Rice fraud case : व्यापारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर होगी रद्द

Rice fraud case  : व्यापारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर होगी रद्द
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तिल्दा (Tilda) के अमित चावल उद्योग मालिक राजेन्द्र अग्रवाल ने तिल्दा थाने और मोवा के भगवती इंटरप्राइजेज (Mova's Bhagwati Enterprises) के संचालक प्रशांत शर्मा (Prashant Sharma) ने मोवा थाना में (Mova police station )धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। राजधानी रायपुर में हुए करोड़ों रुपए के चावल धोखाधड़ी (rice fraud)के मामले के महाराष्ट्र के व्यापारियों को हाईकोर्ट (High Court)से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने व्यापारी पिता- पुत्र के खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR)को रद्द करने का आदेश दिया है। दरअसलतिल्दा (Tilda) के अमित चावल उद्योग मालिक राजेन्द्र अग्रवाल ने तिल्दा थाने और मोवा के भगवती इंटरप्राइजेज (Mova's Bhagwati Enterprises) के संचालक प्रशांत शर्मा (Prashant Sharma) ने मोवा थाना में (Mova police station )धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। पढ़िए पूरी खबर...

शिकायत के मुताबिक 20 जुलाई 2021 को महाराष्ट्र ठाणे स्थित राइस एक्सपोर्टर किआ एग्रो इंडस्ट्रीज प्रा.लि. द्वारा चावल खरीदने के लिए आर्डर मिला था। इस पर उन्होंने एक नवंबर 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक किआ एग्रो को 5996.80 टन चावल सप्लाई किया था। इसकी कीमत तकरीबन साढ़े तेरह करोड़ रुपए हुई थी। इसमें किआ एग्रो के संचालकों ने 9 करोड़ 38 लाख रुपए 75354 रुपए का भुगतान किया गया जबकि शेष 4 करोड़ 14 लाख 78,034 रुपए की राशि का भुगतान नहीं किया गया।

कोर्ट ने माना धोखाधड़ी की मंशा नहीं

भुगतान नहीं होने प्रशांत शर्मा और राजेंद्र अग्रवाल की शिकायत पर राजधानी के मोवा और तिल्दा थाना में पिता- पुत्र अनिल कुमार मौर्या और ऋषभ मौर्या के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। आरोपियों ने इस मामले में एफआईआर रद्द करने हाईकोर्ट में अपील की थी। मामले में जस्टिस राकेश मोहन पांडे की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए किआ एग्रो के डायरेक्टर पिता-पुत्र के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने माना है कि याचिकाकर्ताओं ने साढ़े तेरह करोड़ में से 9 करोड़ से ज्यादा का भुगतान कर दिया था, जिससे उनकी मंशा धोखा देने या बेईमानी की नहीं थी।

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