CG Election : पोस्टल बैलेट को लेकर जागरूकता की कमी, फॉर्म भरने हमें भी कई गलतियां, इसलिए हर चुनाव में हजारों रिजेक्ट

- पोस्टल की सुविधा के लिए पहले सर्व
- पोस्टल बैलेट की सुविधा शत-प्रतिशत मतदान के लिए
रायपुर। देश में हर चुनाव (election)में शत-प्रतिशत मतदान (voting)हो, इसके मद्देनजर भारत चुनाव आयोग (Election Commission of India) मतदान के लिए पोस्टल बैलेट (postal ballot)की सुविधा भी देता है। यह सुविधा सैनिकों, दूसरे राज्य या देश के बाहर कार्यरत एवं चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारी-कर्मचारी को दी जाती है, जो ड्यूटी करते हुए भी अपने मत का प्रयोग कर सकें, लेकिन पिछले कई चुनावों से देखा जा रहा है कि पोस्टल बैलेट सुविधा से मतदाता वोट तो करते हैं, लेकिन ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण उनका वोट रिजेक्ट हो जाता है।
ताज्जुब की बात यह है कि रिजेक्ट होने वाले पोस्टल बैलेट वोट में चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारी और कर्मचारियों के वोट शामिल हैं, जिन्हें मतदान केंद्रों में ड्यूटी लगाने से पहले चुनाव संबंधित प्रक्रिया की पूरी ट्रेनिंग भी दी जाती है। इस तरह चुनाव आयोग की इस अच्छी पहल के बावजूद मतदाताओं के वोट व्यर्थ हो जाते हैं। पिछले चार बार हुए विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में पोस्टल बैलेट के हजारों पोस्टल बैलेट वोट रिजेक्ट किए गए हैं।
पहले मतदाता से सहमति ली जाएगी जिला
उप निर्वाचन अधिकारी गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि, पोस्टल बैलेट के लिए पहले मतदाताओं से सहमति ली जाएगी कि वे उसे पोस्टल बैलेट सेवा की जरूरत है या नहीं। मतदाता सहमति व्यक्त करेगा, तभी उसे यह सुविधा दी जाएगी।
रिजेक्ट होने के कई कारण
पोस्टल बैलेट संबंधित चुनाव अधिकारी विनय अग्रवाल ने बताया कि पोस्टल बैलेट रिजेक्ट होने के कई कारण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि कई मतदाता सही तरीके से टिक नहीं लगा पाते, तो कई दो प्रत्याशी के चिन्ह के सामने टिक लगा देते हैं। कई टिक के साथ हस्ताक्षर भी कर देते हैं। इसके साथ कई मतदाता शपथपत्र और बैलेट पेपर्स को भी छोटे लिफाफे में सीलबंद कर देते हैं, तो कई डाक मतपत्र का सीरियल नंबर डालना मूल जाते है। कुछेक पोस्टल बैलेट में तो राजपत्रित अधिकारी का हस्ताक्षर भी नहीं करा पाते हैं।
प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में रिजेक्ट हुए पोस्टल बैलेट की संख्या
वर्ष 2003 1656 वर्ष 2013 9822
वर्ष 2008 7559 वर्ष 2018 12364
जागरूकता की कमी
पोस्टल बैलेट को लेकर मतदाताओं में जागरूकता की बहुत कमी देखी जा रही है। इसका कारण पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट करने वाले मतदाता कई तरह की गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण उनका वोट रिजेक्ट हो जाता है।
पोस्टल बैलेट से वोट देने की प्रक्रिया
छत्तीसगढ़ निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट के लिए मतदाता को पोस्टल बैलेट के अलावा 13ए, बी, सी एवं डी संबंधित फॉर्म दिए जाते हैं। इनमें 13 फॉर्म घोषणापत्र होता है, जिसे सबसे पहले भरना होता है। इसी प्रकार 13बी छोटा लिफाफा एवं 13सी बड़ा लिफाफा है। 13डी फॉर्म में डाक मत कैसे भरना है, इस संबंध में दिशा-निर्देश रहता है। मतदाता को घोषणापत्र भरने के बाद पोस्टल बैलेट में अपने चुनिंदा प्रत्याशी के चिन्ह के सामने टिक मार्क करना होता है। इसके बाद पोस्टल बैलेट को छोटे लिफाफे के अंदर डालकर उसे सीलबंद किया जाता है। इसके •बाद घोषणापत्र और सीलबंद लिफाफे को बड़े लिफाफे में डालकर उसे चुनाव अधिकारियों के सुपुर्द किया जाता है।
15 मिनट के समय की हड़बड़ाहट के कारण भी गलती
विभागीय सूत्रों के अनुसार पोस्टल बैलेट संबंधित टीम द्वारा मतदाता को अपना वोट देने की प्रक्रिया के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है। इसके बावजूद कई मतदाता हड़बड़ाहट में गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण उनका वोट रिजेक्ट कर दिया जाता है।
40% दिव्यांग एवं 80 प्लस मतदाता को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा
विधानसभा चुनाव में इस में बार 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग एवं 80 प्लस उम्र वाले मतदाताओं को भी बैलेट पोस्टल की सुविधा मिलेगी। प्रदेशभर में दिव्यांगों की संख्या 1 लाख 60 हजार है, वहीं 80 प्लस मतदाताओं की संख्या 1 लाख 85 हजार है।
पोस्टल बैलेट प्रक्रिया में संशोधनः भारत चुनाव
आयोग ने पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के नियम में इस बार संशोधन किया है। इसके तहत अब चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारी को डाकमत से वोट देने के बाद उसे पोस्ट करना नहीं पड़ेगा, बल्कि मतदाता डाक मत प्राप्त करने के बाद अपना मत रिकॉर्ड करेगा और रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा लिखित में उसी स्थिति में सुविधा केंद्र पर उसे वापस करेगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS