 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में जोगी परिवार की भूमिका बनी रही। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2023 का विधानसभा चुनाव (assembly election 2023 )कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है। इस चुनाव में कांग्रेस (Congress)और भाजपा (bjp)के बीच सीधा मुकाबला रहा। तीसरे दलों के हिस्से में एकमात्र सीट गोंगपा (Gongpa)के हिस्से में आई है, लेकिन इससे भी खास बात ये है कि राज्य की विधानसभा में पहली बार ये हुआ है कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) और जोगी परिवार का कोई सदस्य नहीं होगा। दरअसल बसपा को कोई सीट नहीं मिली, न ही जोगी परिवार कोई भी सदस्य चुनाव जीत पाया है।छत्तीसगढ़ में राज्य गठन के बाद सन 2000 बनी तत्कालीन कांग्रेस नेता अजीत जोगी (Congress leader Ajit Jogi) के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ था। इस समय से छत्तीसगढ़ की राजनीति में जोगी परिवार का बोलबाला रहा। 2003 के चुनाव में जोगी सरकार की हार के बाद भी 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में जोगी परिवार की भूमिका बनी रही।

2018 में जोगी कांग्रेस के पांच प्रत्याशी जीतकर आए, लेकिन 2023 के चुनाव में जोगी कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो गया यही नहीं, जोगी परिवार से प्रत्याशी रहीं डॉ. रेणु जोगी, उनके पुत्र अमित जोगी और बहु ऋचा जोगी चुनाव मैदान में थे। ये तीनों भी चुनाव हार गए। साथ ही पार्टी का कोई भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया। लिहाजा 2023 से 2028 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में जोगी परिवार का प्रतिनिधित्व नहीं रहेगा। ये अलग बात किसान है कि किसी सीट पर कोई उपचुनाव हो और उसमें जोगी कांग्रेस या जोगी परिवार का कोई प्रत्याशी जीते तो वह विधानसभा सदस्य होगा।

बसपा का हुआ बुरा हाल

छत्तीसगढ़ की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा 2000 से लेकर 2023 के विधानसभा चुनाव तक विधानसभा में मौजूद रही, लेकिन 2023 के विधानसमा चुनाव में पार्टी किसी भी सीट पर जीत नहीं पाई। पूर्व के चुनाव में बसपा एक-दो सीटें जीतती रही है। विधानसभा में बसपा के चेहरे के रूप में केशव चंद्रा नजर आते थे। छत्तीसगढ़ में 2018 के चुनाव में बसपा के टिकट पर जीतने वाली महिला नेत्री इंदु बंजारे इस बार पामगढ़ सीट से प्रत्याशी थी, लेकिन वे चुनाव हार गई। इस तरह पिछला चुनाव जीतने वाली यह महिला नेत्री और दो बार के बसपा विधायक केशव चंद्रा अपनी सीट से चुनाव हार गए। खास बात ये हैं कि बसपा ने इस बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से गठजोड़ कर चुनाव लड़ा था। बसपा ने कुल 53 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन कोई नहीं जीता।

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