CG NEWS : बायोमेट्रिक मशीन आने में विलंब, इसलिए अभी टोकन सिस्टम, 8000 किसानों ने लगाया नंबर

CG NEWS : बायोमेट्रिक मशीन आने में विलंब, इसलिए अभी टोकन सिस्टम, 8000 किसानों ने लगाया नंबर
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खेतों में लहलहा रही फसल कटाई में अभी वक्त है, इसलिए सोसाइटियों में अभी भीड़ रहेगी कम। पढ़िए पूरी खबर ...
  • राज्य में धान महोत्सव, आज से होगी खरीदी
  • सोसाइटी में धान की अनुसार टोकन मात्रा के
  • साढ़े 26 लाख किसानों का हुआ है पंजीयन

रायपुर। छत्तीसगढ़(Chhattisgarh)में बुधवार एक नवंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी (paddy purchased)की जाएगी। राज्य में इस सीजन में धान बेचने के लिए 26 लाख 56 हजार किसानों (farmers) का पंजीयन हुआ खास खबर है। खास बात ये है कि पहले दिन धान बेचने के लिए 22 जिलों के 8 हजार किसानों ने टोकन लिया है। अगर ये सभी लोग धान बेचने आए तो पहले दिन 30 हजार 600 टन धान आने की संभावना है, लेकिन फिलहाल बायोमेट्रिक प्रणाली (biometric system)से खरीदी नहीं हो पाएगी क्योंकि यह मशीन अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है

बायोमेट्रिक प्रणाली फिलहाल नहीं

राज्य में इस साल पहली बार धान की खरीदी बायोमेट्रिक प्रणाली से खरीदी करने की तैयारी की है, लेकिन फिलहाल इस प्रणाली से धान नहीं खरीदा जा सकेगा। वजह ये है कि बायोमेट्रिक मशीन नहीं खरीदी जा सकी है। खाद्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से बायोमेट्रिक मशीन खरीदी के लिए टेंडर जारी करने में देरी हुई। बताया गया है कि 3 हजार मशीनों के लिए आर्डर दिया गया है। संभावना है कि एक हफ्ते में ये मशीनें आ जाएंगी।

टोकन प्रणाली से धान खरीदी

बायोमेट्रिक मशीन उपलब्ध न होने की वजह से 1 नवंबर से शुरू होने वाली खरीदी के दौरान पुराने तरीके से धान खरीदा जाएगा। इस काम के लिए सोसायटियों से धान बेचने वाले किसानों को टोकन जारी किए हैं। जो किसान धान बेचने के लिए सोसायटी में आएंगे उन्हें तारीख और धान की मात्रा के साथ टोकन दिया जाएगा। अपनी बारी के हिसाब से वे धान बेचेंगे। सोसायटी में यह जांच की जाएगी कि धान गुणवत्ता पूर्ण है या नहीं। धान में 17 प्रतिशत तक नमी मान्य करने के निर्देश हैं। इससे अधिक नमी वाला धान नहीं लिया जाएगा।

22 जिलों में 8 हजार टोकन बंटे

एक नवंबर को धान बेचने के लिए राज्य के 22 जिलों के 8 हजार किसानों ने सोसायटियों से टोकन लिए हैं। अगर ये सभी किसान धान बेचने आए तो पहले दिन 30 हजार 600 मीट्रिक टन धान की खरीदी होने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक राज्य में जो किसान अर्ली वेरायटी (जल्द पकने वाला) का धान लगाते हैं वह अक्टूबर तक पक कर कट कर तैयार हो जाता है। यही कारण है कि सरकार 1 नवंबर से धान खरीदी करने को तैयार हुई है।

इस साल बढ़े हैं 1 लाख 58 हजार किसान

छत्तीसगढ़ में यह पहला साल है जब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए सबसे अधिक संख्या में 26 लाख 56 हजार किसानों का पंजीयन किया गया है। इनमें नए किसानों की संख्या 1 लाख 58 हजार है। इसके साथ ही राज्य में धान का रकबा भी बढ़ा है। राज्य में 2018 में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार बनने के बाद से राज्य में किसानों को धान की सबसे अधिक कीमत मिलने के बाद से छत्तीसगढ़ में धान उगाने में किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है। यही वजह मानी जा रही है कि धान के रकबे में लगातार बढ़ता जा रहा है।

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