CG News : धान तौलाई में 'कांटा', प्रति बोरी ले रहे एक से दो किलो तक ज्यादा

■ सूखत के नाम पर 700 ग्राम, लेकिन कहीं कहीं डेढ़ से दो किलो तक ज्यादा लिया जा रहा।
■ समिति में प्रति बोरी किसानों से 41.200 किलो धान की खरीदी की जा रही है और प्रति बोरी किसानों से आधा किलोग्राम अधिक धान लिया जा रहा।
जगदलपुर-अनिल सामंत/राजनांदगांव-सचिन अग्रहरि/धमतरी-उमेश वशिष्ठ/महासमुंद-रत्नेश सोनी/दुर्ग-राहुल शर्मा/राजपुर-संजय सोनी। धान खरीदी (purchased paddy)शुरू हो गई है। इसके साथ ही शुरू हुए कई तरह की शिकायतें। हरिभूमि (Haribhoomi) हर बार किसानों (farmers)के हक में धान तौलाई की जांच करता है। किसानों ने इस बार भी ज्यादा धान लेने की शिकायत हरिभूमि से की। टीम हरिभूमि ने प्रदेशभर में सोसायटियों में खरीदे गए धान की दोबारा तौलाई राई। जांच में पता चला कि हर साल की तरह इस बार भी ज्यादातर सोसायटियों में किसानों से ज्यादा धान लिया जा रहा है। हालांकि कुछ सोसायटियों में तौल सही पाई गई।
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है। राजपुर धान उपार्जन केंद्र में धान बेचने आए किसान संदीप एक्का ने बताया कि उसने 80 क्विंटल धान का टोकन कटवाया था। धान की एक बोरी में 40 किलो धान होता है और बोरी का वजन 700 ग्राम है ऐसे में प्रति बोरी 40.700 किलोग्राम की खरीदी होनी चाहिए थी लेकिन समिति में प्रति बोरी किसानों से 41.200 किलो धान की खरीदी की जा रही है और प्रति बोरी किसानों से आधा किलोग्राम अधिक धान लिया जा रहा है। समिति में धान खरीदी करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि धान अभी पूरी तरह से सूखा नहीं है। ज्यादा न लें तो क्या करें?
अधिक है धान में नमी
शासन के निर्देश पर 1 बोरी में 40 किलो 700 ग्राम धान लेना है। धान में नमी है और समय पर उठाव नहीं होने से धान का वजन कम हो जाता है ऐसे में मिलर धान उठाव नहीं करतें हैं। इसी लिए 41 किलो 200 ग्राम धान प्रति बोरी लिया जा रहा है।
दुर्ग- तराजू बैलेसिंग के नाम पर कांटामारी
जिले में 102 उपार्जन केन्द्रों से धान की खरीदी हो रही है। इसमें सिर्फ बीस फीसदी केन्द्रों में ही इलेक्ट्रानिक मशीन से खरीदी हो रही है। फड़ वाले तराजू और इलेक्ट्रानिक तराजू में सात सौ ग्राम का अंतर आ रहा है। वही दूसरी खामियां भी मिलीं हैं। जेवरा सोसायटी में धान भरे गए बोरे के वजन कांटने के लिए फड़ में एक खाली बारदाना रखा गया हैं। खाली बारदाने के अलावा फड़ के उपर लोहे का एंगल बांधा गया है। इसका वजन करीब चार सौ से पांच सौ ग्राम होने का अनुमान हैं। सोसायटी कर्मचारी लक्ष्मण चंद्राकर का कहना है कि, फड़ बैलेसिंग करने के लिए यह बांधा गया है। इसी तरह समोदा सोसायटी सिर्फ खाली बारदाना रखकर वजन कांटा गया है। सोसायटी प्रबंधक ओम प्रकाश ने बताया कि, तौल के बारदाने के वजन को कांटने एक खाली बारदाना ही रखा गया हैं। फड़ में कुछ नहीं रखा गया था। इस तरह बैलेसिंग और दो तरह के तराजू में किसानों को आधा से एक किलो का नुकसान का उठाना पड़ रहा है। इसके आलावा नगपुरा, कोडिया, तिरगा, आलबरस, थनौद सोसायटी के किसानों से भी जानकारी ली गई, लेकिन ऐसा यहां नहीं पाया गया।
समिति में सूखत के नाम पर 6 सौ ग्राम की कांटा मारी

साफ्टवेयर में 39.20 किलो धान तौल दर्ज

इलेक्ट्रानिक मशीन में 40.800 तथा नया बारदाना वाले कट्टे का वजन कर रहे 40.700 किग्रा

खरीदी केंद्रों में तौल में गड़बड़ी
जगदलपुर । बस्तर जिले के अंदरुनी क्षेत्र घोटिया, केसरपाल, मुंडागाव, जैबेल, तिरिया खरीदी केंद्र में 40 किलो से ज्यादा तकरीबन साढ़े 40 धान तौला जा रहा था। बावजूद संबंधित केंद्र में किसानों ने शिकायत नहीं की। कुछ केंद्रों में झुकती की बात कहते 200 से 500 ग्राम अतिरिक्त धान तौला जा रहा था। धान तौल को लेकर बस्तर संभाग के किसी भी उपार्जन केंद्रों तथा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक तक शिकायत नहीं की गई है। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए जब बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीकांत चंद्राकर के मोबाइल पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS