CG Election : राज्य गठन के बाद बढ़ा महिलाओं का प्रतिनिधित्व, अब तक 42 विधायक

देवीलाल साहू - भिलाई । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)राज्य अस्तित्व में आने के बाद विधानसभाओं (assembly)में अब ज्यादा महिलाएं जीत कर पहुंचने लगी है। वर्ष 2000 यानी छत्तीसगढ़ बनने के बाद छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के बाद महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। साल 2003 चुनाव से अब तक राज्य की विधानसभा (MLAs)में 42 महिलाएं पहुंच चुकी है। इस बार कांग्रेस (Congress) ने 17 विधानसभा सीट पर महिला प्रत्याशी (candidates) मैदान में उतारे हैं। वहीं भाजपा )BJP)ने प्रदेश की 15 सीटों में महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है।
दुर्ग संभाग में कांग्रेस से चार और भाजपा से दो महिलाओं को टिकट
कांग्रेस पार्टी ने पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार दुर्ग संभाग में चार महिलाओं को टिकट दिया है। पिछले चुनाव से एक महिला कम है। वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी ने पांच महिलाओं को टिकट दी थी। इसी तरह भाजपा ने पिछले चुनाव में तीन महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा था। इस बार दो महिलाओं को टिकट दी गई है। यानी एक महिला इस चुनाव में कम कर दी गई है। इस तरह दोनों ही दलों में महिलाओं की टिकट इस बार कम कर दी है। वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टी ने पिछले यानी वर्ष 2008 के चुनाव से ज्यादा टिकट महिलाओं को दी थी। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने 3- 3 महिला प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया था। वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महिलाओं की टिकट बढ़ा दी। कांग्रेस ने 5 महिला प्रत्याशियों को टिकट दी, यानी 2 महिला प्रत्याशी कोज्यादा टिकट दिए। वहीं भाजपा ने केवल 2 महिलाओं को टिकट दी थी। इस विधानसभा चुनाव में दुर्ग संभाग के कुल 6 विधानसभा क्षेत्रों में महिला प्रत्याशी मैदा में हैं। कांग्रेस ने संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र से संगीता सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है। डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र से अनिला भेड़िया मैदान में हैं। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र से यशोदा वर्मा को टिकट दी गई है। तीनों की महिला प्रत्याशी पिछले चुनाव में विधायक रही है। डोंगरगढ़ से हर्षिता बघेल को पहली बार कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा ने संभाग में जिन दो महिलाओं को टिकट दी है, वे दोनों की नए चेहरे हैं। जिसमें खुज्जी से गीता साहू और पंडरिया से भावना बोहरा हैं।
48 साल में 46 महिलाएं पहुंची विधानसभा
वर्ष 1952 से 2000 यानी छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने तक 48 सालों में महज 46 महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची थी । इनमें भी अधिकांश ऐसी महिलाएं थी। जिनका ताल्लुक किसी राज परिवार या जमींदार परिवार से थी, लेकिन तस्वीर बदली और आम घरों की महिलाएं भी चुनावी मैदान में उतरी।
पिछले चुनाव में 132 महिला प्रत्याशी
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में 90 सीटों के लिए हुए विधानसभा चुनाव में कुल 1269 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें महिला उम्मीदवारों की संख्या 132 यानी 10 फ़ीसदी थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जिन 13 महिलाओं को टिकट दी थी, उनमें से दस महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची थी। इसी तरह भाजपा ने 14 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। इनमें में एक की जीत हुई। बहुजन समाज पार्टी की 5 में से एक और जनता कांग्रेस जोगी की 3 में से एक महिला उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचीं। इन 13 विधायकों के साथ विधानसभा में महिलाओं का प्रतिशत 14 फ़ीसदी रहा।
26 सीटों पर पुरुषों से महिला प्रत्याशियों का मुकाबला
खास बात यह है कि महिलाओं को दोनों दलों ने टिकट दिए हैं, उनमें ज्यादातर विधानसभाओं में महिला प्रत्याशियों का मुकाबला पुरूष प्रत्याशियों से है। प्रदेश की 26 विधानसभा सीटों पर महिला प्रत्याशियों का मुकाबला सीधे पुरूष प्रत्याशियों से है । मसलन भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट, खलारी विधानसभा, कुरूद विधानसभा, खैरागढ़, महासमुंद, धमतरी, डोंगरगढ़, बैकुंठपुर, बिलाईगढ़, संजारी बालोद, जशपुर, तखतपुर, चंद्रपुर, डौंडीलोहारा, भटगांव विधानसभा, खुज्जी विधानसभा, प्रतापपुर विधानसभा, पत्थलगांव, पामगढ़, पाली तनाखार, सराईपाली, धरसींवा, पंडरिया, सामरी, सिहावा, कोंडागाव और भानुप्रतापपुर विधानसभा में महिला प्रत्याशियों का पुरूष प्रत्याशी के बीच मुकाबला है।
केवल तीन विधानसभाओं में महिलाएं आमने-सामने
प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों में कांग्रेस और भाजपा की महिला प्रत्याशी आमने- सामने हैं। सारंगढ़ विधानसभा में कांग्रेस की उत्तरी जांगड़े व भाजपा की शिवकुमारी आमने-सामने हैं। प्रतापपुर कांग्रेस की राजकुमारी मरावी व भाजपा शकुंतला पोर्ते और लैलूंगा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विद्यावती सिदार व भाजपा प्रत्याशी सुनीति राठिया आमने-सामने हैं।
उपचुनाव में तीन और महिला विधायक जीती।
छत्तीसगढ़ में तीन विधानसभा सीट में उपचुनाव की स्थिति बनी। दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र, खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र और भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव हुए। इन तीनों ही सीटों पर कांग्रेस की महिला उम्मीदवारों की जीत हुई। इससे विधानसभा में महिलाओं की संख्या 16 हो गई। इस तरह पूरे देश में छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिलाओं का आंकड़ा सर्वाधिक 18 फीसदी जा पहुंचा।
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