CG News : अनुबंध बिना सोसाइटियों में जारी धान खरीदी, समितियों पर संकट के बादल

- धान खराब हुआ तो क्लेम मिलना मुश्किल
- आचार संहिता हटने के बाद समितियों को भेजा जा रहा अनुबंध पत्र
रायपुर। रायपुर जिले के सभी उपार्जन केंद्रों (procurement centers)में सहकारी समितियों( co-operative societies)से अनुबंध किए बिना धान की खरीदी की जा रही है। इसके कारण समितियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इस दौरान अगर सोसाइटियों में रखे धान को बारिश के पानी से नुकसान होता है, तो इसका हर्जाना समितियों को देना पड़ सकता है, क्योंकि विपणन संघ और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक (District Co-operative Central Bank)से अनुबंध नहीं होने के कारण समितियां इस नुकसान की भरपाई के लिए क्लेम भी नहीं कर पाएंगी।
धान खरीदी से पहले त्रिपक्षीय अनुबंध की प्रक्रिया जरूरी
उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी शुरू होने से पहले सहकारी विपणन संघ, जिला सहकारी बैंक एवं सहकारी समितियों के बीच त्रिपक्षीय अनुबंध होता है। । इस नियम की प्रक्रिया पूरी किए जाने के बाद ही उपार्जन केंद्रों में समितियां धान की खरीदी शुरू करती है, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने के कारण विपणन संघ ने सहकारी समितियों से अनुबंध की प्रक्रिया ही पूरी नहीं कर पाया है, जबकि जिले में एक नवंबर से धान की खरीदी शुरू हो चुकी है। ऐसे में अगर सोसाइटियों में रखा धान को नुकसान पहुंचता है, तो इसकी भरपाई समितियों को अपनी जेब से करनी पड़ सकती है।
5 दिसंबर से भेजा जा रहा अनुबंध करने पत्र
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ आचार संहिता हटने के बाद 5 दिसंबर से जिले के उपार्जन केंद्र समितियों को त्रिपक्षीय अनुबंध कराने के लिए पत्र भेज रहा है। इसके तहत सेजबहार के उपार्जन केंद्र समितियों को भी पत्र भेजा गया है। इन उपार्जन केंद्रों के अध्यक्ष और प्रबंधकों ने बताया कि अब तक त्रिपक्षीय अनुबंध की प्रक्रिया नहीं हो पाई है। इससे उन्हें डर सताने लगा है कि अगर बारिश से सोसाइटियों में रखा धान खराब होता है, तो इसका हर्जाना के लिए वे क्लेम भी नहीं कर पाएंगे और इससे होने वाला नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ेगा।
केस -1
सेजबहार स्थित उपार्जन केंद्र के अध्यक्ष विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि अनुबंध की प्रक्रिया अब तक नहीं हो पाई है।5 दिसंबर को उनके पास अनुबंध संबंधी पत्र विपणन संघ अधिकारी ने भेजा है। इसके बाद वह अनुबंध कराने की प्रक्रिया पूरी कराने में लगे हुए हैं।
केस -2
ग्राम दंतरेगा सेजबहार उपार्जन केंद्र समिति के प्रबंधक जयकुमार सपहा ने बताया कि समिति के साथ अब तक त्रिपक्षीय अनुबंध नहीं हो पाया है। ऐसे में अगर बारिश होने से धान खराब होता है, तो इसका नुकसान समिति को ही उठाना पड़ेगा।
केस -3
ग्राम खिलौरा धान उपार्जन केंद्र के प्रबंधक रामनरेश यादव ने बताया कि उनकी समिति के साथ भी विपणन संघ व बैंक के साथ अनुबंध नहीं हो पाया है। पिछले दिनों बारिश हुई थी, उससे धान को नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन आगामी दिनों में अगर बारिश से धान खराब होता है, तो इसे समिति को ही नुकसान उठाना पड़ेगा।
अनुबंध की प्रक्रिया अब शुरू हो रही
जिला सहकारी बैंक भाठागांव के ब्रांच मैनेजर दुर्गेश सिंदे ने कहा कि, इस बार त्रिपक्षीय अनुबंध कराने की प्रक्रिया एक माह विलंब से शुरू की गई है। इसीलिए अब तक समितियों का अनुबंध बैंक से भी नहीं हो पाया है। ऐसे में अगर सोसाइटी में रखे धान को नुकसान होता है, तो समिति को भरपाई करनी पड़ेगी, क्योंकि अनुबंध के बिना वे क्लेम नहीं कर पाएंगे।
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