CG Politics : अरविंद नेताम बनाएंगे नई पार्टी : रजिस्ट्रेशन के लिए चुनाव आयोग को भेजा नाम, बसपा और सीपीआई से गठबंधन कर लड़ेंगे चुनाव

CG Politics : अरविंद नेताम बनाएंगे नई पार्टी : रजिस्ट्रेशन के लिए चुनाव आयोग को भेजा नाम, बसपा और सीपीआई से गठबंधन कर लड़ेंगे चुनाव
X
श्री नेताम ने कांकेर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, कांग्रेस सरकार की आदिवासी विरोधी नीति से परेशान होकर मैंने पार्टी से इस्तीफा दिया है और अब आदिवासी समाज खुद राजनीतिक मैदान में अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए उतरेगा। पढ़िए पूरी खबर...

कांकेर। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम (Arvind Netam) ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। अब वे आदिवासी समाज के नेतृत्व में नई पार्टी 'हमर राज' बनाने जा रहे हैं। उन्होंने बाकायदा नई पार्टी गठन की कवायद शुरू भी कर दी है। नेताम ने चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन के लिए पार्टी का नाम भी भेज दिया है।

श्री नेताम ने कांकेर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) के दौरान कहा कि, कांग्रेस सरकार की आदिवासी विरोधी नीति से परेशान होकर मैंने पार्टी से इस्तीफा दिया है और अब आदिवासी समाज खुद राजनीतिक मैदान में अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए उतरेगा। उन्होंने कहा कि, पार्टी इस साल छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में 50 सीट पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। साथ ही बसपा और सीपीआई से गठबंधन के लिए बातचीत भी जारी होने की जानकारी नेताम ने दी है।

बसपा और सीपीआई से गठबंधन के लिए चर्चा

उन्होंने कहा कि, आदिवासी वर्ग के लिए प्रदेश में 29 सीटें आरक्षित हैं। इन सभी पर पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी, साथ ही करीब 20 सीटें ऐसी हैं, जहां आदिवासी वोटर्स 20 से 80 हजार तक हैं। ऐसे में अगर कोई दूसरा समाज हमारे आदिवासी समाज के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की ख्वाहिश जताता है, तो हम उनका समर्थन करेंगे और पार्टी से उन्हें टिकट भी दिया जाएगा। श्री नेताम ने कहा कि, बसपा और सीपीआई से गठबंधन के लिए बातचीत जारी है। दोनों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना लगभग तय है। अरविंद नेताम ने यह भी खुलासा किया कि वो खुद चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे।

पेसा कानून कमजोर करने, ग्राम सभा के अधिकारों को खत्म करने का आरोप

प्रेस कान्फ्रेंस में श्री नेताम ने कहा कि, यहां की कांग्रेस सरकार ने 1996 ने बनाए गए पेसा कानून की धज्जियां उड़ाई हैं। पेसा कानून में दिए गए ग्राम सभा के अधिकारों को इस सरकार ने खत्म कर दिया है। अब आदिवासी समाज अपने अधिकार के लिए राजनीतिक मैदान में उतरने को मजबूर हो गया है।

दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं नेताम

अरविंद नेताम ने 9 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा AICC और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेजा। बता दें कि अरविंद नेताम सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक हैं। वे इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।

प्रदेश नेतृत्व का रवैया असहयोगात्मक

इस्तीफे में श्री नेताम ने लिखा कि, मैं कांग्रेस पार्टी का क्रियाशील सदस्य हूं। 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के असहयोग पूर्ण रवैये के कारण मुझे निराशा हुई।

कांग्रेस नेतृत्व से की प्रदेश सरकार की शिकायत

एआईसीसी को भेजे गए अपने इस्तीफे में श्री नेताम ने ये भी लिखा था कि प्रदेश सरकार राज्य में आदिवासी समाज के लिए प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम कर रही है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस सरकार ने पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन पर ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इस तरह से ये आदिवासी विरोधी सरकार है, इसलिए मैं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं। केन्द्रीय नेतृत्व से मुझे हमेशा मार्गदर्शन और आशीर्वाद मिलता रहा है, उसके लिए पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं''।

Tags

Next Story