CG Election : स्थानीय नेताओं की अनदेखी से मायूस हुए युवा कार्यकर्ता, दो अध्यक्षों ने क्यों बनाई कार्यक्रमों से दूरी ?

हेमंत वर्मा/धरसींवा। विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए भले ही भाजपा ने कमर कस ली है और कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोल कर और परिवर्तन यात्रा के जरिए जनता तक पहुंचने का कार्य कर रही है। लेकिन इसी बीच राजधानी रायपुर के दो भाजपा नेताओं की अनुपस्तिथि युवा नेताओं के बीच चर्चा का विषय बन गई है। इसमें प्रमुख रूप से भाजपा के दो पूर्व अध्यक्ष संचित तिवारी (Sanchit Tiwari) और अभिनेश कश्यप (Abhinesh Kashyap) शामिल हैं। इन दोनों के लिए युवा नेताओं के बीच गुटबाजी उभर कर सामने आ रही है।
कार्यक्रम में सक्रियता नहीं दिखाई देती...
रायपुर में पिछले 6 महीने में भाजपा के दो दिग्गजों को पद से उतारा गया है। जिसमें भाजपा के तत्कालीन ग्रामीण अध्यक्ष अभिनेश कश्यप और जिला ग्रामीण युवा मोर्चा अध्यक्ष संचित तिवारी शामिल हैं। जिनकी सक्रियता अब कार्यक्रम में दिखाई नही देती, जंहा प्रमुख रूप से बीजेपी रायपुर जिला के ग्रामीण क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए 'परिवर्तन यात्रा' निकली थी। जिसमें इन नेताओ की अनुपस्तिथि चर्चा का विषय बनी हुई है। पार्टी कार्यकर्ताओं को पूर्व अध्यक्षों की कमी खल रही थी।
संगठन को मजबूत करने को लेकर युवा मोर्चा अध्यक्ष ने क्या कहा...
सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि, ये प्रमुख चेहरों ने अभियान का नेतृत्व क्यों नहीं किया, इस मसले को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं में धरसींवा युवा मोर्चा अध्यक्ष टीनू कान्त वर्मा ने कहा कि, युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष संचित तिवारी एक कुशल नेतृत्व कार्यकर्ता हैं। उन्हें संगठन को मजबूत करने के लिए आगे आना चाहिए। वहीं एक और कार्यकर्त्ता का कहना है कि, वर्तमान जिला अध्यक्ष श्री टंक राम वर्मा अगर बलौदाबाजार से भाजपा प्रत्याशी बनते हैं तो निश्चित रूप से रायपुर जिले में उनकी सेवाएं प्रभावित होंगी। इस परिस्थिति में अगर नाराज कार्यकर्त्ता पार्टी लाइन में काम पर जुटेंगे तो निश्चित रूप से पार्टी मजबूत होगी।
युवा मोर्चा की महत्वपूर्ण भूमिका...
भाजपा में युवा मोर्चा की चुनाव और कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जंहा पूर्व जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा के नेता संचित तिवारी की खास भूमिका रहती थी। ऐसे में इनका घर बैठ जाना भाजपा के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है। क्योंकि युवा नेताओ का कहना है कि, जब श्री तिवारी आंदोलन या सभाओं का संचालन करते थे। तब युवा अपने-आप उनके साथ जुड़ते थे।
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