CG Election : एक-एक विधानसभा की कुंडली तैयार करेंगे दूसरे राज्यों के विधायक

CG Election : एक-एक विधानसभा की कुंडली तैयार करेंगे दूसरे राज्यों के विधायक
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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)में वापस सत्ता में आने के लिए भाजपा (BJP) ने अलग तरह की रणनीति बनाई है। इतिहास में पहली बार दूसरे राज्यों के विधायकों को एक- एक सप्ताह के लिए विधानसभाओं में भेजा जा रहा है। ये विधायक 22 से 28 अगस्त तक दौरे पर रहेंगे। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। विधायक विधानसभाओं (legislative assemblies) की पूरी कुंडली तैयार करने का काम करेंगे। हर दिन के लिए उनको राष्ट्रीय संगठन (national organization )ने टॉस्क(task)दिया है। इस पर काम करके अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन को देंगे। विधायकों के आने का सिलसिला शनिवार से प्रारंभ होगा। रविवार तक चार राज्यों के 64 विधायक आ जाएंगे। पं. बंगाल के 26 विधायक वहां पर विधानसभा सत्र चलने के कारण नहीं आ पा रहे हैं, ये अगले माह आएंगे। छत्तीसगढ़ सहित जिन राज्यों में इस साल चुनाव होने हैं, उसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने एक बड़ी रणनीति बनाई है।

इन राज्यों में दूसरे राज्यों के विधायकों को एक सप्ताह के लिए भेजा जा रहा है। ये विधायक राष्ट्रीय संगठन(Legislators National Organization) के निर्देश पर वहां पर एक सप्ताह तक काम करेंगे। छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभाओं का जिम्मा पांच राज्यों के विधायकों को दिया गया है। इसमें झारखंड(Jharkhand )के 13, असम (Assam) के 11, ओडिशा (Odisha)के 13, पं. बंगाल(West Bengal )के 26 और बिहार के 27 विधायक शामिल हैं। इन विधायकों का शनिवार से आना प्रारंभ होगा। कुछ रविवार और कुछ सोमवार की सुबह तक रायपुर पहुचेंगे। यहां पर इनको प्रदेश संगठन पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा कि किसको कहां जाना है। इसके बाद सभी विधायक 21 अगस्त की रात को यहां से अपनी जिम्मे वाली विधानसभा के लिए रवाना हो जाएंगे।

कौन कहां जाएगा

जिन विधायकों को यहां की विधानसभाओं का जिम्मा दिया गया है, उनके लिए यह भी व्यवस्था है कि उनको कहीं भाषा की परेशानी न हो। इसको ध्यान में रखकर ही तय किया गया है कि किस राज्य के विधायक किस संभाग में जाएंगे। असम के विधायक बिलासपुर संभाग, झारखंड के सरगुजा संभाग के साथ जशपुर जिले की विधानसभाओं में जाएंगे। ओडिशा के विधायक बस्तर और बिहार के दुर्ग संभाग की विधानसभाओं में जाएंगे। पं. बंगाल के विधायकों को रायपुर संभाग का जिम्मा दिया गया है।

रोज का अलग-अलग टॉस्क

जिन विधायकों को जिम्मा दिया गया है, उनको अपने जिम्मे वाली विधानसभा में पूरे एक सप्ताह तक रहना है। वे वहां पर रहकर क्या काम करेंगे, यह सब राष्ट्रीय संगठन ने तय किया है। हर रोज के लिए अलग-अलग टॉस्क है। बूथ, शक्ति केंद्रों के साथ मंडलों में जाना है, वहां पर बैठकें लेने के साथ पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता से भी संवाद करना है। भाजपा की स्थिति का आकलन करने के साथ वहां पर कौन की पार्टी की क्या स्थिति है, इसका भी पता लगाना है | सारी जानकारी लेकर पूरी रिपार्ट तैयार करनी है।

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