CG NEWS : ठंड में अंडा उबला, थोक में दाम 5.50 और चिल्ह में 6.50 रुपए नग

रायपुर। नवरात्रि के जाने के बाद ठंड की दस्तक के साथ ही अंडों ने भाव खाना प्रारंभ कर दिया है। इसकी कीमत थोक में 5.50 से 5.75 रुपए और चिल्हर में 6.50 रुपए हो गई है। इस साल तो गर्मी में भी अंडों (eggs)की कीमत ने रिकॉर्ड तोड़ा था आमतौर पर गर्मी में अंडे का भाव तीन से चार रुपए ही रहता है, लेकिन पहली बार थोक में जहां अंडा सवा पांच रुपए और चिल्हर में छह रुपए तक बिका है। अब तो ठंड का समय है, इस समय कीमत हमेशा ज्यादा हो जाती है। ठंड में खपत भी डबल हो जाती है।
पिछले साल अपने राज्य में ही रोज 60 लाख अंडों की खपत हो रही थी। छत्तीसगढ़ का नाम भी ज्यादा अंडा उत्पादन करने वाले राज्यों में शामिल है। यही वजह है कि यहां से दूसरे राज्यों में रोज अंडे जाते हैं। यहां कई बड़े पोल्ट्री फार्म हैं। इनमें लाखों की संख्या में अंडों का उत्पादन रोज होता है। कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा था, तो पोल्ट्री फार्म वालों ही हालत खस्ता हो गई थी। यहां 120 करोड़ से ज्यादा अंडों को कोल्ड स्टोरेज में रखना पड़ा था। स्थिति अंडों को फेंकने की आ गई थी, लेकिन लॉकडाउन हटने के कारण राहत मिली थी। इसके बाद से लगातार अंडों का अच्छा उत्पादन हो रहा है और बाहर के राज्यों में अंडे जा रहे हैं।
कीमत आसमान पर
ठंड के सीजन में अंडों की कीमत में हमेशा तेजी आती है। इस बार तो प्रारंभ में ही कीमत आसमान पर चली गई है। इस समय पोल्ट्री फार्म (Poultry Farm)में अंडों की कीमत जहां 5.20 रुपए है, वहीं थोक में यह 550 से 575 रुपए और चिल्हर में 650 रुपए में बिक रहा है। आने वाले समय में कीमत में और इजाफा होगा। संभव है इस बार कीमत का नया रिकॉर्ड बन जाए। पोल्ट्री फार्म कारोबारियों के मुताबिक इस समय दाना-पानी भी महंगा हो गया है। जो मक्का पहले 14 से 15 रुपए किलो था, वह अब 22 से 24 रुपए हो गया है। इसी तरह से सोया 40 से 41 रुपए से बढ़कर 55 से 60 रुपए किलो हो गया है।
कीमत बढ़ी है
पोल्ट्री कारोबारी धनराज बैनर्जी ने बताया कि, अड़ों की कीमत ठंड में आमतौर पर बढ़ जाती है। इस समय पोल्ट्री में कीमत 5.20 रुपए है, तो स्वाभाविक है चिल्हर में कीमत कुछ ज्यादा होगी।
रोज 70 लाख का उत्पादन
छत्तीसगढ़ में रोज 70 लाख के आसपास अंडों का उत्पादन होता है। इसमें से 30 से 40 फीसदी दूसरे राज्यों में जाते हैं। इस समय भी उत्पादन पूरे शबाब पर है, क्योंकि ठंड में अंडों की खपत बढ़ जाती है। पिछले साल ठंड के समय में अपने राज्य में 70 लाख में से 60 लाख अंडों की खपत हुई थी। ऐसे में बाहर के राज्यों में कम अंडे भेजे जा रहे थे। इस बार भी खपत के लगातार बढ़ने की संभावना है। अंडों की खपत इस बार सावन में जरूर प्रभावित हुई थी, क्योंकि दो माह क सावन होने के कारण खपत आधी हो गई थी और इसका स्टॉक कोरोनाकाल की तरह कोल्ड स्टोरेज में करना पड़ा था।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS