CG Election : खर्च के मामले में महिलाओं ने दी पुरुष प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर!

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव (assembly elections)में महिला प्रत्याशियों (candidates)ने अपने पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले न केवल सियासी मोर्चे पर कड़ी टक्कर दी है, बल्कि चुनाव के दौरान रकम खर्च करने में भी भारी जोर आजमाइश की है। राज्य में दूसरे चरण के लिए 70 सीटों पर चुनाव (election)के दौरान कई सीटों पर चुनावी खर्चों का अब तक का जो ब्योरा सामने आया है, उससे यही बात नजर आती है। निर्वाचन के जानकारों की मानें, तो अभी भी प्रत्याशियों के हिस्से का कुछ खर्च आना बाकी है। वोटों की गिनती के दौरान भी पोलिंग एजेंट (polling agent)की ड्यूटी लगाने जैसे खर्च होने बाकी हैं।
संजारी बालोद विधानसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी संगीता सिन्हा (Congress candidate Sangeeta Sinha)दूसरी बार चुनाव मैदान पर हैं। पिछली बार भी यही सीट उन्होंने जीती थी। इस बार के चुनाव में संगीता सिन्हा ने 29 लाख 51 हजार 515 रुपए खर्च का ने हिसाब दिया है। संगीता सिन्हा के मुकाबले भाजपा ने राकेश कुमार ने यादव को प्रत्याशी बनाया था, यह उनका पहला चुनाव था। इस चुनाव में उन्होंने 19 लाख 96 हजार, 506 रुपए खर्च किए हैं। डौंडी लोहारा सीट कांग्रेस प्रत्याशी अनिला भेंडिया मैदान पर थीं, वे पिछला चुना इसी सीट से जीतीं और मंत्री भी रही हैं। इस चुनाव में उन्होंन 31 लाख 84 हजार रुपए खर्च किए हैं। श्रीमती भेंडिया के मुकाबले भाजपा से देवलाल ठाकुर प्रत्याशी हैं। उन्होंने चुनाव खर्च 28 लाख 73 हजार 56 रुपए बताया है। सिहाव विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अंबिका मरकाम प्रत्याश हैं। वे पूर्व में भी इस सीट से चुनाव जीत चुकी हैं। इस बार चुनाव में उन्होंने 9 लाख 38 हजार 672 रुपए खर्च किए है श्रीमती मरकाम के खिलाफ भाजपा ने श्रवण मरकाम क प्रत्याशी बनाया है। वे भी इसी सीट से विधायक रह चुके हैं इस बाक उन्होंने चुनावी खर्च 9 लाख 8 हजार 323 रुपए बनाया है।
तारिणी ने किए 15 लाख खर्च
इधर कुरुद विधानसभा सीट से कांग्रेस ने तारिणी नीलम चंद्राकर को प्रत्याशी बनाया है। वे पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ी हैं। उन्होंने अपने चुनाव में 15 लाख 46 हजार 950 रुपए खर्च का हिसाब दिया है। तारिणी चंद्राकर के मुकाबले भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर मैदान पर हैं। ये सीट श्री चंद्राकर ने पिछले चुनाव में भी जीती थी। इस बार महिला प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ते हुए उन्होंने 10 लाख 36 हजार, 552 रुपयों का हिसाब दिया है
40 लाख है लिमिट
विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक 40 लाख रुपए लिमिट तय है। बताया है कि प्रत्याशी घोषित होने के बाद से लेकर मतगणना पूरी होने तक प्रत्याशी द्वारा किए जाने वाले सभी खर्चों को इसमें शामिल किया जाता है। बताया गया है कि प्रत्याशियों को चुनाव समाप्त होने के 30 दिनों बाद तक खर्च का ब्योरा देना अनिवार्य है। अभी जो खर्च का ब्योरा दिया गया है, वह अनंतिम है। मतगणना के दौरान होने वाला खर्च इसमें शामिल होना बाकी है।
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