CG NEWS : अनजान वायरल ने ली 17 चौसिंगा की जान

- हरिभूमि में खबर प्रकाशित होने के बाद वन अफसर एक्शन में आए
रायपुर। जंगल सफारी (jungle safari')में चार दिन के भीतर चौसिंगा (chausingha)सहित नील गाय तथा काले हिरण की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। हरिभूमि (Haribhoomi)में प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित करने के बाद वन अफसर हरकत में आए और गुरुवार को पूरा वन महकमा(forest department')के आला अफसर मामले की पड़ताल करने जंगल सफारी पहुंचे। डॉक्टर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौसिंगा की मौत अज्ञात वायरल से हुई है। सफारी में 17 चौसिंगा की अति संक्रमणकारी वायरल (viral infection)होने से मौतें हुई हैं। संक्रमण इतना प्रभावशाली था कि महज चार दिन के भीतर एक साथ 17 चौसिंगा की मौत हो गईं।
सफारी में अब महज सात चौसिंगा जीवित
सफारी में 24 चौसिंगा थे, जिनमें से 17 की मौत हो चुकी है। वर्तमान में अब सफारी में महज सात चौसिंगा जीवित अवस्था में हैं। जंगल सफारी के डायरेक्टर हेमंत पहरे के मुताबिक शेष जीवित चौसिंगा को डॉक्टरों की निगरानी में अलग रखा गया है। इसके साथ ही सफारी के अन्य हर्बिबोर वन्यजीवों की निगरानी की सतत निगरानी की जा रही है।
सभी वन्यजीव स्वस्थ
जंगल सफारी के डायरेक्टर हेमंत पहरे ने बताया कि,जंगल सफारी में चौसिंगा की मौत वायरल से हुई है। वन्यजीवों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद ली जा रही है। वर्तमान में सफारी में रह रहे सभी वन्यजीव पूरी तरह से स्वस्थ्य तथा सुरक्षित है। जीवित चौसिंगा को विशेष निगरानी में रखा गया है।
जंगल सफारी में हफ्तेभर में 25 चौसिंगा, 10 नील गाय और 8 काले हिरण की मौत
उल्लेखनीय है कि, मानव निर्मित एशिया के सबसे बड़े जंगल सफारी (jungle safari)में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। जंगल सफारी में पिछले एक सप्ताह के भीतर 40 से ज्यादा वन्यजीवों की मौत की सूचना है। वजह क्या है, इस संबंध में अफसरों ने अब तक किसी तरह से अधिकृत जानकारी नहीं दी है। वन्यजीवों की मौतों को लेकर जिम्मेदार कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जानकारी मिली है कि वन्यजीवों की देखरेख करने वाले चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा छग से बाहर हैं। डॉक्टर ने अवकाश पर जाने की जानकारी सफारी प्रबंधन को नहीं दी है।
जंगल सफारी में वर्तमान में सात सौ से ज्यादा संख्या में हर्बिबोर प्रजाति के वन्यजीव रह रहे हैं। इनमें चौसिंगा, नील गाय, सांभर, हिरण से लेकर और कई तरह के चौपाया वन्यजीव हैं। सूत्रों के मुताबिक जो जानकारी मिली है, सफारी में 25 चौसिंगा 10 नील गाय तथा आठ काले हिरणों की मौत हुई है। जानकारों के मुताबिक चौसिंगा इतना मजबूत वन्यजीव है कि वह मौसम परिवर्तन होने के साथ ही अपने आपको उस अनुरूप तत्काल ढाल लेता है। इस वजह से चौसिंगा की मौत मौसम परिवर्तन से नहीं हुई होगी। सूत्रों के मुताबिक 43 वन्यजीवों की मौत एक सप्ताह के भीतर हुई है। सूत्रों के अनुसार वन्यजीवों की लगातार हो रही मौतों से जंगल सफारी से लेकर वन मुख्यालय में हड़कंप मच गया है। वन अफसर इस पूरे मामले में लीपापोती करने के प्रयास में जुट गए हैं।
अफसरों तक को जानकारी नहीं
जंगल सफारी में वन्यजीवों की मौतों को लेकर अफसरों से संपर्क किया गया, तो वे इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। सीसीएफ वाइल्ड लाइफ एम. मर्सीबेला ने इस संबंध में कहा कि वन्यजीवों की मौतों को लेकर कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में जंगल सफारी के डायरेक्टर से बात करने के बाद कुछ बता पाने की बात कही।
जानकारी नहीं
वाइल्ड लाइफ रायपुर सीसीएफ एम. मर्सीबला ने बताया कि,सफारी में वन्यजीवों की मौत के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इस संबंध में जंगल सफारी के डीएफओ से जानकारी लेने के बाद कुछ बता पाऊंगी।
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