CG politics :'चाचा वर्सेस भतीजा' पर डींगें हांकने लगे नेतागण, भतीजे को कोई बछड़ा तो कोई बता रहा बकरा ... भाजपाई भी कम नहीं, लिस्ट को ही जीत मान बैठे..

CG politics :चाचा वर्सेस भतीजा पर डींगें हांकने लगे नेतागण, भतीजे को कोई बछड़ा तो कोई बता रहा बकरा ... भाजपाई भी कम नहीं, लिस्ट को ही जीत मान बैठे..
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चन्द्रकान्त शुक्ला-


छत्तीसगढ़ में इसी साल नवंबर में विधानसभा का चुनाव होना है। प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और भाजपा, अपनी-अपनी तैयारियों को धार देने में लग गई हैं। शुक्रवार को 21 प्रत्याशियों की घोषणा कर भाजपा ने न सिर्फ सियासी पंडितों, कांग्रेसियों बल्कि अपनी ही पार्टी के नेताओं तक को चौंका दिया है। ज्यादातर नए चेहरे उतारकर भाजपा ने इस बात का संदेश देने की कोशिश की है कि, वह छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कोई कसर छोड़ने वाली नहीं है। हालांकि कल जिन 21 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम सामने आए, उनमें सबसे ज्यादा चर्चा पाटन क्षेत्र को मिल रही है। संभवत: भाजपा चाहती भी यही रही होगी। पिछले महीनेभर से प्रदेश में बघेल वर्सेस बघेल की चर्चा चल रही थी। दुर्ग सांसद विजय बघेल को सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ उतारकर पार्टी ने चाचा-भतीजे के बीच दिलचस्प चुनावी पटकथा लिखने की कोशिश की है।

सांढ के आगे बछड़ा.. बलि का बकरा..

लेकिन, इस घोषणा के साथ ही कांग्रेसी नेतागण सीएम भूपेश बघेल के सामने विजय बघेल को बौना साबित करने के लिए तरह-तरह की उपाधियों से नवाज रहे हैं। प्रदेश के मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि, सांढ़ के आगे बछड़े को उतार दिया। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज विजय बघेल को बलि का बकरा बता रहे हैं।

साव जी... आपकी ये बात कुछ हजम नहीं हुई...

हालांकि, कांग्रेसी ही अति आत्मविश्वास में हैं या फिर जता रहे हैं ऐसा नहीं है। प्रदेश भाजपाध्यक्ष भी प्रत्याशियों की घोषणा मात्र को ही जीत मानकर चल रहे हैं, ऐसा प्रतीत होता है। गुरुवार की देर शाम दिल्ली से लौटकर उन्होंने यहां तक कह दिया कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी इस बार पाटन से पलायन करना पड़ सकता है। उन्होंने अपने कथन के समर्थन में राहुल गांधी के अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ने का उदाहरण तक ठोंक डाला। श्री साव बोले कि, विजय बघेल को उतारने के बाद सीएम के लिए यहां कोई संभावना नहीं बची, अब वे या तो पाटन छोड़ सकते हैं या फिर पाटन के अलावा किसी और दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। अब उनके इस कथन के पीछे अति आत्मविश्वास भर है... या कोई ठोस रणनीति... यह तो वक्त ही बताएगा।

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