CG NEWS : धान खरीदी एक तारीख से पर कटाई 10 के बाद, सैकड़ों किसानों का पंजीयन भी अब तक नहीं हो पाया

रायपुर। प्रदेश में खरीफ फसल (Monsoon crops)की धान (Rice)की कटाई वैसे तो अक्टूबर के दूसरे पखवाड़ा में शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार मानसून की समय पर बारिश नहीं होने और मौसम की मार के कारण फसल भी अब तक पक नहीं पाई है। किसानों का कहना है कि 90 प्रतिशत से ज्यादा फसलों को पकने में अभी कम से कम 20 दिन का समय और लग सकता है। यानी कटाई का काम 10 नवंबर के बाद ही शुरू हो जाएगा। इधर शासन की घोषणा के अनुसार इस बार किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरू की जानी है। इधर धान की कटाई में देरं को देखते हुए विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे अधिकारी भी अब धान खरीदी की तैयारियों पर कम फोकस कर रहे हैं।
इसके कारण धान उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की तैयारियां अब तक शुरू नहीं हो पाई हैं। राज्य में खरीफ विपणन 2023-24 के तहत समर्थन मूल्य पर किसानों से इस बार प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से धान की खरीदी की जाएगी। इससे पहले प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदा जाता था। एक एकड़ में 5 क्विंटल धान बढ़ाए जाने के बाद से किसान भी इस साल समर्थन मूल्य पर ज्यादा धान सरकार को बेच पाएंगे। इसके लिए शासन ने पंजीकृत किसानों को अपने पंजीयन में संशोधन कराने की सुविधा भी दी है। इसके अनुसार पुराने किसान अपना पंजीयन संशोधन भी करा रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों नए किसान भी धान बेचने के लिए पंजीयन करा रहे हैं।
जिले में 3546 किसानों ने पंजीयन में कराया संशोधन
रायपुर जिले में कुल पंजीकृत किसानों की संख्या 132033 है। इनमें से 124353 किसानों का पंजीयन कैरी फारवर्ड कर पंजीयन किया गया है, वहीं 3546 किसानों ने अपने पंजीयन में संशोधन कराया है। इसके अनुसार किसानों ने अपना बढ़ा रकबा के अनुसार पंजीयन कराया है, ताकि 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान बेच सकें। संशोधन पंजीयन में 3294 का सत्यापन किया जा चुका है। जिले में इस बार 8565 नए किसानों ने भी पंजीयन कराया। इनमें 8120 किसानों के पंजीयन का सत्यापन किया जा चुका है।
5455 पंजीयन निरस्त
पंजीकृत किसानों में 5455 किसानों का तहसीलदार स्तर पर पंजीयन निरस्त भी किए गए हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार किसी किसान की मृत्यु हो गई या फिर बैंक खाता का आधार से लिंक न हो पाना, कुछ किसान धान की खेती करना छोड़ अन्य फसलों की खेती करने लगे हैं आदि कारण शामिल हैं।
बारदाना की पड़ सकती है कमी
प्रति एकड़ 20 क्विंटन धान की खरीदी के कारण पिछले साल की तुलना में इस बार धान खरीदी का लक्ष्य भी बढ़ा है। इसके कारण इस बार पिछले साल की तुलना में बारदाना की भी ज्यादा जरूरत पड़ेगी। हालांकि पिछले कई वर्षों में देखा गया है कि धान खरीदी के दौरान अक्सर शासकीय उपार्जन केंद्रों में बारदाना की कमी पड़ी है, जिसके कारण किसानों को मजबूरी में महंगे दामों में बाजार से बारदाना खरीदना पड़ा है। हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बारदाना की कमी नहीं पडेगी. लेकिन किसानों में बारदाना को लेकर अभी से चिंता देखी जा रही है। किसानों में भाठागांव निवासी बलीराम सोनकर, ग्राम नकटी निवासी नरेश साहू एवं रायपुर निवासी विकास दुबे ने बताया कि धान की कटाई में इस बार देर है । 10 नवंबर के बाद ही कटाई शुरू हो पाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार धान खरीदी में प्रति एकड़ में 5 क्विंटल बढ़ाया गया है।
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