CG NEWS : नक्सल इलाके में ऐसा गांव, जहां पहली बार बना मतदान केंद्र, 8 किलोमीटर का सफर खत्म, दिल्ली में गंजा नाम

CG NEWS :  नक्सल इलाके में ऐसा गांव, जहां पहली बार बना मतदान केंद्र, 8 किलोमीटर का सफर खत्म, दिल्ली में गंजा नाम
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छत्तीसगढ़ में वारदात कर नक्सली पहाड़ लांघकर ओड़शा चले जाते थे। वहीं चांदामेटा पूरी तरह नक्सल प्रभावित गांव था। लेकिन इस गांव में सीआरपीएफ का बटालियन आने के बाद से नक्सल खौफ और आतंक से ग्रामीणों को राहत मिली है। पढ़िए पूरी खबर...
  • तुलसीडोंगरी पहाड़ के सामने है चांदामेटा, दो राज्यों की सीमा तय करती है तुलसीडोंगरी
  • आज ही गांव में मतदाता जागरूकता अभियान में वोट डालने की प्रक्रिया ग्रामीणों को बताई गई

जगदलपुर। बस्तर जिले (Bastar district)के दरभा ब्लाक(Darbha block) के अतिसंवेदनशील नक्सल (Naxal-)प्रभावित चांदामेटा गांव में पहली बार अपने ही गांव में 335 मतदाता( voters)वोट डालेंगे। इस चुनाव से पहले के सभी चुनाव (elections)में यहां के ग्रामीण मतदाता (rural voters)8 किमी दूर छिंदगुर गांव में मतदान करने जाते थे। अब उन्हें पैदल जाकर मतदान करने की समस्या से राहत मिली है । तुलसीडोंगरी पहाड़ के सामने चांदामेटा गांव है। गांव के लोग इस पहाड़ में वनोपज संग्रहण के लिए जाते हैं। यह पहाड़ छत्तीसगढ़ और ओड़शा को विभाजित करती है। अगला हिस्सा छत्तीसगढ़ का और पिछला हिस्सा ओड़शा में है। कुछ साल पहले तक तुलसीडोंगरी नक्सलियों का गढ़ था ।छत्तीसगढ़ में वारदात कर नक्सली पहाड़ लांघकर ओड़शा चले जाते थे। वहीं चांदामेटा पूरी तरह नक्सल प्रभावित गांव था। लेकिन इस गांव में सीआरपीएफ का बटालियन आने के बाद से नक्सल खौफ और आतंक से ग्रामीणों को राहत मिली है। पक्की सड़क और बिजली भी गांव में पहुंच गई है।

आज जब दिल्ली में मुख्य चुनाव पदाधिकारी पांच राज्यों की चुनाव तारीखों की घोषणा कर रहे थे उसमें विशेष तौर पर बस्तर के तुलसीडोंगरी का भी जिक्र किया गया और उसी समय तुलसीडोंगरी के सामने चांदामेटा गांव में जिला प्रशासन और पुलिस के अफसर मतदाताओं को जागरूक करने की प्रक्रिया समझा रहे थे।दरभा जनपद के सीईओ सुबत प्रधान ने हरिभूमि से चर्चा में कहा कि आज कलेक्टर-एसपी भी आने वाले थे लेकिन आचार संहिता लगने के कारण वे नहीं आ पाए। लेकिन आज वोट डालने की पूरी प्रक्रिया मतदाताओं को बताई गई। ग्रामीण इस बात पर खुश थे कि पहली बार वे अपने ही गांव में वोट डालेंगे। पहले नक्सल प्रभाव के चलते 8 किमी दूर जाने की समस्या के साथ ही पगडंडी रास्ते से गुजरना पड़ता था साथ ही बिजली नहीं होने से भी परेशानी होती थी। पहले यहां से कम लोग ही 8 किमी पैदल जाकर वोट देते थे। चुनाव में नक्सल बहिष्कार का भी असर रहता था।

शाला भवन में होगा मतदान

खंड शिक्षा अधिकारी राजेश उपाध्याय ने बताया कि गांव के समग्र शिक्षा शासकीय प्राथमिक शाला भवन को मतदान केंद्र बनाया गया है यह पक्का भवन है। वहीं जनपद सीईओ ने कहा कि भवन में विद्युतीकरण का काम भी कर लिया गया है।

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