CG News : बिजली बिल हाफ योजना की जगह दूसरे विकल्पों पर विचार

CG News :  बिजली बिल हाफ योजना की जगह दूसरे विकल्पों पर विचार
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रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)में नई सरकार (new government)आने के बाद हाफ बिजली बिल योजना (Half Electricity Bill Scheme)की जगह दूसरी राहतों पर विचार शुरू हो गया है। एक तरह से योजना का स्वरूप बदल जाएगा। इसमें बीपीएल (BPL)और कम बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं के लिए अलग - अलग स्लैब बन सकता है। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने भी नया मसौदा बनाना शुरू कर दिया है मामले में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा (Deputy Chief Minister Vijay Sharma)ने बिजली बिल योजना को लेकर बयान दिया था कि बिजली बिल हॉफ योजना बंद होगी, इसके बाद से प्रतिक्रियाए तेज हो गई थीं।उससे बिजली कंपनी को मिलने वाले राजस्व पर क्या असर पड़ता है, इसका अध्ययन अफसर कर रहे हैं। अध्ययन के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी, इस पर सरकार फैसला लेगी। बताया जाता है कि बीपीएल और कम खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए अलग से स्लैब बनाकर उन्हें बिजली बिल में छूट दी जा सकती है। राज्य सरकार सब्सिडी का बोझ कम करने के उपायों पर विचार कर रही है। ऐसे में ऊर्जा विभाग के अफसरों को अन्य विकल्पों पर विचार करने कहा गया है।

यह है योजना

कांग्रेस सरकार आने के बाद घोषणापत्र के वायदे के अनुसार 2019 से बिजली बिल हॉफ योजना में 400 यूनिट तक हर वर्ग के उपभोक्ताओं का बिजली बिल हॉफ किया जाता है।

20 हजार करोड़ की लगेगी सब्सिडी

हर साल जैसे-जैसे उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा होता गया, सब्सिडी भी बढ़ती चली गई। पहले साल 19-20 में 43 लाख उपभोक्ताओं को 3434 करोड़ की सब्सिडी दी गई। 20-21 में उपभोक्ता 38 लाख 59 हजार हुए तो सब्सिडी कम होकर 3085 करोड़ हो गई। वर्ष 21-22 में उपभोक्ताओं की संख्या 44 लाख 80 हजार हो गई, तो सब्सिडी 3963 हजार हो गई। तीन साल में प्रदेश सरकार ने 10 हजार 482 करोड़ की सब्सिडी दी है। वर्ष 22-23 में उपभोक्ताओं की संख्या में और इजाफा होने के कारण सब्सिडी चार हजार करोड़ से ज्यादा की दी गई। चार साल में 14 हजार करोड़ की सब्सिडी दी गई है। इस साल भी करीब चार हजार करोड़ की सब्सिडी लगेगी। अब ज्यादा उपभोक्ता होने के कारण हर साल करीब चार हजार लगेंगे, तो पांच साल में राज्य सरकार के 20 हजार करोड़ के आसपास का खर्च होने की संभावना है।

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