CG NEWS : चावल की जांच के लिए पहुंचे केंद्रीय मंत्री गोयल, कहा-बड़ा घोटाला

रायपुर। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal)अचानक चावल की जांच करने के लिए राजधानी रायपुर पहुंचे। एफसीआई(FCI) का निरीक्षण करने के बाद दावा किया कि प्रदेश में बड़ा घोटाला (big scam)किया गया है। केंद्र सरकार (Central government)ने गरीबों के लिए जो चावल भेजा, उसमें बड़ी गड़बड़ी है। प्रदेश सरकार गरीबों का चावल खा गई है। इसी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel)ने केंद्र सरकार से 86 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने के लिए लिखे गए पत्र को लेकर कहा, मुख्यमंत्री चुनावी साल में झूठ बोलकर किसानों में भ्रम पैदा करना चाहते हैं। कांग्रेस सरकार ने पिछली बार का ही 61 लाख मीट्रिक टन चावल पूरा नहीं दिया है। इसका उत्पादन ही इतना नहीं है तो ये 86.5 लाख मीर्टिक टन चावल कहा से देंगे। इसमें घोटाला होने की पूरी आशंका है । ईमानदारी से अगर ये सौ लाख मीट्रिक टन चावल भी देंगे तो केंद्र सरकार लेने तैयार है। इधर इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहा है, भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। केंद्रीय मंत्री के आरोप चुनावी हैं।
श्री गोयल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, मैं यहां पर औचक निरीक्षण करने के लिए ही आया हूं। केंद्र सरकार के पास कई शिकायत आई हैं। हमने इसकी दो बार जांच भी कराई। 24 से 27 जुलाई को एक उच्च स्तरीय टीम राज्य में भेजी गई थी। टीम ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार में खाद्य सुरक्षा नहीं हो पा रही है। गरीबों को जो मुफ्त अनाज केंद्र सरकार भेजती है उस पर राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से नहीं निभा पा रही है। यहां पर मैंने भी जांच में बड़ी गड़बड़ी पाई है।
झूठ बोलकर भ्रम फैला रहे
श्री गोयल ने कहा, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झूठ बोलकर किसानों के बीच में भ्रम फैला रहे हैं। चुनावी साल में जब उनको लग रहा है कि यहां पर कांग्रेस की हार होने वाली है तो झूठ का सहारा ले रहे हैं। श्री गोयल ने बताया, मुख्यमंत्री ने पत्र लिखा है कि केंद्र सरकार 86.5 लाख मीट्रिक टन चावल ले। मैं बताना चाहता हूं कि पिछले साल इन्होंने कहा था, 61 लाख मीट्रिक चन चावल देंगे। लेकिन बाद में कहा 58.65 लाख मीट्रिक टन ही दे पाएंगे, लेकिन इसमें से 13 सितंबर की स्थिति में 53 लाख मीट्रिक टन चावल ही दिया गया है। पिछला ही चावल पूरा नहीं दे पाए हैं। राज्य सरकार की वेबसाइट से ही यह मालूम हो रहा है कि इनके धान का उत्पादन पिछले साल से इस बार दो लाख मीट्रिक टन कम होने वाला है तो फिर ये पिछली बार से ज्यादा चावल कहां से देंगे। श्री गोयल ने कहा, इससे साफ है कि आस-पास के राज्यों से धान लेकर ये घोटाला करके केंद्र सरकार को ज्यादा चावल देना चाहते हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा, हमारी आशंका को इस बात से भी बल मिलता है कि यहां की सरकार बायोमेट्रिक सिस्टम को भी धान खरीदी में लागू नहीं करना चाहती है।
पूरा पैसा केंद्र सरकार देती है
श्री गोयल ने कहा, मुख्यमंत्री या राज्य का कोई भी मंत्री यह कहता है कि धान खरीदी राज्य सरकार के पैसों से होती है तो वह सरासर झूठ बोलते हैं। समर्थन मूल्य का पूरा पैसा केंद्र सरकार देती है। उन्होंने कहा, मैंने देखा कि यहां पर 25 सौ रुपए में धान खरीदने के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार धान का समर्थन मूल्य 2183 रुपए देती है। इसी के साथ हर किसान को छह हजार रुपए सम्मान निधि भी देती है तो ऐसे में तो 25 सौ रुपए से ज्यादा केंद्र सरकार ही दे रही है। उन्होंने कहा, केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद छत्तीसगढ़ में 11 के स्थान पर 20 लाख किसानों से समर्थन मूल्य में धान लिया गया है। इसी के साथ पहले 8 हजार करोड़ रुपए किसानों को समर्थन मूल्यों के मिलते थे, अब 18 हजार करोड़ मिल रहे हैं। केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद आठ सौ रुपए समर्थन मूल्य बढ़ा है। श्री गोयल ने एक सवाल के जवाब में कहा, मोदी सरकार में पिछली सरकार की तुलना में महंगाई काफी कम है। आंकड़े उठाकर देख लें विपक्ष महज झूठ बोलने का काम कर रहा है।
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