CG Election : भाजपा से अधिक कांग्रेस महिला प्रत्याशियों पर मेहरबान, चुनावी मैदान में 18 को उतारा

सुरेंद्र शुक्ला - रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस (Congress) ने आधी आबादी को सबसे चुनाव(elections) मैदान में उतारने में भाजपा (BJP)को पीछे छोड़ दिया है। कांग्रेस ने डेढ़ दर्जन महिलाओं को विधानसभा चुनाव (assembly elections)में टिकट दिया है। कांग्रेस ने अपने वादे के अनुरूप इस चुनाव में 20 प्रतिशत महिलाओं को मैदान में उतारा है। हालांकि कांग्रेस ने यह घोषणा किया था कि हर संसदीय क्षेत्र से दो महिलाओं को टिकट दिया जाएगा। वहीं भाजपा ने 15 महिलाओं को अब तक चुनाव में टिकट दिया है। पिछले चुनाव में भी कांग्रेस ने 13 महिलाओं को चुनाव में उतारा था इसमें से 11 ने चुनाव में जीत दर्ज किया था।
चुनाव का दौर शुरू हो गया है। दोनों पार्टियों ने अपने टिकट का बंटवारा कर दिया है। भाजपा की चार सीटें अभी बाकि है उस लिहाज से उनके पास अभी इसकी संख्या बढ़ाने का एक मौका है। छत्तीसगढ़ में वैसे भी आधी आबादी की संख्या पुरुषों से अधिक है। ऐसे में उनको महत्व न देने से उनके साथ न्याय नहीं होता। दोनों राष्ट्रीय दल अपने सर्वे के अनुसार उन सीटों पर महिलाओं को उतार रही हैं। जाहां पर उनकी संख्या अधिक है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तीसरी सूची के एलान के साथ ही प्रदेश की सभी 90 विधानसभा के सीटों के लिए अपने 90 उमीदवारों के नामों की घोषणा कर दी, लेकिन महिला प्रत्याशियों का आंकड़ा सिमट कर 18 ही रह गये। जबकि महिला आरक्षण बिल के संसद में पास होने जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने दावा किया था कि 11 लोकसभा सीटों पर दो-दो महिलाओं को टिकट दिया जाएगा।
कांग्रेस ने उतारा 18 महिला प्रत्याशी
विधानसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों का आंकड़ा 18 पर सिमट जाना जहन में एक सवाल पैदा करता है कि क्या कांग्रेस की जीत के फॉर्मूले में महिलाएं फिट नहीं बैठ पाई है. वहीं बीजेपी ने 15 महिला प्रत्याशियों को उतारा है। अब कांग्रेस ने अपनी तीसरी और आखिरी सूची भी जारी कर दी है। आखिरी सूची में कांग्रेस ने चार और महिला उमीदवारों को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस की 10 व भाजपा की 1 महिला जीती थी
कांग्रेस ने साल 2018 के चुनाव में 13 महिलाओं को टिकट दिया था। इन 13 महिला उमीदवारों में से 10 से जीत हासिल की थी। वहीं भाजपा की 14 महिला उमीदवारों में से केवल एक उमीदवार को जीत मिली थी।
कांग्रेस ने इन महिलाओं को दिया मौका
डोंडी लोहारा- अनिला भेडिया, खैरागढ़-यशोदा वर्मा, डोंगरगढ़- हर्षिता स्वामी बघेल, भानुप्रतापपुर -सावित्री मंडावी, प्रतापपुर-राजकुमारी मरावी, लैलूंगा- विद्यावती सिदार, सारंगढ़ उत्तरी जांगड़े, पाली-तानाखार- दुलेश्वरी सिदार, तखतपुर- डॉ. रश्मि आशीष सिंह, बिलाईगढ़-कविता प्राण लहरे, धरसींवा- छाया वर्मा, कुरुद-तारिणी चंद्राकर, संजरी बालोद - संगीता सिन्हा, बैकुठपुर- अंबिका सिंह देव, सरायपाली- चतुरीनांद, महासमुंद - रश्मि चंद्राकर और सिहावा- अंबिका मरकाम शामिल है।
छत्तीसगढ़ भाजपा ने इन महिलाओं को दिया मौका
भटगांव से लक्ष्मी रजवाड़े, प्रतापपुर- शकुंतला सिंह पोथें, सरायपाली सरला कोसरिया, खल्लारी- अलका चंद्राकर, खुज्जी - गीता साहू, भरतपुर-सोनहत रेणुका सिंह, सामरी - उद्देश्वरी पैकरा, जशपुर- रायमुनि मगत, पत्थलगांव से गोमती साय, लैलूंगा - सुनीति सत्यानंद राठिया, सारंगढ़- शिवकुमारी चौहान, चंद्रपुर- बहू रानी संयोगिता सिंह जूदेव, धमतरी रंजना दीपेंद्र साहू, कोंडागांव- लता उसेंडी, पडरिया भावना बोहरा शामिल है।
महिला आरक्षण बिल की मंशानुसार नहीं बंटी टिकट
विधानसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने । अपने 90 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। जिसमें विधायकों के 1 टिकिट काटने के साथ महिलाओं को भी चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन महिलाओं का आकड़ा 90 विधानसभा सीट पर मात्र 18.9 प्रतिशत तक सिमट गया है। वहीं छत्तीसगढ़ भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों के लिए 15 सीटों पर महिला उम्मीदवारों पर भरोसा दिखाया है। इससे जाहिर होता है कि, महिला आरक्षण बिल के संसद में तो पास हो गया है लेकिन इस बिल ! की मंशा के अनुरूप इस बार विधानसभा चुनाव 1 में इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ है। हालांकि अभी भाजपा ने चार विधानसभा सीटों पर 1 उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
महिलाओं को वोट रहेगा निर्णायक
छत्तीसगढ़ में इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में मातृशक्ति का वोट निर्णायक रहेगा। प्रदेश की अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद महिला वोटरों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले चुनाव में जेंडर अनुपात 1000 पुरुष पर 1003 महिलाएं थी. वह बढ़कर 1 हजार पुरुष मतदाता पर 1012 महिलाएं है। छत्तीसगढ़ के 90 में से 57 विधानसभा में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। प्रदेश में बस्तर संभाग के 11 विधानसभाओं में पुरुषों की आपेक्षा महिला मतदाता की संख्या सबसे अधिक हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से जारी मतदाता सूची में बताया गया है, 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की आपेक्षा महिलाओं के जेंडर अनुपात में वृद्धि हुई है। पिछले विधानसभा चुनावों में भी महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 77.32 फीसदी था जो पुरुष मतदाताओं से
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