CG News : दिवाली के बाद सोसाइटियों में उमड़े किसान, एक दिन में सवा लाख मीट्रिक टन की खरीदी

- मैदानी जिलों में सबसे अधिक आवक, सरगुजा बस्तर में सबसे कम धान आया
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कई दिनों तक चले चुनावी अभियान (election campaign)और उसके साथ ही दीपावली पर्व (Diwali festival)के बाद अब राज्य के किसान (farmers)अपना धान बेचने के लिए सोसाइटियों (societies)की ओर उमड़े हैं। 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के 20वें दिन सोमवार को राज्य में एक दिन में हुई है। सोमवार शाम तक मिली जानकारी के अनुसार 1 लाख 22 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान आ चुका है, जबकि इस दिन डेढ़ लाख मीट्रिक टन खरीदी के लिए टोकन जारी हुए हैं। धान की सबसे अधिक आवक हुई है। सोमवार शाम तक मिली जानकारी के अनुसार 1 लाख 22 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान आ चुका है, जबकि इस दिन डेढ़ लाख मीट्रिक टन खरीदी के लिए टोकन जारी हुए हैं।
इन जिलों में सबसे अधिक आवक
राज्य के जिन जिलों में सोमवार 20 नवंबर को सबसे अधिक धान की खरीदी की गई है, उनमें कांकेर, बिलासपुर, मुंगेली, सारंगढ-बिलाईगढ़, बालोद, बेमेतरा, दुर्ग, कवर्धा, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान- गंडई, बलौदाबाजार, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, जिले शामिल हैं। ये सभी जिले राज्य के मैदानी जिलों में शामिल हैं।
इन जिलों में सबसे कम खरीदी
एक तरह जहां राज्य के मैदानी इलाकों के जिलों में धान की आवक काफी तेज है वहीं सरगुजा और बस्तर संभाग के कई जिलों में काफी कम धान आया है। जिन जिलों में सबसे कम धान बिक्री के लिए आया है - उनमें बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर, गौरेला- पेंड्रा - मरवाही जांजगीर चांपा, कोरबा, रायगढ़, सक्ती, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सरगुजा, सूरजपुर, शामिल है। कुछ ऐसे जिले भी हैं, जहां अब तक धान खरीदी की बोहनी भी नहीं हो पाई है। ऐसे जिलों में दंतेवाड़ा, सुकमा, और मनेंद्रगढ़ चिरमिरी शामिल हैं। खाद्य सचिव टीपी वर्मा का कहना है कि बस्तर तथा सरगुजा संभाग के कुछ जिलों में धान कटाई में देर के कारण ये स्थिति बनी है।
शाम 7 बजे तक 122 लाख टन खरीदी
सोमवार शाम 7 बजे तक धान खरीदी के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबित 122 लाख मीट्रिक टन धान आ चुका है, लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये आंकड़े रात तक और बढ़ेंगे। इस समय तक 30 हजार 225 किसानों ने धान बेचा है, जबिक सोमवार को धान बेचने के लिए 150 लाख मीट्रिक टन के टोकन जारी किए गए हैं। खाद्य सचिव श्री वर्मा के मुताबिक इस साल की खरीदी में किसी भी एक दिन धान खरीदी का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है।
चुनाव और दिवाली के कारण कम हुई थी रफ्तार
राज्य में सरकार ने 1 नवंबर से धान की खरीदी शुरू करवाई थी, लेकिन इसी बीच 7 नवंबर को राज्य में पहले चरण की 20 सीटों के लिए और बाद में 17 नवंबर को दूसरे चरण की 70 सीटों के लिए मतदान हुआ। चुनाव की इस प्रक्रिया के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोग चुनाव की गतिविधियों में शामिल रहे। इसी बीच 12 नवंबर को दीपावली होने के कारण उसके पहले और बाद के कुछ दिनों तक त्योहारी माहौल के कारण धान बेचने कम संख्या में किसान आए, लेकिन जैसे ही चुनाव और त्योहार निबटे, तो किसान धान बेचने के लिए सोसाइटियों की ओर उमड़ पड़े हैं।
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