CG Politics : चुनाव सिर पर आ गया, यहां कांग्रेसी अभी भी गुटबाजी से ही नहीं उबर पा रहे... क्या फिर होगा 2018 जैसा हाल?

CG Politics : चुनाव सिर पर आ गया, यहां कांग्रेसी अभी भी गुटबाजी से ही नहीं उबर पा रहे... क्या फिर होगा 2018 जैसा हाल?
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वैसे कुर्सी को लेकर जिस तरह से आज कांग्रेसियों में घमासान देखने को मिला उससे लोगों की जुबान पर आज तेजी से यह चर्चा चल पड़ी कि, 2018 में कांग्रेस चुनाव जीतने के बाद सरकार में आई, तब मुंगेली कांग्रेस विधायक मुक्त जिला बन गया। वो भी तब जब कांग्रेस की लहर थी... पढ़िए पूरी खबर...

सैय्यद वाजिद-मुंगेली। कांग्रेस के भरोसा यात्रा को लेकर मुंगेली जिला मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेसियों में खुलकर गुटबाजी और आपसी मतभेद उस वक्त सामने आ गया जब दो कांग्रेसी नेता नगरपालिका अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी व कृषि मंडी अध्यक्ष आत्मा सिंह क्षत्रिय कुर्सी में बैठने को लेकर आपस में भिड़ गये। विवाद इतना बढ़ने लगा कि प्रेस वार्ता लेने पहुंचे कांग्रेस के मुंगेली जिला संगठन प्रभारी आलोक सिंह ठाकुर को बीच बचाव करना पड़ा।

दरअसल मुंगेली में आयोजित प्रेस वार्ता का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। पूरा विवाद जिला संगठन प्रभारी आलोक सिंह ठाकुर के बाजू वाले कुर्सी में बैठने को लेकर बताया जा रहा है। जो कि वाद विवाद की स्थिति तक जा पहुंची, वहीं विवाद की स्थिति को देखकर संगठन प्रभारी आलोक सिंह को विवाद में हस्तक्षेप कर सुलझाना पड़ा और उसके बाद उन्होंने दोनों कांग्रेसी नेताओं को आपस में हाथ भी मिलवाया। मामला शांत हो गया। जिसके बाद दोनों कांग्रेसी आपस में भाई-भाई और आपसी घर की लड़ाई बताते नजर आये।

प्रोटोकॉल के तहत हो बैठक व्यवस्था

मुंगेली जिले में कांग्रेसियों में गुटबाजी का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी इस तरह के वाकये सामने आ चुके हैं, जहां कांग्रेसियों में गुटबाजी और मतभेद कई बार खुल कर देखने को मिला है। हाल में हुए कांग्रेस के संकल्प शिविर का मामला अभी भी लोगों के जहन में है और इधर कांग्रेस के भरोसा यात्रा को लेकर प्रेस वार्ता के दौरान दूसरा वाक़या सामने आ गया। 2018 के चुनाव में भी कांग्रेस की लहर के बावजूद मुंगेली जिले की सभी सीट पर बीजेपी का कब्जा हो गया। इसके पीछे भी कांग्रेसियों की गुटबाजी और भीतरघात करने जैसी बात सामने आई थी। वहीं कांग्रेस वर्तमान में सत्तारूढ़ पार्टी, है ऐसे में कांग्रेस के कार्यक्रम में कांग्रेसी नेताओं और जनप्रतिनिधियों की बैठक व्यवस्था किस तरीके से हो, उसका प्रोटोकॉल भी संगठन को बनाना चाहिए। यदि बना हो तो उसका पालन सभी को स्वस्फूर्त करना चाहिए। वहीं नियमों को तोड़ने वालों पर पार्टी को अनुशासन का डंडा भी चलाना चाहिए जो कांग्रेस पार्टी ने अभी तक नही किया। यही वजह है कि इस तरह के वाकये खुलकर सामने आ रहे हैं और यही स्थिति रही तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मुंगेली जिले में फिर से निराशा हाथ लग सकती है...!

लोगों ने कहा- क्या हुआ उस संकल्प का ?

वैसे कुर्सी को लेकर जिस तरह से आज कांग्रेसियों में घमासान देखने को मिला लोगों की जुबान पर आज तेजी से यह चर्चा चल पड़ा कि 2018 में कांग्रेस चुनाव जीतने के बाद सरकार में आई,,तब मुंगेली कांग्रेस विधायक मुक्त जिला बन गया। वो भी तब जब कांग्रेस की लहर थी, 2018 में यहाँ कांग्रेस से एक भी विधायक नहीं बन पाए,,आत्ममंथन और चिंतन का दौर कांग्रेसियों का चलने के बाद मुंगेली जिले में कांग्रेसी नेताओं के द्वारा संकल्प लिया गया कि जब तक जिले में कांग्रेस के विधायक नहीं बनाएंगे तब तक कांग्रेस से कोई भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता किसी भी पार्टी के कार्यक्रम में मंच में लगे कुर्सी पर नही बैठेंगे।याने कुर्सी और मंच का मोह त्याग करने की बात हुई।लेकिन समय के साथ ये संकल्प भी भूली बिसरी यादों की तरह हो गई। इधर सामने में विधानसभा का चुनाव है और जिले के कांग्रेसियों में आपसी खींचतान मतभेद जिस तरह से दिखाई पड़ रहा है कहीं 2023 में भी पार्टी को न ले डूबे।

पार्टी को लेना चाहिए संज्ञान

2018 में कांग्रेसियों की गुटबाजी से जिला कांग्रेस विधायक मुक्त हो गया पार्टी के शीर्ष हाई कमान को यहां पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के बीच गहराइयों को पाटने के लिए न सिर्फ गंभीरता से लेना चाहिए बल्कि जरूरत पड़ने पर अनुशासन का डंडा भी चलाये जाने चाहिए ताकि सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सार्वजनिक रूप से तो कम से कम अनुशासित नजर आये लेकिन पार्टी की किसी तरह से कार्रवाई न करने से जिले में पार्टी की छवि जरूर धूमिल हो रही है..!

मुंगेली में कांग्रेसियों जैसी एकता पूरे प्रदेश में कहीं नहीं

इधर इस पूरे वाक़या को लेकर जिला कांग्रेस संग़ठन प्रभारी आलोक सिंह ठाकुर ने दावा किया है कि, 2018 में जो हुआ सो हुआ, इस बार ऐसी स्थिति नही आएगी। सभी लोग एक मंच पर हैं। सभी साथ हैं, आने वाले चुनाव में भी जिले के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम करेंगे। वहीं उन्होंने यह भी दावा किया कि मुंगेली में कांग्रसियों में जिस तरह से एकता है, पूरे प्रदेश में कहीं देखने को नहीं मिलेगी। अगर इस बात में सच्चाई है तो फिर जिला संगठन प्रभारी के सामने हुए कांग्रेसियों में खुलकर विवाद कम है तो फिर क्या पूरे छत्तीसगढ़ में इससे ज्यादा बुरा हाल है...!

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