CG Election : हमें सरकार के काम पर भरोसा है, हम फिर से सरकार बना रहे हैं : सैलजा

रायपुर। कितनी परेशानी महसूस कर रहीं है, अपनी सरकार के बने रहने के संदर्भ में, या कितना आनंद महसूस कर रहीं कि अपनी सरकार तो बन ही रही है।
■ सैलजाः कोई भी चुनाव होता है, उसे हम न मुश्किल न आसान मानते हैं। हर चुनाव अलग मुद्दे लेकर आता है। यहां हमारी सरकार है। उस बात का हमे विश्वास है दोबारा सरकार बनेगी। चुनाव चुनाव होता है। आपने देखा कि हमारे यहां बदलाव भी आए और सब चीजों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने सब चीजों को सेट किया है। चुनाव में संगठन और सरकार के काम मिलकर हो रहे हैं और सभी इसमें इसमें मिलकर काम कर रहे हैं। चाहे इसमें हमारा शीर्ष नेतृत्व हो, हमारे अध्यक्ष खड़गे जी, राहुल जी, प्रियंका जी । सबने खूब समय दिया। हमारे जो स्थानीय नेता, राज्य के नेता और लोकल लेवल पर सबसे काम किया। सभी स्तरों पर संगठन ने काम किया । मुद्दे होते हैं। न किसी को आराम की नींद सोना चाहिए न ही इतना परेशान होना चाहिए। क्योंकि काम पर विश्वास है।
आप हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं। हरियाणा में कांग्रेस की एक अलग ही कहानी रहती है, छत्तीसगढ़ में भी वैसी ही कहानी देखने को मिली, या छत्तीसगढ़ को देखकर हैरत में रही कि ऐसा भी प्रदेश हो सकता है।
■ सैलजा: नहीं, सबका अपना अपना कैरेक्टर तो है। अब इतने साल हो गए, इतने दशक हो गए तो कई राज्यों में काम करने का मौका मिला है। हरेक की अलग संस्कृति है काम का अलग कल्चर है। उसे देखते भी हैं, सीखते भी है और कांग्रेस पार्टी के हिसाब से बातें बतानी होती है। छत्तीसगढ़ तो सबसे बढ़िया है। बहुत ही प्रदेश है, बहुत प्यारे लोग हैं। मुझे हर स्तर पर सहयोग मिला चाहे वह ग्रास रूट लेबल हो या राज्य के बड़े नेता हो, मुख्यमंत्री हो टीएस हों, महंत जी हों, ताम्रध्वज हो, डहरिया हो बैज जी हो। मरकाम जी हो, पहले अध्यक्ष रहे हैं। हर स्तर पर काम काम करने का जस्बा है सबमें एनर्जी है, पार्टी के प्रति निष्ठा भी है। ये देखरकर पार्टी में काम करके मजा भी आता है।
कांग्रेस के संदर्भ में देश में ख्यात है कांग्रेस को पहले कांग्रेसी निपटाते हैं, बाद में दूसरे लोग निपटाते हैं। छत्तीसगढ़ में भी निपटाने काम मामला दिखा या छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी एक दूसरे को आगे बढ़ाने में लगे हैं।
■ सैलजा : निपटाने की बात नहीं, किसी भी पार्टी या संगठन में देखें, किसी भी आर्गनाइजेशन का करेक्टर होता है कि अपने अपने स्पेस के लिए जद्दोजहद होती है। अंदर भी होती है। बाहर भी। लेकिन मैं कहती हूं कि अंदर एक संघर्ष होता है बाहर एक राजनीतिक लड़ाई होती है। तो सबको ये करना होता है। इसके बावजूद मुझे छत्तीसगढ़ में लगा कि सभी नेता आपस में मिल बैठकर जिस तरह से बात करने को तैयार होते हैं और जब पार्टी की बात होती है तो सब एकजुट हो जाते हैं।
भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस को पूरे देश में हिलाकर रखे हुए हैं। सत्ता में आना तो दूर तीन अंकों में आने के लिए भी तरसती है। लेकिन छत्तीसगढ़ में हालात जुदा है। एक तरफ कांग्रेस 71 सीटों के साथ भाजपा 14 सीटों के साथ विधानसभा में दिखाई देती है। भाजपा की इस बार तैयारी देखकर आपको कितनी चिंता या निश्चिंतता रही हैं।
■ सैलजाः चिंता की बात नहीं होती। और जैसा कि मैंने कहा कि आराम की नींद तो किसी को भी नहीं सोना चाहिए। ये ऐसा क्षेत्र हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की तुलना कीजिए तो ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में हमारे संगठन में जो फाइटिंग स्पीरिट है उसका नतीजा आपने देखा, हिमाचल कर्नाटक में देखा और अभी जो बात राष्ट्रीय परिदृश्य में जो बात हो रही है। सब कह रही हैं कि कांग्रेस मेहनत कर विचारधारा एक्सपटिबिलिटी है उसको देखते हुए ये बात नहीं कि कमजोरहै। चुनाव हारना जीतना समय के साथ होता है। कांग्रेस की जो मजबूती है उसे लेकर हम चलते हैं। पिछले चुनाव में भी हमारे सभी नेता मिलकर लड़े। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में ऐसा नहीं दिखता है। जो है वो अपने अपने में फंसे हैं। चाहे रमन हो, तीन बार के मुख्यमंत्री रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपने क्षेत्र में सीमित कर दिया है। इनके राष्ट्रीय नेता प्रधान मंत्री गृह मंत्री भी यहां बार-बार आते रहे लेकिन उसका असर नहीं दिखता है।
डॉ रमन सिंह जो तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं उनकी सीट भी आप जीतने की बात कर रहीं हैं। कल रमन सिंह हमारे साथ थे, बोल रहे थे, मेरी सीट तो निकल जाएगी। पाटन सीट बचेगी या नहीं। पाटन को लेकर कितने निश्चिंत हैं आप। पाटन में भूपेश बघेल का मुकाबला विजय बघे हैं। 2008 में विजय बघेल उन्हें हरा चुके हैं। रमन सिंह बड़े कांफिडेंट हैं जितने आप हैं।
■ सैलजाः मुख्यमंत्री जहां से होता है, उनके क्षेत्र में ..... विजय बघेल जी को वहां खड़े किया है। आज के समय भूपेश बघेल जी मुख्यमंत्री हैं और वहां के लोगों को उन पर गर्व है । अतीत में कुछ भी रहा हो । लेकिन आज के दिन मुझे नहीं लगता कि भारतीय जनता पार्टी सोच भी सकती है कि भूपेश बघेल जी को वो कमजोरी में लाएं। हराना तो दूर की बात है।
पर आपने भूपेश बघेल जी को इतना कमजोर क्यों किया। भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने पांच साल काम किया। जब भारतीय जनता पार्टी राज्यों में या राष्ट्रीय स्तर पर हर जगह अपना परचम फहरा रही थी। हर चुनाव भूपेश बघेल के नेतृत्व में जीत रहे थे, तो इस चुनाव में भूपेश बघेल की जगह सामूहिक नेतृत्व की बात आ गई। चुनाव प्रचार जब समाप्त हो रहा है। आपका ये दांव कितना सही बैठा या गलतीकर गए, भूपेश बघेल जी को ही सामने रखना था ।
■ सैलजाः इसमें न कोई गलती है न कोई बात, भूपेश बघेल जी ने और सभी नेताओं ने साथ बैठकर सबने कहा। एक ओर भूपेश बघेल जी हमारे मुख्यमंत्री हैं, उनके नेतृत्व में सरकार चली है और उनके नेतृत्व में हम चुनाव में जा रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है। इस चीज को आप समझे कि उन्हें कमजोर किया । न हम उनको कमजोर करेंगे न कांग्रेस पार्टी कांग्रेस पार्टी गर्व करती है अपने नेताओं पर । लेकिन इसके साथ-साथ भूपेश बघेल जी की भी राय थी कि सबको साथ लेकर चलें। सबका अपना अपना प्रभाव है। सब अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें। हमारे पास तो इतने स्टार हैं। बीजेपी के पास तो एक भी नहीं।
बीजेपी को सिताराविहीन कैसे महसूस कर रहीं है। तीन बार के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आपको सितारा नहीं दिख रहे हैं। अरुण साव आपको सितारा नहीं दिख रहे हैं। अमित शाह की बात आपने नहीं सुनी। अमित शाह कितनी दमदारी से बोल रहे हैं ओपी चौधरी को चुनाव जिताओ। बड़ा आदमी बनाएंगे। ऐसे संभावनाशील लोग आपको क्यो दिखाई नही दे रहे हैं।
■ सैलजाः जनता को नहीं दिख रहे हैं। मैने कहा अपोजिशन होती है उसमे चाहे कोई भी हो उनकी अपनी रणनीति होती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में जो पार्टी 15 साल राज कर चुकी है उनके सितारे जनता को नजर नहीं आ रहे हैं। फिर से कोशिश करें। गृह मंत्री जी को बार-बार आना पड़ रहा है। हमारे यहां तो ऐसा नहीं देखते होंगे। मैं प्रभारी हूं। हमारे शीर्ष नेता भी आते हैं, लेकिन हमारे स्थानीय नेताओं को पूरी स्पेस देते हैं।
गृह मंत्री जी का आना आपको बड़ा मायने लग रहा है और राहुल जी प्रियंका जी और खड़गे जी जो बार आ रहे हैं, जब आपके पास स्थानीय स्तर पर दमखम वाले नेता है तो इनका पसीना यहां क्यों बहा रहे हैं।
■ सैलजाः हमारे नेता पूरी तरह से कमिटेड हैं और हर राज्य में जा रहे हैं।
भाजपा जब से घोषणा पत्र आया है, हवा कुछ और बहती सी लोग देख रहे हैं। आप भी देख रहे हैं या भाजपा का प्रोपोगंडा दिख रहा है।
■ सैलजाः कुछ बात तो हास्यास्पद है, भारतीय जनता पार्टी जो इन बातों पर विश्वास ही नहीं करती थी। आज बैकफुट पर आकर ये बात कहनी हनी पड़ रही है। क्या कारण है। पांच साल हमने काम करते जो योजनाएं दी है। उसका फायदा लोगों को हो रहा है। किसानों को मजदूरों को, आम नागरिक को हमने फायदा पहुचाया है। क्या कारण है कि आप गैस की भी बात करें, केंद्रीय नेतृत्व कुछ कहता है, किसानों की बात नहीं करते। कर्जमाफी की बात करें तो कहते हैं किसान आलसी हो जाता है। जब इन्होंने देखा कि हमारी सरकार ने काम किए हैं, ये देखते रहे।
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