CG NEWS : इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय बाल साहित्य सेमिनार का आयोजन ,शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ के 16 आँचलिक भाषाओं की दी जानकारी

बेमेतरा । छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले (Khairagarh district) के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय(Indira Kala Sangeet University)में राज्य स्तरीय बाल साहित्य सेमिनार( seminar)का आयोजन किया गया। यह आयोजन समग्र शिक्षा राज्य परियोजना, राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, रूम टू रीड के द्वारा आयोजित की गई। इइस आयोजन में बाल साहित्य रचनाकार और छत्तीसगढ़ के 16 आँचलिक भाषाओं के जानकार दी, और शिक्षकों ने बालसाहित्य का अनुवाद कार्य करने वाले शिक्षक शामिल हुए। पढ़िए पूरी खबर...इन साहित्यकार शिक्षकों में छत्तीसगढ़ी भाषा के अनुवादकर्ता के रूप में बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला मगरघटा की प्रतिभावान और नवाचारी शिक्षिका शीतल बैस ने बेमेतरा जिले का प्रभावी प्रतिनिधित्व किया।
इसके अलावा अन्य भाषाओं के अनुवादक के रूप में कन्हैया साहू, रामेश्वर भगत, विजय सिंह दमाली, अनिल कुल्लू, पुर्णेश डड़सेना, योगेश्वरी साहू, सुधारानी शर्मा, अलाबिना एक्का, सुनीता भगत, किरण सिंह, अनिता तिवारी, सुनीता यादव, अनिता मंदिलवार, शिव नेताम, गणेश सोढी, रूद्र शर्मा, योगेश साहू, भोलाराम सिन्हा, टिकेश्वर सिन्हा, जीवन लाल चंद्राकर, सहित इंक्यावन शिक्षकों ने बाल कहानी लेखन और उनका स्थानीय भाषाओं में अनुवादक के रूप में भाग लिया। इस तरह से संपूर्ण छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में समस्त शिक्षकों की एक साथ उपस्थिति दर्शनीय रही।
कई विषयों पर हुई चर्चा
इन्हीं बाल साहित्यों का खैरागढ़ विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय संगोष्ठी के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के विद्वानों और विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग की बालसाहित्य से संबंधित आवश्यकताओं से जोड़ पाना और छत्तीसगढ़ में शैक्षिक परिदृश्य को समृद्ध करने के लिए स्थानीय प्रतिभाओं, संशाधनों, शिक्षकों, नीति निर्माताओं, गैर सरकारी संगठनों और कलाकारों के बीच सहयोग के अवसरों को बढ़ावा देना है। इस सेमिनार में भारत में बच्चों का साहित्यिक क्षेत्र कैसे विकसित और विस्तारित हो, इस पर भी विस्तृत चर्चा विषय विशेषज्ञों द्वारा किया गया। खैरागढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने रूम टू रीड संस्था और राज्य स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्मित ग्यारह बाल कहानी कार्ड़ाे के चित्रांकन में सहयोग दिए। इन बाल कहानी कार्ड़ाे का चित्रांकन छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए किया गया है जिससे बाल पाठकों को विषयवस्तु और पाठ्य सामग्री उनके जीवन से जुड़ती हुई दिखाई दी।
ये लोगों थे शामिल
इस राज्य स्तरीय संगोष्ठी का मुख्य विषय बालसाहित्य में दृश्य चित्रों का महत्व था। खैरागढ़ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री डॉ. मोक्षदा (ममता) चंद्राकर, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. नीता गहरवाल, विश्वविद्यालय कला संकाय के विभाग प्रमुख प्रो. राजन यादव, समग्र शिक्षा से एम. सुधीश सर, ताराचंद जायसवाल, एससीईआरटी रायपुर से डिकेश्वर वर्मा, यूएसआईडी से शिखा जैन, बालका डे, रूम टू रीड से शक्तिव्रता सेन, पुरोहिती, सुमेधा, भावना शिंदे, मुख्य रुप से उपस्थित थे। शिक्षिका शीतल बैस के लेखन और अनुवाद की सभी रचनाकारों, अधिकारियों ने खूब सराहना की है।
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