CG Election : बस्तर में किसी भी पार्टी की लहर नहीं, सभी सीटों पर कड़ा मुकाबला

CG Election : बस्तर में किसी भी पार्टी की लहर नहीं, सभी सीटों पर कड़ा मुकाबला
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बस्तर (Bastar)में न कांग्रेस (Congress)की जगदलपुर (Jagdalpur)से लहर दिख रही है और न ही भाजपा (BJP) की। ऐसे हालातों में हरेक सीट पर कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। कांग्रेस धान खरीदी और किसान के भरोसे चुनावी वैतरणी पार करना चाह रही है वहीं भाजपा भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बना रही है। पढ़िए पूरी खबर...

अनिल सामंत - जगदलपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly elections)में मतदाताओं का रुख अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है आम मतदाता फिलहाल खामोश है। बस्तर(Bastar)में न कांग्रेस (Congress)की जगदलपुर (Jagdalpur)से लहर दिख रही है और न ही भाजपा (BJP) की। ऐसे हालातों में हरेक सीट पर कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। कांग्रेस धान खरीदी और किसान के भरोसे चुनावी वैतरणी पार करना चाह रही है वहीं भाजपा भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बना रही है। इस चुनाव में भाजपा भी किसानों को साधने कोई बड़ा दांव खेल सकती है ऐसा राजनीतिक चर्चा जोरों पर है। चुनावी चौपाल में सियासत की जमकर चर्चाएं हो रही हैं।

बस्तर के ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता और खासकर किसान वेट एंड वाच के मुड में है। कब किस दल का घोषणा पत्र जारी होगा, इसका इंतजार बेसब्री से कर रहे है । जिस दल का घोषणा पत्र किसान हित में होगा वही छग की सत्ता हासिल करेगी यह तय है। बस्तर के 12 सीटों में एक जगदलपुर को छोड़ दिया जाए तो शेष 11 सीटें एसटी (आदिवासी) वर्ग के लिए आरक्षित है। जगदलपुर विधानसभा भले ही अनारक्षित सीट है, किन्तु ग्रामीण मतदाताओं के भरोसे प्रत्याशियों की जीत और हार तय होती है। इसलिए दलीय प्रत्याशी शहरी क्षेत्र में कम और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा समय दे रहे हैं। बस्तर में सप्ताहभर बाद चुनाव है,

बस्तर में सप्ताहभर बाद चुनाव है, लेकिन चुनाव को लेकर जनता खामोश है। राजनीतिक प्रेक्षक और प्रत्याशी भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि क्या किया जाए, इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसे हालात ईवीएम का बटन दबाने तक यूं ही बना रहेगा। हर सीट पर हार और जीत कैंडिडेट पर निर्भर करेगा। जनता को भाजपा और कांग्रेस के घोषणा पत्र का इंतजार है। इसके बाद स्थिति स्पष्ट होने की बातें राजनीतिक जानकार बता रहे हैं। भाजपा के पास चुनाव प्रबंधन का खासा अनुभव है वहीं कांग्रेस भी राज्य में भाजपा को देख-देखकर चुनावी प्रबंधन में महारथ हासिल कर चुकी है। अब दोनों ही पार्टियों के लिए एक- एक सीट का समीकरण महत्वपूर्ण है। बस्तर संभाग में 12 विधानसभा सीट है। जो राजनीतिक दल यहां से ज्यादा सीटों में जीत हासिल करता है, सरकार उसकी बनती है। यह राजनीतिक जानकार दावा कर रहे है।

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