CG NEWS : हाईकोर्ट का आदेश, खस्ता हाल सिम्स में बैठेंगे अब आईएएस

CG NEWS  :  हाईकोर्ट का आदेश,  खस्ता हाल सिम्स में बैठेंगे अब आईएएस
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चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा (Chief Justice Ramesh Sinha) ने सख्त लहजे में कहा है कि मरीज की जिंदगी बचाना हमारी प्राथमिकता में शामिल होना। चाहिए। दूसरे काम तो बहुत होते रहते हैं लेकिन यह काम सबसे ज्यादा जरुरी है। पढ़िए पूरी खबर...

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) (Chhattisgarh Institute of Medical Sciences (SIMS))की अव्यवस्था से नाराज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court)के डिवीजन बेंच ने तत्काल प्रभाव से सेक्रेटरी स्तर के ओएसडी की नियुक्ति करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा (Chief Justice Ramesh Sinha) ने सख्त लहजे में कहा है कि मरीज की जिंदगी बचाना हमारी प्राथमिकता में शामिल होना। चाहिए। दूसरे काम तो बहुत होते रहते हैं लेकिन यह काम सबसे ज्यादा जरुरी है।

कोर्ट ने राज्य शासन के विधि अधिकारी से कहा कि, मुख्य सचिव से चर्चा करें और जितनी जल्दी हो मेडिकल कालेज अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि यह ओएसडी दो सप्ताह तक सिम्स में ही रहेंगे और वहां की कमियों को दूर करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। कुल 66 पन्नों की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सिम्स की पूरी बिल्डिंग ही कमजोर हो गई है और इसकी तत्काल मरम्मत की जरूरत बताई गई। हाईकोर्ट ने कहा है कि दो सप्ताह बाद फिर से व्यवस्था का निरीक्षण किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी के डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हुई।

प्रसन्ना आर. सिम्स के ओएसडी

रायपुर। उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य शासन द्वारा सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रसन्ना आर को छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बिलासपुर (सिम्स) के ओएसडी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। यह पदस्थापना न्यूनतम 15 दिन की होगी, जिसमें सिम्स के उन्नयन के लिए बिलासपुर में रहकर कार्य किया जाएगा। 15 दिन पश्चात पदस्थापना के संबंध में उच्च न्यायालय से मिलने वाले आदेश पर कार्रवाई की जाएगी।

कैसा मेडिकल कॉलेज....

तो क्या कहें। नाराज चीफ जस्टिस ने कहा कि व्यवस्था सुधारने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाए ही नहीं जा रहे हैं । यह अस्पताल है या गटर। इलाज के नाम पर यहां कुछ हो ही नहीं रहा है, यह कैसा मेडिकल कालेज अस्पताल है। कोर्ट ने कहा है कि यह तो हद हो गई। मरीज कैसे यहां रहते होंगे। भगवान ही मालिक है।

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