CG Election : बागियों की फौज बिगाड़ेगी समीकरण: कांग्रेस में विरोध अधिक, भाजपा में भी दिख रही नाराजगी !

CG Election : बागियों की फौज बिगाड़ेगी समीकरण: कांग्रेस में विरोध अधिक, भाजपा में भी दिख रही नाराजगी !
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बिलासपुर जिले (Bilaspur district)की बात करें तो कांग्रेस से टिकिट नहीं मिलने पर अधिकांश नेता जोगी कांग्रेस(Jogi Congress)में शामिल हो रहे हैं और उन्हें टिकिट भी मिल रहा है। बिलासपुर जिले की बात करें तो कांग्रेस नेत्री नेहा भारती (Congress leader Neha Bharti)पार्टी छोड़कर जकांछ में शामिल हो गई हैं। उन्होंने सोमवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया । पढ़िए पूरी खबर...
  • टिकिट नहीं मिलने पर अधिकांश नेता जोगी कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं और मौका भी मिल रहा

विकास चौबे - बिलासपुर। विधानसभा चुनाव (assembly election)की तारीखों के ऐलान के साथ ही कांग्रेस (Congress)और भाजपा (BJP)में में बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है। टिकट कटने से लगातार नेताओं के सुर बदल रहे हैं और अब नेता दूसरे पार्टियों में शामिल हो रहे हैं। चुनाव में उतरने नामांकन भी दाखिल कर दिया गया है । बिलासपुर जिले (Bilaspur district)की बात करें तो कांग्रेस से टिकिट नहीं मिलने पर अधिकांश नेता जोगी कांग्रेस(Jogi Congress)में शामिल हो रहे हैं और उन्हें टिकिट भी मिल रहा है। बिलासपुर जिले की बात करें तो कांग्रेस नेत्री नेहा भारती (Congress leader Neha Bharti)पार्टी छोड़कर जकांछ में शामिल हो गई हैं। उन्होंने सोमवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया ।

ध्यान रहे कि, नेहा भारती मस्तूरी से कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप लहरिया की बहु हैं और वे अब भाजपा उम्मीदवार धरमलाल कौशिक की बिल्हा विधानसभा अब भाजपा उम्मीदवार धरमलाल कौशिक और कांग्रेस से सियाराम कौशिक के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगी। जाहिर है इससे कांग्रेस के ही वोट कटेंगे। इसी सीट से अंबालिका साहू ने भी कांग्रेस से टिकिट मांगी थी लेकिन पार्टी ने सियाराम कौशिक को अपना उम्मीदवार बनाया है। अंबालिका ने भाजपा ज्वाइन कर लिया है। इसी तरह विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज मस्तूरी क्षेत्र की भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य चांदनी भारद्वाज जोगी कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। अब वे मस्तूरी से पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने भी सोमवार को अपना नामांकन भर दिया है। चांदनी जांजगीर की पूर्व सांसद कमला पाटले की बेटी हैं। माना जा रहा है कि उनके भाजपा छोड़ने से पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है।

मुंगेली और लोरमी में कांग्रेस में बगावत

मुंगेली और लोरमी में कांग्रेस की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। टिकट कटने से नाराज होकर निर्मल कोसरे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। ध्यान रहे कि कांग्रेसी नेता रूपलाल कोसरे कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष थे। सप्ताह भर पहले ही पार्टी के नाम उन्होंने एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि 2003 से लेकर 2023 तक मैं विधानसभा टिकट मांगते आ रहा हूं लेकिन पार्टी ने मेरा तिरस्कार किया। इसके साथ ही मुंगेली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सागर सिंह बैस ने भी जोगी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जकाछ ने उन्हें लोरमी से टिकिट भी दे दिया है। मुंगेली में ही प्रसिद्ध समाजसेवी और महिला नेता डॉ. सरिता भारद्वाज को जनता कांग्रेस से प्रत्याशी घोषित किया गया है। डॉ. सरिता भारद्वाज ने भी मुंगेली विधानसभा से कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस छोड़कर जकांछ ज्वाइन कर लिया। मुंगेली सीट पर भी कांग्रेस ने नए चेहरे संजीत बनर्जी पर भरोसा जताया, जिससे फूट पड़ गई है।

जांजगीर में भी बागियों ने ताल ठोकी

जांजगीर चांपा जिले की पामगढ़ सीट से कांग्रेस के बागी गोरेलाल बर्मन ने जोगी कांग्रेस की ओर से नामांकन भरते हुए ताल ठोंकी है। ध्यान रहे कि गोरेलाल बर्मन वतर्मान विधायक हैं और कांग्रेस ने उनकी टिकिट काटकर शेषराज हरबंस को उम्मीदवार बनाया है। जांजगीर-चांपा सीट से रविन्द्र बंजारे ने जोगी कांग्रेस से नामांकन भर दिया है। जांजगीर सीट से ही कांग्रेस के पूर्व विधायक मोतीलाल साहू और अकलतरा सीट से कांग्रेस के चुन्नीलाल साहू ने कांग्रेस पार्टी से ही नामांकन भरा है। इन दोनों नेताओं को अभी भी पार्टी की बी फार्म मिलने की उम्मीद है। नहीं मिलने पर नाम वापसी की बात दोनों नेता कह रहे हैं।

रायगढ़ में बागियों को मनाने में असफल हुए दल

रायगढ़ में बागियों को नहीं मनाया जा सका टिकट बंटवारे से नाराज बीजेपी व कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों ने भी जोर शोर से अंतिम दिन पर्चा भरा। सोमवार को बीजेपी की नाराज महिला नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य गोपिका गुप्ता ने नामांकन दाखिल किया वहीं जिला कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व उद्योगपति शंकरलाल अग्रवाल ने भी अपने बगावती इरादे जाहिर करते हुए नामांकन दाखिल किया। आम आदमी पार्टी के टिकट बंटवारे से असंतुष्ट किसान नेता लल्लू सिंह ने भी अपना पर्चा भरा। हालांकि लैलूंगा विधानसभा के नाराज नेताओं ने नामांकन पत्र खरीदा जरुर था लेकिन सीएम भूपेश की समझाइश के बाद उन्होने नामांकन जमा ना कर पार्टी प्रत्याशी को समर्थन दे दिया ।

कांग्रेस से नाराज, थामा जोगी कांग्रेस का दामन

सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में पार्टी में गुटबाजी और भीतरघात करने की परंपरा नई नहीं है। हमेशा से असंतुष्ट नेता कांग्रेस प्रत्याशियों की खिलाफत करते रहे हैं। ज्यादातर सीटों पर वही स्थिति बन रही है। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेसी रणनीतिकारों को दोतरफा नाराजगी झेलनी पड़ रही है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बिल्हा सीट से पराजित प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ला की जगह जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से कांग्रेस में आने वाले पूर्व विधायक सियाराम कौशिक को प्रत्याशी बनाया है। राजेंद्र की नाराजगी भी अब सार्वजनिक होने लगी है। राजेंद्र के साथ ही एक और प्रबल दावेदार छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल की सदस्य, मुंगेली जिला पंचायत की सभापति अंबालिका साहू ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अंबालिका ने कांग्रेस पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भाजपा जॉइन कर लिया।

तखतपुर में भी असंतुष्ट हैं कई दावेदार

तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस दोनों को असंतुष्टों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। यहां कांग्रेस से विधायक रश्मि सिंह के अलावा संतोष कौशिक भी दावेदार रहे हैं। वहीं भाजपा में हर्षिता पांडे पुरानी दावेदार थी लेकिन जोगी कांग्रेस से आए लोरमी के विधायक धर्मजीत सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। फिलहाल संतोष कौशिक और हर्षिता पांडे ने बगावत तो नहीं की लेकिन उनके समर्थक दोनों दलों के लिए कितना समर्पित होकर काम करते हैं इसका असर चुनाव पर पड़ेगा। तखतपुर सीट पर जातिगत वोट बैंक को साधने के लिए दिनेश कौशिक को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। दिनेश कौशिक पहले भाजपा और बाद में बसपा में शामिल हो गए थे।

मरवाही में कांग्रेस को भीतरघात का डर

अविभाजित बिलासपुर और गौरेला- पेंड्रा - मरवाही जिले की मरवाही विधानसभा सीट से कांग्रेस ने विधायक डॉ. के के ध्रुव को टिकट दिया है, जिसके बाद से यहां विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उत्तम वासुदेव सहित अन्य दावेदारों ने उनके नाम का विरोध शुरू कर दिया। साथ ही उपचुनाव जीत कर विधायक बने डॉ. केके ध्रुव पर निष्क्रयता के आरोप लग रहे हैं। इस सीट पर भाजपा ने दो बार से सरपंच रहे प्रणव मणपच्ची को उम्मीदवार बनाया है। यहां मणपच्ची के नाम का विरोध हुआ था। ऐसे में यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रत्याशियों को भीतरघात होने का डर है। वहीं, मरवाही में भी जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी तय होने के बाद से त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं।

भाजपा में पहली बार बगावती तेवर

आमतौर पर लोगों के मन में यह धारणा रही है कि भाजपा के नेता और कार्यकर्ता अनुशासित रहते हैं और पार्टी में खुलकर विरोध करने से बचते हैं। यहां कभी कोई गुटबाजी करने की हिम्मत भी नहीं दिखाते। लेकिन, यह पहला मौका है, जब प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद संगठन के पदाधिकारी से लेकर संभावित दावेदार बगावती तेवर दिखा रहे हैं।

सामरी और प्रतापपुर में अंसतुष्टों से खतरा बढ़ा

सरगुजा क्षेत्र में भी असंतुष्टों से पार्टियों को खतरा बढ़ गया है। सामरी सीट से कांग्रेस के विजय पैकरा प्रत्याशी हैं। यहां से जिपं अध्यक्ष प्रभात बेला मरकाम ने निर्दलीय पर्चा भरकर हड़कंप मचा दिया है। उनके बागी होने की खबरों के बीच मनाने की काफी कोशिश की लेकिन वह नहीं मानीं। इसी तरह कांग्रेस ने सूरजपुर की जिपं अध्यक्ष राजकुमारी मरावी को प्रतापपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। यहां से कांग्रेस के प्रदेश सचिव रामदेव जगत ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया है।

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