CG Politics : इस्तीफों और कार्रवाइयों के बीच कई पूर्व विधायक दिल्ली गए, बड़े नेताओं के समक्ष रखेंगे अपनी बात

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (assembly election)में हार के बाद कांग्रेस (Congress)में बवाल मचा हुआ है। इस बीच कांग्रेस के कई पूर्व विधायक आज दिल्ली (Delhi )रवाना हो गए हैं। वे वहां आलाकमान से मिलकर प्रदेश कांग्रेस में चल रही गड़बड़ियों से अवगत कराएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक, पुर्व विधायक विनय जायसवाल (former MLAs Vinay Jaiswal), विनोद चंद्राकर (Vinod Chandrakar), चंद्रदेव राय (Chandradev Rai), शिशुपाल सोरी, चुन्नीलाल साहू दिल्ली रवाना हो गए हैं। सुबह बृहस्पत सिंह और मोतीलाल देवांगन भी दिल्ली चले गए हैं। निष्कासित पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने दिल्ली जाने से पहले एक बार फिर पार्टी लाइन से हटकर बात की है। उन्होंने कहा है कि, ढाई-ढाई साल सीएम के मुद्दे ने विधायकों का कैरियर ही नहीं खराब किया बल्कि पूरी की पूरी प्रदेश सरकार को ही निगल लिया। श्री जायसवाल ने कहा कि, टीएस सिंहदेव लगातार 5 साल सरकार के खिलाफ बोलते रहे। बार-बार ढाई साल का राग अलापते रहे, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई। हम लोग दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मिलकर अपनी बात रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में बयानबाजी के साथ कार्रवाई का दौर जारी है। गुरुवार को अपने क्षेत्र में हार की जिम्मेदारी लेते हुए महंत रामसुंदर दास ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इधर, पार्टी नेताओं पर बयानबाजी करने वाले पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। साथ ही, पार्टी विरोधी गतिविधियों और पूर्व सरकार के मुखिया के खिलाफ बयान के कारण पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उनसे तीन दिन के अंदर जवाब मांगा गया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा और टीएस सिंहदेव के खिलाफ बयान को ले कर नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने इसके जवाब में न सिर्फ प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा पर आरोप लगाए, बल्कि टीएस सिंहदेव को भी हार का जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के लिए लिखे पत्र में बृहस्पत सिंह ने जवाब देते हुए कहा, टीएस सिंहदेव के चार पन्नों की चिट्ठी और इस्तीफे से पार्टी को नुकसान हुआ है। वे लगातार पार्टी और सरकार के विरोध में बयान दे रहे थे। कुमारी सैलजा ने हाईकमान को इस बात की जानकारी नहीं दी, इसलिए पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ा है। बता दें कि पूर्व में भी उन्होंने दोनों नेताओं पर ही कांग्रेस की हार का ठीकरा फोड़ा था, जिसके बाद उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से शोकॉज नोटिस जारी किया गया था। कांग्रेस पार्टी ने भले ही अपने नेताओं को सार्वजनिक बयानबाजी और बड़े नेताओं पर टीका-टिप्पणी नहीं करने की नसीहत दी हो, लेकिन इस नसीहत का पूर्व विधायक और सरगुजा के नेता बृहस्पत सिंह पर असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है।
प्रभारी सचिव पर आरोप, पार्टी ने गंभीरता से लिया
कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने एक सह प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि उन्हें 7 लाख दिए हैं। उन्होंने कहा, सर्किट हाउस में चार लाख और निजी होटल में तीन लाख रुपए दिए। पार्टी ने इस आरोप के बाद नोटिस जारी कर जवाब मांगा। उनके जवाब से संतुष्ट न होने पर पार्टी अनुशासन समिति ने भी उन्हें पार्टी से हटाने की अनुसंशा भेजी। पीसीसी ने इसके आदेश जारी कर दिए।अंतर से इस सीट पर पराजय हुई। इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं।
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