CG Election : हाईप्रोफाइल सीट के लिए दावेदारों की लंबी फेहरिस्त, इस जिले से 52 लोगों ने की दावेदारी...

यशवंत गंजीर/कुरुद- प्रदेश में सबसे जागरूक और राजनीतिक दृष्टिकोण से हाईप्रोफाइल माना जाने वाले कुरुद विधानसभा सीट, जहां वर्तमान में विधायक अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) को टक्कर देने के लिए पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस में विधानसभा टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। यहां से कुल 52 लोगों ने अपने दावेदारी के लिए फार्म जमा किया है। जिसमें कई वरिष्ठ लोगों के साथ युवा चेहरे भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के आदेशानुसार चुनाव लड़ने के लिए अपने-अपने ब्लाक अध्यक्षों के पास दावेदारी फार्म जमा करने की अंतिम तिथि थी। जहां देर शाम तक कुरुद, भखारा और मगरलोड के ब्लाक अध्यक्षों के पास कुल 52 लोगों से दावेदारी का फार्म लिया गया। दावेदारों में 5 जिला पंचायत के पदाधिकारी, 3 जनपद पदाधिकारी, तो वहीं 4 नगर पंचायत के पदाधिकारीगण ने फार्म भरा, कुरुद मंडी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों और कांग्रेस संगठन से जुड़े हुए लोगों के नाम शामिल है। जिन्होंने अपने-अपने समर्थकों के साथ दावेदारी तो प्रस्तुत की ही, साथ ही अभी से कार्यकर्ता जोड़ने और मैदान तैयार करने के लिए मतदाताओं को साधना शुरू कर दिया है।

इन प्रमुख नामों पर चर्चा...
करीब 63 प्रतिशत साहू बाहुल्य वाले कुरुद विधानसभा से दो दर्जन साहू समाज से और आधा दर्जन कुर्मी समाज के साथ बांकी समाज के लोगों ने अपनी दावेदारी दी है। जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर, मंडी अध्यक्ष नीलम चंद्राकर, उपाध्यक्ष प्रमोद साहू, जनपद अध्यक्ष शारदा लोकनाथ साहू, जिपं सभापति तारिणी चंद्राकर, पूर्व जिपं. सदस्य लक्ष्मीकांता साहू, युकां अध्यक्ष देवव्रत साहू, भरत नहर, हेमंत साहू, सुमन संतोष साहू, गिरीश साहू, कुसुमलता साहू, रमेश पांडे , अजजा उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान, जिपं. अध्यक्ष कांति सोनवानी के नामों की चर्चा खूब हो रही हैं। लोगों का कहना है कि, कांग्रेस इन्ही में से किसी मजबूत दावेदार को टिकट देगी।
पांच नामों का पैनल देने में बनी असमंजस...
जानकारी अनुसार, ब्लाक अध्यक्षों को मिले आवेदनों में से छंटनी करके पांच नामों का पैनल जिला कांग्रेस कमेटी को देना था। लेकिन कुरुद विधानसभा में दावेदारों की वर्तमान राजनीतिक सक्रियता को देखकर ब्लाक अध्यक्षगण पैनल तैयार करने में असफल रहे। वे तय नही कर पाएं कि, किसे छोड़े और किसे जोड़े। दावेदारों के कोप भाजन का शिकार होने से बचने और पार्टी को किसी भी प्रकार से अंतर्कलह की स्थिति से बचाने उन्होंने पूरे 52 नामों की सूची और फार्म जिला पदाधिकारी को सौंप दिए।
साहू समाज को ध्यान में रखकर खेला दांव
कुरुद में कांग्रेस का टिकट हमेशा से आखिरी समय मे दिल्ली शीर्ष नेतृत्व से तय होते आया है और हमेशा से यहां साहू समाज को ध्यान में रखकर दांव खेला गया है। उनके इस फैसले से हर बार यहां बाहरी या डमी प्रत्याशी उतारकर भाजपा को वॉक ओवर दे देने का भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में शामिल करने का आरोप भी लगा हैं। ऐसे स्थिति से बचने के लिए कांग्रेस को फैसला लेना होगा। अब देखना यह है कि, इस बार किसकी किस्मत बनेगी और कांग्रेस किस पर भरोसा करेगी।
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