CG NEWS : एम्स और बालाजी के पंजीकृत मरीजों को मिली किडनी, हादसे में ब्रेनडेड युवक तीन मरीजों को दे गया नया जीवन

CG NEWS : एम्स और बालाजी के पंजीकृत मरीजों को मिली किडनी, हादसे में ब्रेनडेड युवक तीन मरीजों को दे गया नया जीवन
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बताया जाता है कि, इलाज अवधि के दौरान उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था मगर भरसक कोशिश के बाद डाक्टर उसका जीवन नहीं बचा सके। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में इलाज के दौरान एम्स के विशेषज्ञों की कमेटी ने शनिवार को उसे ब्रेनडेड घोषित किया था। पढ़िए पूरी खब ...
  • ग्रीन कॉरीडोर बनाकर प्रत्यारोपण करने नागपुर भेजा गया लिवर

रायपुर। सड़क हादसे (road accident)में गंभीर रुप से जख्मी युवक अपने अंतिम समय के दौरान तीन मरीजों को नया जीवन दे गया। इलाज के दौरान एम्स (AIIMS)में ब्रेनडेड घोषित होने के बाद उसकी दोनों किडनी और लिवर का ट्रांसप्लांट जरूरतमंद मरीजों को किया गया। किडनी एम्स और बालाजी (Balaji)में पंजीकृत मरीजों को मिली वहीं लिवर ग्रीन कॉरीडोर बनाकर नागपुर (Nagpur)भेजा गया। जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर जिले (Bilaspur district)में रहने वाला 21 साल का युवक 14 अक्टूबर को रोड एक्सीडेंट (road accident) में गंभीर रुप से घायल हो गया था। उसे 16 अक्टूबर को इलाज के लिए एम्स रिफर किया गया था।

बताया जाता है कि, इलाज अवधि के दौरान उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था मगर भरसक कोशिश के बाद डाक्टर उसका जीवन नहीं बचा सके। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में इलाज के दौरान एम्स के विशेषज्ञों की कमेटी ने शनिवार को उसे ब्रेनडेड घोषित किया था। इस दौरान वहां मौजूद राज्य अंग एवं उतक प्रत्यारोपण संगठन की टीम ने युवक के परिजनों के कैडेवर डोनेशन की महत्ता समझाने का प्रयास किया जिस पर उन्हें सपलता मिल गई। परिजनों की सहमति के बाद एम्स के अलावा श्री बालाजी अस्पताल में पंजीकृत किडनी के जरूरतमंद मरीज के तैयार कर युवक से मिले दोनों किडनी प्रत्यारोपित की गई। वहीं लिवर के लिए यहां मरीज नहीं मिलने पर उसे ग्रीन कॉरडोर बनाकर नागपुर के अस्पताल में पंजीकृत मरीजों को प्रत्यारोपित करने भेजा गया।

डेमेज हो गए थे अन्य अंग

सूत्रों के मुताबिक, एक्सीडेंट में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे उपचार अवधि के दौरान वेटिलेटर पर रखना पड़ा था। इसकी वजह युवक के कई आर्गन डेमेज हो गए थे जिनका उपयोग नहीं हो पाया। लिवर को नागपुर भेजने की वजह भी कुछ इसी तरह की थी। यहां के अस्पतालों में पंजीकृत मरीजों ने थोड़ी डेमेज हो चुके लिवर का प्रत्यारोपण कराने से इंकार कर दिया था। सोटो ने लिवर की उपलब्धता के बारे में जानकारी मुंबई जोन में आने वाले राज्यों को दी। नागपुर से इसकी आवश्यकता की सूचना मिली। वहां से शनिवार की रात पहुंचे डाक्टरों की टीम को लिवर सौंपकर ग्रीन कॉरीडोर बनाकर सुबह रवाना भी कर दिया गया।

प्रक्रिया पूरी हुई

रोड एक्सीडेंट में जख्मी युवक के ब्रेनडेड होने के बाद परिजनों की सहमति से उसका अंग लिया गया । किडनी- लिवर का प्रत्यारोपण राज्य के पंजीकृत मरीजों को किया गया और लिवर नागपुर भेजा गया। डॉ. विनीत जैन, अध्यक्ष राज्य अंग एवं उतक प्रत्यारोपण संगठन

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