CG NEWS : अवैध कब्जे पर प्रशासन सख्त, गुमटी-ठेले के बाद अब पक्की दुकानों को भी ढहाया

- कालीबाड़ी चौक पर 10 साल पहले अवैध कब्जा कर बनाई गई पक्की दुकानों को तोड़ा गया
रायपुर। शहर को अवैध कब्जा (Illegal possession)से मुक्त कराने जिला प्रशासन (district administration) धीरे-धीरे सख्त रवैया अपनाता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में अवैध रूप से लगाए गए ठेला-गुमटियों को ही हटाया जा रहा था, अब अवैध रूप से बनी पक्की दुकानों को भी तोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को नगर निगम (Municipal Corporation)पक्की दुकानों का निर्माण कराया था। इस व्यक्ति को निगम का नोटिस भी भेजा गया था। इसके की टीम ने कालीबाड़ी चौक (Kalibari Chowk.)के पास बनी पक्की अवैध दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई की। बताया जा रहा है जिन दुकानों को तोड़ा गया, उस जमीन पर एक व्यक्ति ने दस साल पहले कब्जा कर बावजूद वह कब्जा छोड़ नहीं रहा था। इन दुकानों को तोड़कर निगम ने जमीन को भी कब्जा मुक्त कराया।
जीई रोड पर फिर लगने लगी अवैध दुकानें
साइंस कॉलेज के पास जीई रोड के अप-डाउन जाने वाली दोनों सड़कों के किनारे अवैध रूप से ठेले- गुमटी लगाकर लोग व्यवसाय कर रहे थे। नगर निगम की टीम ने दो दिन पहले ही इस रोड पर अभियान चलाकर ठेला-गुमटी को हटाने की कार्रवाई की थी। इस रोड पर फिर से अवैध ठेला-गुमटी की दुकानें लगने लगी हैं।
250 से ज्यादा अवैध कब्जे मुक्त कराए गए
शहर की सड़कों को कब्जा मुक्त कराने विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत विभिन्न इलाकों में सड़कों पर अवैध कब्जा कर व्यवसाय करने वाले ठेला-गुमटी सहित अन्य दुकानों पर कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान के तहत अब तक 250 से ज्यादा अवैध कब्जों को मुक्त कराया गया है।
सुबह 7 बजे पहुंची टीम, तीन जेसीबी की मदद से तोड़ी दुकानें
जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों के नेतृत्व में निगम का तोड़ दस्ता शुक्रवार को अलसुबह 7 बजे कालीबाड़ी चौक पहुंचा और यहां शासकीय वन आवासीय परिसर से लगी लगभग साढ़े चार सौ वर्गफीट जमीन पर बनी चार अवैध दुकानों को तीन जेसीबी की मदद से तोड़कर हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान पुलिस बल भी तैनात था। इस जमीन पर ज्योतिप्रकाश नामक व्यक्ति ने कब्जा कर रखा था और अवैध रूप से दुकानों का निर्माण कराकर उन्हें व्यावसायिक परिसर के रूप में चला रहा था। आयुक्त राकेश शर्मा ने बताया कि इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कब्जाधारी को वर्ष 2017 में भी नोटिस जारी किया गया था। इस पर उसने जमीन को अपना बताकर कब्जा हटाने से मना कर दिया था। इसके बाद राजस्व अमले ने तहसीलदार के नेतृत्व में जमीन की जांच की, जिसमें शासकीय नजूल की भूमि होना पाया था। इसके बाद इस अवैध अतिक्रमण को हटाकर जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया है।
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