CG Election- बगावत और बवाल : दोनों पार्टियों में मचा घमासान...एक ने नहीं की सूची जारी...दूसरे के करने पर भी मायूस कई नेता...

हेमंत वर्मा/धरसींवा- भाजपा की सूची जारी होने के बाद जितना होना था, हो गया। अब मान-मनौव्वल का दौर गुपचुप तरीके से चल रहा है। पार्टी के जिम्मेदार नेता कुछ भी कहने से बच रहे हैं, जबकि जिनको टिकट नहीं मिली, नाराज तो हैं, लेकिन खुलकर कहने की जगह पार्टी लाइन से बाहर नहीं जाएंगे, अधिकृत प्रत्याशी के लिए काम करेंगे। हमारा प्रत्याशी तो पार्टी का चुनाव चिह्न है, जैसी बात कर रहे हैं। हालांकि किसके मन में क्या है, वह परिणाम को कितना प्रभावित कर सकता है। मानेंगे या मन की करेंगे, यह सब 23 अक्टूबर को नाम वापसी के बाद ही पता चलेगा।
दरअसल धरसींवा में भारतीय जनता पार्टी से अधिकृत प्रत्याशी घोषित होने के बाद जिस ढंग से बवाल मचा है। वह धरसींवा विधानसभा में इससे पहले इतनी बड़ा विरोध नहीं हुआ। अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि, अगर वे बगावती नहीं हैं, पार्टी की मानते हैं, तो फिर अधिकृत सूची की पार्टी की मानते हैं, तो फिर अधिकृत सूची के बातें न सिर्फ चर्चा का विषय बन रही हैं, बल्कि अधिकृत प्रत्याशी की चिंता का सबब भी बन रही हैं। अब टिकट मांगना तो पार्टी के हर नेता और कार्यकर्ता का अधिकार है, लेकिन जब सूची ही जारी हो जाए तो फिर टिकट की आस या नाराज होना ही संदेह को तो जन्म देता ही है। इस पर आला नेताओं की चुप्पी और जिम्मेदारों का कॉल अटेंड नहीं करना भी चिंता को बढ़ाता है।
टिकट वितरण से पहले क्या हुआ सब जानते...
भारतीय जनता पार्टी में टिकट वितरण प्रक्रिया के दौरान क्या-क्या हुआ कौन नहीं जानता ? कितने भी गुप्त तरीके से चर्चाएं हुईं, नाम तय किये गये, लेकिन फिर भी कुछ बातें तो बाहर आ ही रही थीं और चिंता बढ़ा रही थी। जो लोग टिकट की दौड़ में नहीं थे, पार्टी के लिए काम करने की इच्छा रखते वे अधिक चिंतित थे। वे सोच रहे थे कि, कैसे मतदाताओं के पास जाएंगे। उनके अपने नेता को टिकट नहीं मिला तो वे मायूस हो गये। भाजपा के जिम्मेदार नेता भले ही कहें कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ता अनुशासित हैं और प्रत्याशी कोई भी हो, वे जीत के लिए काम करेंगे, लेकिन यह कितना सच है, कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम करेंगे, घर बैठ जाएंगे, या फिर काम का दिखावा करेंगे, यह नाम वापसी के बाद पता चलेगा।
सूची जारी नहीं होने पर बढ़ रही चिंता...
इधर कांग्रेसियों की चिंता बढ़ रही है। स्थानीय स्तर के जिम्मेदारों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि, आखिर पार्टी ने सूची जारी क्यों नहीं की ? कांग्रेस की सूची जारी होने में हो रही देरी से उनकी चिंता बढ़ रही है, जो खुद को प्रत्याशी मानकर चल रहे हैं। जिन विधान सभा में कांग्रेस पार्टी से केवल एक ही प्रत्याशी ने नामांकन जमा किया है, उसका नाम आना तो तय है, लेकिन धरसींवा में जिस समय आवेदन जमा किया गया था उस समय 25 आवेदन ने जिम्मेदारों को भी चिंता में डाल दिए थे। जिससे दो या दो से अधिक नाम हैं, वे प्रत्याशी चिंतित है।
बगावत का डर दोनों पार्टियों में...
भले ही भारतीय जनता पार्टी ने अधिकृत सूची जारी कर दी हो, लेकिन अन्य दावेदारों की संख्या अधिक होने और विरोध के चलते बगावत का डर अब भी पार्टी के नेताओं को सता रहा है। सूची जारी होने के बाद कुछ नेता जो टिकट के दावेदार थे, घर बैठकर विरोध जता रहे हैं। इनको अभी भी कुछ उम्मीद है कि, प्रत्याशी बदल जाएंगे तो कुछ दावेदार रहे नेता केवल सोशल मीडिया पर धन्यवाद देंगे, वहीं कोई निर्दलीय लड़ने की इच्छा लिखकर मन का गुबार निकाल रहे है।
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