CG News : मंडी में क्वालिटी और माइस्चर देखकर 2000 से 2500 रुपए भाव तक खरीदा जा रहा धान

- हर रोज औसतन 8-9 सौ क्विंटल की हो रही बिक्री, कम पहुंच रहे किसान
रायपुर। राजधानी रायपुर (Raipur) के तुलसी-बाराडेरा (Tulsi-Baradera)स्थित कृषि उपज मंडी समिति में धान बेचने बहुत कम किसान पहुंच रहे हैं। इसका कारण मंडी में धान की कम कीमत लगाना है। मंडी में हर रोज पहुंचने वाले किसानों (farmers)के धान को मैनुअल तरीके से व्यापारी हाथ में उठाकर एवं रगड़ कर उसकी नमी और क्वालिटी परखते हैं। इसके आधार पर ही वे धान का भाव तय करते हैं। मंडी में वर्तमान में 1010, महामाया, सरना एवं आरबीजी धान बेचने किसान पहुंच रहे हैं। सभी किस्म का धान क्वालिटी के अनुसार 2 हजार रुपए से लेकर ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल की खरीदा जा रहा। है, जबकि समर्थन मूल्य पर किसानों को प्रति क्विंटल 31 सौ रुपए मिलना है। इसे देखते हुए इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा किसानों ने सहकारी सोसाइटियों में धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। यही वजह है मंडी में धान बेचने बहुत कम किसान पहुंच रहे हैं।
हरिभूमि ने मंडी में हर रोज किसानों से कितना धान खरीदा जा रहा है, इसकी पड़ताल की, तो पता चला कि औसतन प्रतिदिन 8-9 सौ क्विंटल ही धान खरीदा जा रहा है, जबकि पिछले वर्ष दिसंबर में तीन से चार गुना धान खरीदा गया था। इससे पता चला कि इस बार किसानों ने मंडी में धान बेचने में रुचि नहीं ली है। मंडी में इन दिनों 1010, महामाया, सरना एवं आरबीजी किस्म का धान बेचा जा रहा है, जिसका भाव भी उनकी क्वालिटी व नमी के अनुसार हर रोज व्यापारी तय कर रहे हैं। मंगलवार को मंडी में चारों किस्म का धान बिका है। इसमें 1010 किस्म का धान को 2000, 2158, 2150, 2200, 2225 एवं 2250 क्विंटल भाव से खरीदा गया। इसी प्रकार महामाया धान 2086, 2100, 2150, 2166 एवं 2167, सरना 2001, 2100, 2115, 2131 से 38,39,40,42 एवं अंतिम 2150 भाव से खरीदा जा रहा है। धान में सबसे महंगा आरबीजी किस्म का धान मंडी में बिका। इसका भाव 2260, 2311, 2325 एवं 2340 प्रति क्विंटल तय किया गया।
अलग-अलग कारण से किसान मंडी में पहुंच रहे धान बेचने
मंडी में धान बेचने पहुंचने वाले किसान गुलाबचंद वर्मा एवं राजकुमार ने बताया कि सोसाइटी में अलग-अलग कारण से किसान धान बेचने पहुंचते हैं। इनमें कोई समर्थन मूल्य पर धान बेचने की पात्रता नहीं रखता, तो कोई लोन लेकर खेती करता है। ऐसे में समर्थन मूल्य पर धान बेचते समय उसके कर्ज की राशि काट दी जाती है। कई किसान बायोमेट्रिक प्रणाली के कारण पंजीयन नहीं करा पाए हैं। वहीं समर्थन मूल्य पर एक एकड़ में 20 क्विंटल धान ही खरीदा जा रहा है, ज्यादा उत्पादन होने पर मंडी में बेचना पड़ता है। उन्होंने बताया कि उनकी फसल भी प्रति एकड़ 22-23 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ है। इस कारण वे भी एक्स्ट्रा धान मंडी में बेचने पहुंचे हैं।
दूसरी फसलों की खरीदी गर्मी के सीजन में
मंडी में धान के अलावा दूसरी कोई भी फसल बेचने एक भी किसान नहीं पहुंचा। मंडी समिति के सचिव प्रदीप शुक्ला ने बताया कि मंडी में अभी सिर्फ धान की खरीदी हो रही है। इसके अलावा अन्य कोई भी फसल बेचने कोई किसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि इस सीजन में सिर्फ धान बेचने ही किसान पहुंचते हैं। गर्मी के सीजन में दलहन- तिलहन जैसी फसलों को बेचने किसान आते हैं।
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